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27 जुलाई को माननीय उच्चतम न्यायालय की सुनवाई की तैयारी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

इस समय हमारे पास 3 महत्वपूर्ण मुद्दे है जिस पर हम सबकी चर्चा आवश्यक है । जिस पर प्रदेश स्तर और जिले स्तर की मीटिंग्स में कुछ निर्णय लिया जाना अनिवार्य है । पोस्ट जादा लंबी न हो इसलिए तीनो मुद्दों पर लिखूंगा कम लेकिन आप लोग समझे जादा -

(1)- सबसे पहले सबसे महत्वपूर्ण बात । साथियो अलग-अलग ग्रुप्स द्वारा होने वाली मीटिंग्स हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या का कारण है । सबकी अपनी ढपली अपना राग है । जिले स्तर पर सभी टेट सदस्यों द्वारा निर्णय करना मुश्किल हो जाता है की किसकी बात सही मानी जाये और किसको सहयोग किया जाये । कोर्ट में सब अपना वकील खड़ा करते है लेकिन ऐसा लगता है सबके वकील टेट मेरिट के बजाय अपने नेता के लिए लड़ रहे है । इन सबसे भी बड़ी समस्या ये है कि सुनवाई के बाद किसी का वकील गायब हो जाता है तो किसी का वकील गलत बहस करता है या फिर किसी का वकील मामले को समझे बिना ही अपना राग अलापने लगता है । कोई फ्री का वकील करता है तो कोई रिश्तेदार की पैरवी करता है ।
साथियो ये स्थिति हमारे लिए बहुत ही चिंता का विषय है । अब कोर्ट में शिक्षा मित्रो का ग्रुप भी हमारे विरोध में खड़ा होगा जो धन-बल दोनों से मजबूत है । ऐसे में हम अब भी अगर बँटे हुए रहे तो हमारे लिए समस्या बढ़ना तय है ।
साथियो अब समय आ गया है की हमे सभी नेताओ को अल्टीमेटम दे देना है -
1- सब लोग मिलकर केवल 2 सीनियर वकील खड़ा करो जिनकी फ़ीस सबके द्वारा सर्वजनिक रूप से तय हो ।
2- अगर पहले उपाय पर सहमति न बने तो कम से कम इस बात पर सहमति बनाओ की सब नेता मिलकर सबके वकील की ब्रीफिंग करेंगे जिससे सबके वकील भले ही अलग हो लेकिन एक टीम की तरह कार्य कर सके ।
यदि इन दो बातो में से किसी पर भी सहमति नहीं बन पाती तो अब जिले से किसी को भी पैसा नहीं देना है । भले  ही वकील खड़ा हो या न हो । नेताओ की सारी नौटँकी केवल अपना ईगो दिखाने और चंदे के पैसे पर कब्ज़ा करने के लिए की जाती है । इसलिये अब किसी का आरोप-प्रत्यारोप नहीं चलेगा । सब नेता जी एक हो जाओ यही हम सभी टेट पास की इच्छा है । इसे सभी टेट पास सेलेक्टेड लोगो का निवेदन और आदेश दोनों समझा जाये । राकेश यादव जी ने सभी को कल की मीटिंग में बुलाया है जिसमे उन्होंने भाई सुजीत सिंह और अवनीश जी को भी बुलाया है । मैं उनके इस कदम का स्वागत करता हु की उन्होंने आगे हाथ बढ़ाया है । राकेश भाई आपन प्रयास करते रहे और अवनीश जी तथा सुजीत भाई से निवेदन है की वो भी आगे आकर एक साथ खड़े हो जिससे पूरा प्रदेश हमारी एकता देख सके और आने वाली परिस्थितियों का हम जादा मजबूती से मुकाबला कर सके ।
(2)- साथियो दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है शिक्षा मित्रो और सरकार से सावधानी और तयारी की । हम सभी जानते है की 6 जुलाई के आदेश में सरकार से 15 वे संसोधन से सम्बंधित सभी डाक्यूमेंट्स और दुसरे राज्यो की चयन प्रक्रिया की जानकारी भी मांगी गयी है । हम पूरी तरह आश्वस्त है की इस मामले में हमारी विधिक टीम पूरी तरह तैयार है फिर भी शिक्षा मित्रो के हमारे केस के साथ जुड़ने के कारण हमें हर तरह की तयारी के साथ कोर्ट में उपस्थित होना चाहिए । शिक्षा मित्र अब टेट के साथ-साथ हमारी भर्ती का भी पुरजोर विरोध करेंगे । इसलिए हमे भी तैयार रहना चाहिए जिससे सरकार और इनका जवाब दिया जा सके ।
(3) साथियो तीसरा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है प्रशिक्षणोपरांत परीक्षा का । इस मुद्दे पर हम सबको दोनों तरह की तयारी रखनी चाहिए । एक तरफ परीक्षा की तयारी करते चले जिससे बाद में कोई समस्या न आये । सभी साथी अब परिज्ञान का हार्ड कॉपी बाजार से ले ले क्योकि सरकार अब नहीं देगी । दूसरी तरफ हमे इस मुद्दे पर कानूनी कदम उठाने के पहले बहुत सोच समझकर रणनीति बनाने की जरुरत है ।इसके लिए निम्न बातो पर विचार आवश्यक है -
1- हमें ये सोच लेना चाहिए की कानूनी प्रक्रिया में कितना टाइम लग सकता है ।
2- ncte का इस मुद्दे पर क्या रुख है
3-ये मुद्दा हाई कोर्ट में रिट के माध्यम से उठाया जाये या फिर 27 की सुनवाई में सीधे इसे सुप्रीम कोर्ट में रखा जाये ।
इन सब मुद्दों पर गहराई से विचार और सबकी सहमति के बाद ही कोई कदम उठाया जाना चाहिए । केवल अपनी नेतागीरी चमकाने के लिए हड़बड़ी में कोई कदम हमारे लिए दिक्कत पैदा कर सकता है ।
इस मुद्दे पर मेरा विचार है की इसे 27 की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में सीधे रखा जाये और कोर्ट में किसी परीक्षा की बात किये बिना हमारे वकील सिर्फ ये कहे की सरकार एक बार फिर ncte के मानको का उल्लंघन कर रही है और जिनका 6 महीने प्रशिक्षण पूरा हो गया है उनकी मौलिक नियुक्ति देने में अनावश्यक देरी कर रही है इसलिए सचिव महोदय इस पर भी जवाब दे । मित्रो इससे हम किसी परीक्षा की बात ही नहीं करेंगे और सरकार को भी अपना जवाब देना होगा की वो हमारी मौलिक नियुक्ति में देरी क्यों कर रही है और मौलिक नियुक्ति कब तक देगी । अगर सचिव साहब स्वयं परीक्षा की बात करते है तब भी वो स्वयं ही साफ़ करेंगे की परीक्षा किस नियम के तहत हो रही है ।
साथियो पोस्ट लंबी हो रही है इसलिए इन मुद्दों को आगे भी आपके सामने फिर रखूँगा लेकिन आप सब आपने जिला और प्रदेश स्तरीय मीटिंग्स में चर्चा जरूर करे जिससे सबकी सहमति और जवाब मिल सके ।
धन्यवाद


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