शाहजहांपुर। जिले में भर्ती हुए 2509
प्रशिक्षु शिक्षकों में से 75 प्रशिक्षुओं के भविष्य पर तलवार लटक गई है।
इनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों एवं अन्य प्रमाण पत्रों में हेरफेर की वजह से
बीएसए के स्तर से जांच की जा रही है।
जल्द ही इन सभी का अभ्यर्थन निरस्त किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के तहत जिले में 2800 की भर्ती होनी थी। इसके तहत छह बार में 2509 प्रशिक्षुओं को नियुक्ति पत्रों का वितरण किया गया था। इनका सैद्घांतिक प्रशिक्षण जिले में बीआरसी और नगर संसाधन केंद्र पर किया जा रहा है।
प्रशिक्षण के दौरान तमाम शिक्षकों का ऑनलाइन डेटा राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) शो नहीं कर रहा था। इसकी शिकायत प्रशिक्षु शिक्षकों ने डायट प्राचार्य और बीएसए से की थी। यह समस्या स्थानीय न होकर प्रदेश स्तर पर व्याप्त है।
इस पर एनसीईआरटी के निदेशक ने सभी जिलों को शिक्षकों का डेटा दोबारा एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। इसकी जांच करते हुए बीएसए ने पाया कि जिले में 2509 प्रशिक्षुओं में से 1458 का डेटा ऑनलाइन शो कर रहा है। इसमें 976 लोगों का टीईटी अनुक्रमांक फीड किए जाने से पहले जीरो का प्रयोग नहीं किया गया।जांच के दौरान पाया गया कि जिले में 75 प्रशिक्षुओं का डेटा मूल डेटा से भिन्न है। इस वजह से इनके अभ्यर्थन पर जांच के बाद निरस्तीकरण हो सकता है।
जांच में पाया कि चार शिक्षकों ने दो जिलों में नियुक्ति पत्र प्राप्त कर लिए हैं।
इसके साथ ही 22 लोगों के टीईटी अंक मिस मैच कर रहे हैं। जांच में कुछ अभ्यर्थी ऐसे पाए गए हैं, जिनका बीएड टीईटी पास करने से पहले हुआ था।
वहीं कई तो ऐसे हैं जिनके स्नातक में अंक 45 प्रतिशत से कम है। इनमें से तमाम शिक्षकों के भविष्य पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
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जल्द ही इन सभी का अभ्यर्थन निरस्त किया जा सकता है।
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प्रशिक्षण के दौरान तमाम शिक्षकों का ऑनलाइन डेटा राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) शो नहीं कर रहा था। इसकी शिकायत प्रशिक्षु शिक्षकों ने डायट प्राचार्य और बीएसए से की थी। यह समस्या स्थानीय न होकर प्रदेश स्तर पर व्याप्त है।
इस पर एनसीईआरटी के निदेशक ने सभी जिलों को शिक्षकों का डेटा दोबारा एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। इसकी जांच करते हुए बीएसए ने पाया कि जिले में 2509 प्रशिक्षुओं में से 1458 का डेटा ऑनलाइन शो कर रहा है। इसमें 976 लोगों का टीईटी अनुक्रमांक फीड किए जाने से पहले जीरो का प्रयोग नहीं किया गया।जांच के दौरान पाया गया कि जिले में 75 प्रशिक्षुओं का डेटा मूल डेटा से भिन्न है। इस वजह से इनके अभ्यर्थन पर जांच के बाद निरस्तीकरण हो सकता है।
जांच में पाया कि चार शिक्षकों ने दो जिलों में नियुक्ति पत्र प्राप्त कर लिए हैं।
इसके साथ ही 22 लोगों के टीईटी अंक मिस मैच कर रहे हैं। जांच में कुछ अभ्यर्थी ऐसे पाए गए हैं, जिनका बीएड टीईटी पास करने से पहले हुआ था।
वहीं कई तो ऐसे हैं जिनके स्नातक में अंक 45 प्रतिशत से कम है। इनमें से तमाम शिक्षकों के भविष्य पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
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