शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने सात शिक्षकों के सत्यापन में फर्जी
अभिलेख निकले हैं। इन सभी शिक्षकों की जल्द ही नियुक्ति निरस्त कर उनके
खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। इन शिक्षकों को नोटिस भी जारी किए जाने की
तैयारी चल रही है।
कुछ और समायोजित शिक्षकों के फर्जी होने की भी विभाग में चर्चा चल रही है। उनकी सत्यापन रिपोर्ट को भी देखा जा रहा है। फर्जी निकले यह सभी शिक्षक दूसरे बैच के हैं।
काबिलेगौर हो कि प्रदेश सरकार ने वर्षों से प्राथमिक स्कूलों में कार्य कर रहे शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया था।
जिले में पहले बैच में 11 सौ शिक्षामित्रों को इस पद पर समायोजित कर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति दे दी गई थी। इसके बाद दूसरे बैच के करीब छह सौ शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया। शासन के निर्देश पर समायोजित करने के बाद इन सभी के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के शैक्षिक अभिलेखों को संबंधित बोर्ड और संस्थाओं को सत्यापन के लिए भेज दिया गया। यब भी बता दें कि जिस समय इन्हें नियुक्ति दी जा रही थी, तब भी कई शिक्षामित्रों के अभिलेख फर्जी होने की बात सामने आई थी।
बीएसए कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दूसरे बैच के समायोजित सहायक अध्यापकों की सत्यापन रिपोर्ट पिछले दिनों प्राप्त हो गई। सत्यापन रिपोर्ट के मुताबिक समायोजित शिक्षक मनोज कुमार, अनीता यादव, जावेद अली, सविता सक्सेना, रशिम मिश्रा, संतोष पटेल और कमरूल हसन के अभिलेख फर्जी पाये गए हैं। बताया कि इनमें किसी के हाईस्कूल, इंटर तो किसी के स्नातक के अभिलेख फर्जी हैं। उन्हीं के सहारे इन्होंने नौकरी पाई है। ज्यादातर वृंदावन स्थित विश्वविद्यालय के अभिलेख हैं। सूत्रों ने बताया कि फर्जी निकले इन शिक्षकों को भी नोटिस के जरिए सूचना दी जा रही है। संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों के पास रिपोर्ट पहुंच गई है। इनके अलावा कुछ और समायोजित शिक्षकों के फर्जी अभिलेख होने की बात जोरों पर चल रही है। उनकी सत्यापन रिपोर्ट को भी देखा जा रहा है। जल्द ही उनके खिलाफ भी विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
अमर उजाला ने पहले ही छापी थी खबर
बदायूं। अमर उजाला ने पहले ही यह खबर दी थी कि समायोजित हुए शिक्षामित्रों में 137 के शैक्षिक अभिलेख संदिग्ध हैं। तब विभाग ने कहा था कि उनका सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि फर्जी निकले यह समायोजित शिक्षक उन्हीं में से हैं।
बीएसए आनंद प्रकाश का कहना है कि हां सत्यापन रिपोर्ट में इन सभी के शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए गए हैं। इनकी नियुक्ति जल्द ही निरस्त कर दी जाएगी। यह किन-किन ब्लाक क्षेत्रों के विद्यालयों में कार्यरत हैं यह पता लगाया जा रहा है। तब संबंधित थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
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कुछ और समायोजित शिक्षकों के फर्जी होने की भी विभाग में चर्चा चल रही है। उनकी सत्यापन रिपोर्ट को भी देखा जा रहा है। फर्जी निकले यह सभी शिक्षक दूसरे बैच के हैं।
काबिलेगौर हो कि प्रदेश सरकार ने वर्षों से प्राथमिक स्कूलों में कार्य कर रहे शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया था।
जिले में पहले बैच में 11 सौ शिक्षामित्रों को इस पद पर समायोजित कर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति दे दी गई थी। इसके बाद दूसरे बैच के करीब छह सौ शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया। शासन के निर्देश पर समायोजित करने के बाद इन सभी के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के शैक्षिक अभिलेखों को संबंधित बोर्ड और संस्थाओं को सत्यापन के लिए भेज दिया गया। यब भी बता दें कि जिस समय इन्हें नियुक्ति दी जा रही थी, तब भी कई शिक्षामित्रों के अभिलेख फर्जी होने की बात सामने आई थी।
बीएसए कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दूसरे बैच के समायोजित सहायक अध्यापकों की सत्यापन रिपोर्ट पिछले दिनों प्राप्त हो गई। सत्यापन रिपोर्ट के मुताबिक समायोजित शिक्षक मनोज कुमार, अनीता यादव, जावेद अली, सविता सक्सेना, रशिम मिश्रा, संतोष पटेल और कमरूल हसन के अभिलेख फर्जी पाये गए हैं। बताया कि इनमें किसी के हाईस्कूल, इंटर तो किसी के स्नातक के अभिलेख फर्जी हैं। उन्हीं के सहारे इन्होंने नौकरी पाई है। ज्यादातर वृंदावन स्थित विश्वविद्यालय के अभिलेख हैं। सूत्रों ने बताया कि फर्जी निकले इन शिक्षकों को भी नोटिस के जरिए सूचना दी जा रही है। संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों के पास रिपोर्ट पहुंच गई है। इनके अलावा कुछ और समायोजित शिक्षकों के फर्जी अभिलेख होने की बात जोरों पर चल रही है। उनकी सत्यापन रिपोर्ट को भी देखा जा रहा है। जल्द ही उनके खिलाफ भी विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
अमर उजाला ने पहले ही छापी थी खबर
बदायूं। अमर उजाला ने पहले ही यह खबर दी थी कि समायोजित हुए शिक्षामित्रों में 137 के शैक्षिक अभिलेख संदिग्ध हैं। तब विभाग ने कहा था कि उनका सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि फर्जी निकले यह समायोजित शिक्षक उन्हीं में से हैं।
बीएसए आनंद प्रकाश का कहना है कि हां सत्यापन रिपोर्ट में इन सभी के शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए गए हैं। इनकी नियुक्ति जल्द ही निरस्त कर दी जाएगी। यह किन-किन ब्लाक क्षेत्रों के विद्यालयों में कार्यरत हैं यह पता लगाया जा रहा है। तब संबंधित थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
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