प्राथमिक स्कूलों में इधर हुई भर्ती के साथ वहां की मौजूदा स्थिति की
पड़ताल की जा रही है। बेसिक शिक्षा परिषद प्रदेश भर में तैनात शिक्षकों की
रिपोर्ट बना रहा है। इससे यह पता चलेगा कि स्वीकृत पदों के सापेक्ष कितने
शिक्षकों की तैनाती हुई है और कितने पद खाली हैं।
यह रिपोर्ट शिक्षामित्रों की नियुक्ति के लिए भी कारगर रहेगी, क्योंकि शिक्षकों की कमी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में उनकी तैनाती बरकरार रखने के लिए वाजिब दलील दी जा सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट प्रदेश में तैनात शिक्षा मित्रों एवं 72825 शिक्षकों की भर्ती की सुनवाई एक साथ कर रहा है।
पिछली सुनवाई में शीर्ष कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगनादेश जारी कर दिया था। साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती के तहत 12091 अभ्यर्थी एवं 1100 याचियों की नियुक्ति का निर्देश दिया था। ऐसे में शिक्षामित्र तो बहाल हो गए, 12091 की काउंसिलिंग हो चुकी है और 1100 याचियों की काउंसिलिंग के बाद नियुक्ति पत्र बांटने की प्रक्रिया इधर गतिमान रही। इस मामले की 24 फरवरी से सुनवाई होनी है। इससे परिषद चौकन्ना है और सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से शिक्षकों की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट तलब की है। मांगी गई रिपोर्ट में सिर्फ प्राथमिक स्कूल ही नहीं बल्कि उच्च प्राथमिक यानी जूनियर स्कूलों की स्थिति भी भेजनी है। परिषद ने हर जिले से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र का अलग-अलग ब्योरा मांगा है, वहीं विद्यालय की संख्या, प्रधानाध्यापक के सृजित पद, कार्यरत एवं रिक्त ऐसे ही सहायक अध्यापक के सृजित पद, कार्यरत एवं रिक्त की सूचनाएं तय फार्मेट में भरकर भेजनी है। सचिव ने बीएसए से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुज्ञा याचिका का भी जिक्र किया है और लिखा है कि उसी के तहत तत्काल यह रिपोर्ट मांगी जा रही है। दरअसल शिक्षा मित्रों की बहाली के समय भी यही दावा किया गया था कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बहुत कम है यदि शिक्षामित्र बाहर होंगे तो पूरा ढांचा चरमरा जाएगा। इस बार फिर पूरी तैयारी की जा रही है।
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यह रिपोर्ट शिक्षामित्रों की नियुक्ति के लिए भी कारगर रहेगी, क्योंकि शिक्षकों की कमी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में उनकी तैनाती बरकरार रखने के लिए वाजिब दलील दी जा सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट प्रदेश में तैनात शिक्षा मित्रों एवं 72825 शिक्षकों की भर्ती की सुनवाई एक साथ कर रहा है।
पिछली सुनवाई में शीर्ष कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगनादेश जारी कर दिया था। साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती के तहत 12091 अभ्यर्थी एवं 1100 याचियों की नियुक्ति का निर्देश दिया था। ऐसे में शिक्षामित्र तो बहाल हो गए, 12091 की काउंसिलिंग हो चुकी है और 1100 याचियों की काउंसिलिंग के बाद नियुक्ति पत्र बांटने की प्रक्रिया इधर गतिमान रही। इस मामले की 24 फरवरी से सुनवाई होनी है। इससे परिषद चौकन्ना है और सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से शिक्षकों की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट तलब की है। मांगी गई रिपोर्ट में सिर्फ प्राथमिक स्कूल ही नहीं बल्कि उच्च प्राथमिक यानी जूनियर स्कूलों की स्थिति भी भेजनी है। परिषद ने हर जिले से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र का अलग-अलग ब्योरा मांगा है, वहीं विद्यालय की संख्या, प्रधानाध्यापक के सृजित पद, कार्यरत एवं रिक्त ऐसे ही सहायक अध्यापक के सृजित पद, कार्यरत एवं रिक्त की सूचनाएं तय फार्मेट में भरकर भेजनी है। सचिव ने बीएसए से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुज्ञा याचिका का भी जिक्र किया है और लिखा है कि उसी के तहत तत्काल यह रिपोर्ट मांगी जा रही है। दरअसल शिक्षा मित्रों की बहाली के समय भी यही दावा किया गया था कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बहुत कम है यदि शिक्षामित्र बाहर होंगे तो पूरा ढांचा चरमरा जाएगा। इस बार फिर पूरी तैयारी की जा रही है।
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