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वंचित शिक्षामित्रों को करना होगा और इंतजार , फैसले पर टक-टकी लगाए रहे शिक्षामित्र , अग्रिम सुनवाई को 27 जुलाई की तिथि नियत

जागरण संवाददाता, एटा: बेसिक विद्यालयों में समायोजन से वंचित रहे एटा जिले के सवा दो सौ शिक्षामित्रों को अभी न्याय के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए दाखिल दो रिटों पर कोई फैसला अभी नहीं हो सका है।
अग्रिम सुनवाई को 27 जुलाई की तिथि नियत कर दी गई है। वंचित शिक्षामित्रों को राज्य सरकार से न्याय की कोई उम्मीद नहीं रही है। वे राज्य सरकार को कोस रहे हैं।
दरअसल प्रदेश में समायोजन से वंचित रहे 26 हजार शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में दो रिटें न्याय पाने के लिए योजित की थीं, इनमें एक रिट सुप्रीम कोर्ट के जज दीपक मिश्रा की बैंच में न्यायालय संख्या 4 में सोमवार के लिए सुनवाई को लिस्ट थी। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी और सरकार के नोडल अधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव ने बहस के दौरान वंचित शिक्षामित्रों के समायोजन के बाबत अपने तर्क प्रस्तुत किए, ¨कतु सुप्रीम कोर्ट के जज दीपक मिश्रा की बैंच द्वारा शेष सुनवाई के लिए 27 जुलाई की अग्रिम तिथि नियत कर दी गई। अब बेसिक विद्यालयों में समायोजन से वंचित शिक्षामित्रों को एक पखवाड़े तक न्याय के लिए और इंतजार करना होगा।
जिले में इतने शिक्षामित्र हुए हैं समायोजित
एटा जनपद में बेसिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों की कुल 1700 संख्या थी, इनमें 1470 शिक्षामित्र शिक्षकों के पद पर समायोजित हो चुके हैं। 225 शिक्षामित्र अभी समायोजन से वंचित हैं, जबकि पूरे प्रदेश में द्वितीय बैच के 14 हजार और तृतीय बैच के 12 हजार शिक्षामित्र शिक्षक पद पर समायोजित होने से वंचित रह गए हैं। जिनकी दो रिटें सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन बनी हुई हैं।
फैसले पर टक-टकी लगाए रहे शिक्षामित्र
सोमवार को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को लेकर जनपद के शिक्षामित्र संगठनों की निगाहें फैसले पर टकटकी लगाए रहीं। दोपहर 1 बजे तक जब सुप्रीम कोर्ट ने अधूरी बहस के बाद ही अग्रिम सुनवाई को 27 जुलाई की तिथि नियत कर दी। ऐसे में तमाम शिक्षामित्रों को निराश होना पड़ा। राज्य सरकार से पहले ही वंचित शिक्षामित्रों की न्याय की उम्मीदें टूट चुकी हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही उनकी अंतिम उम्मीदें टिकी हैं। प्राथमिक विद्यालय नगला सुभान, सकीट के प्रवीन कुमार, अवागढ़ के दुर्वेश प्रताप ¨सह, निधौलीकलां की वीनेश कुमारी, मिरहची के इमरान, नगला केवल के वीरपाल ¨सह और अमृतपुर अलीगंज के मुकेश यादव ने कहा है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की पूरी उम्मीद है।

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