शिक्षामित्र समायोजन : गाजी जी पहले भी शिक्षामित्रों के हितैशी थे आज भी हैं आगे भी रहेंगे

मित्रों आप सबने उपर का दोनों पोस्ट पढ़ लिया होगा । अब जावेद मियाँ की पोस्ट पर गौर फ़रमाएं । ए कहते हैं पराग त्रिपाठी के कहने से 27 जुलाई को केस टैग हो गया और सब किए कराए पर पानी फ़िर गया । एक पाकिस्तान के क्रिकेटर जावेद मियाँ दाद थे
जो हिन्दुसतान के बल्लेबाजों को दाद खाज खुजली सब दे  देते थे यानी परेशान कर रखे थे एक ए जावेद हैं जो हवा में ही सबकोखुजली देने की कोशिश कर रहे हैं । ना इनको शर्म है ना इनके आका को शर्म है और नाही इनके चंद मुटिठी भर चमचों को शर्म है ।मैने शुरूआती दौर में ही सबसे आग्रह किया था कि कोई किसी की बुराई नहीं करेगा सब अपना अपना काम इमानदारी से करें पर कुछ चाटुकारों के वजह से लिखना पड़ रहा है । जब गाजी जी सलमान खुर्शीद जी को रखे थे तो यही चमचे कहते थे कि गाजी जी कांग्रेस से टिकट लेना चाह रहे हैं । सभी वकील कांग्रेस से क्यों लिए और जब आज आपने किया तो कोई कुछ नहीं कह रहा है । आप गाजी जी के वकील को कह रहे हैं कि इनके कहने से केस 27 को टैग हो गया । तब तो बड़ी अच्छी बात है । गाजी के वकील में इतना पावर है कि कहने से केस टैग हो गया तबतो कह देंगे जज साहब शिक्षामित्रों के पक्ष में फ़ैसला दे दीजिए तो फ़ैसला भी आ जाएगा । अपने वकील के बारे में बोलिए की कैसी ब्रिफ़िंग आप सबने की थी कि कोर्ट में बोल ही नहीं पाए । आप सब काम में न ध्यान लगाते हैं और न ही इमानदारी बरतते हैं । जिसके कारण हर बार मुहंकी खाते हैं और सबसे पहले पोस्ट गाजी जी के खिलाफ़ डालते हैं ।इस बार भी विरोध में  पोस्ट डालने  का मकसद यही था कि चौदह हजार अवशेष की सहानुभूति ले लें । उनको अपने पक्ष में करके लूट का धंधा शुरू कर दें । अवशेष इतना अज्ञानी नहीं है । वह आपकी चाल को भलिभांति समझ रहा है।  गाजी जी पहले भी शिक्षामित्रों के हितैशी थे आज भी हैं आगे भी रहेंगे ।
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