लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। राज्य में 3870 स्टॉफ नर्सों की भर्ती का फैसला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने 2930 व चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 940 पदों के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पास अधियाचन भेजा है।
जिला अस्पताल हों या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सभी कई वर्षों से नर्सों की समस्या से जूझ रहे थे। इस वर्ष खुले या खुल रहे अस्पतालों को छोड़ दिया जाए, तो भी स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में नर्सों के 2245 पद रिक्त थे।
स्टॉफ नर्स के कुल सृजित 6143 पदों की तुलना में महज 3898 नर्सें ही तैनात हैं। इस बीच नए अस्पताल भी तेजी से खुले हैं। छह वर्षों से नर्सों की नयी भर्ती न होने से यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। नर्सिंग सेवा नियमावली बदलने के बाद इनकी भर्ती का जिम्मा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को सौंप दिया गया है। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने बताया कि नए अस्पताल खुलने के बाद बदली जरूरतों के अनुसार 2930 पदों के लिए अधियाचन आयोग को भेज दिया गया है। वहां पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है, ताकि परीक्षा के माध्यम से पारदर्शी तरीके से नियुक्तियां हो सकें।
उधर मेडिकल कालेजों से जुड़े अस्पताल भी नर्सों की कमी से जूझ रहे हैं। नए खुले अम्बेडकर नगर, कन्नौज, जालौन, आजमगढ़ व सहारनपुर मेडिकल कालेजों में ही नर्सों के 433 पद रिक्त हैं। अन्य मेडिकल कालेजों में 507 पद रिक्त हैं। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी ने बताया कि 940 पदों पर नर्सों की भर्ती के लिए अधियाचन लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है। वे स्वयं आयोग के अध्यक्ष से भेंट कर जल्दी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को कहेंगे, ताकि अस्पतालों का कामकाज भी रफ्तार पकड़ सके।
संविदा पर तैनात नर्सों को अधिमान
कई वर्षों से नर्सों की कमी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग नर्सों को संविदा पर तैनात कर काम चला रहा है। अब स्थायी भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने पर इन्हें अधिमान (वेटेज) देने का फैसला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर काम करने वाली नर्सों को एक वर्ष के लिए तीन अंक अधिमान के साथ अधिकतम पांच वर्षों तक के लिए 15 अंक अधिमान वेटेज के रूप में दिये जाएंगे। 85 अंकों की प्रवेश परीक्षा होगी। अधिमान मिलाकर मेरिट बनेगी और उसके अनुसार भर्तियां होंगी।
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