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शिक्षक भर्ती में करीब 50 हजार अभ्यर्थी परेशान नहीं कर पा रहे आवेदन : परीक्षा परिणाम ने दावेदारी से रोका

इलाहाबाद : बीटीसी ही नहीं बीएड के रिजल्ट ने भी युवाओं को शिक्षक बनने से रोक दिया है। प्रदेश भर के करीब 50 हजार युवाओं का रिजल्ट अटका है इससे वह अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में स्नातक शिक्षक एवं  प्रवक्ता बनने के लिए दावेदारी तक नहीं कर पा रहे हैं। युवाओं ने बीएड का परिणाम जल्द घोषित कराने की मांग की है।
1बीएड सत्र 2013-14 की परीक्षा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने कराई थी। इसके लिए पहले एवं दूसरे चरण की काउंसिलिंग भी कराई गई। उस दौरान बड़ी संख्या में काउंसिलिंग में पहुंचे अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए कालेज का आवंटन नहीं हो सका था। यह प्रकरण तूल पकड़ने पर शासन ने निर्देश दिया कि जिन कालेजों में सीटें रिक्त हैं वहां जाकर अभ्यर्थी दाखिला ले सकते हैं।

1ऐसे में युवाओं ने मनचाहे कालेजों में प्रवेश पा लिया। बाद में विश्वविद्यालय ने बिना काउंसिलिंग वाले अभ्यर्थियों की परीक्षा कराने से मना कर दिया। युवाओं ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी और तब परीक्षा कराई गई। अभ्यर्थी बताते हैं कि आगरा विश्वविद्यालय में सबसे बाद में जुलाई 2015 में परीक्षा कराई गई।1 बाकी विश्वविद्यालयों में पहले ही इम्तिहान हो चुके थे। उन सभी का रिजल्ट आज तक जारी नहीं हुआ है। इसमें करीब 50 हजार युवा परेशान हैं वह अब शिक्षक बनने के लिए कहीं भी दावेदारी नहीं कर पा रहे हैं। इन दिनों माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में टीजीटी-पीजीटी 2016 के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं, लेकिन बीएड के रिजल्ट ने बड़ी संख्या में युवाओं का रास्ता रोक दिया गया है। वह परीक्षा परिणाम जारी कराने के लिए आंदोलन की राह चलने की तैयारी कर रहे हैं।
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