प्रसं, लखनऊ: सीतापुर के परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में उर्दू शिक्षक के पद पर नौकरी के लिए एक आवेदक ने अधिकारियों से मिलकर अपने टीईटी के नंबरों में हेराफेरी करवाई। इससे उसका नाम मेरिट लिस्ट में काफी
ऊपर आ गया। हालांकि इसका असर जब दूसरे आवेदक की मेरिट पर पड़ा तो उसने आरटीआई लगा दी।
इसमें सामने आया कि भर्ती के लिए तैयार मेरिट सूची में हेराफेरी हुई है।
हेराफेरी का खुलासा
अलीमुद्दीन ने आवेदन पत्र के साथ अपनी शैक्षिक योग्यता का जो ब्योरा दिया उसके मुताबिक जामिया उर्दू अलीगढ़ से उन्होंने मोअल्लि-ए-उर्दू का प्रशिक्षण लिया, जिसमें उन्हें शैक्षिक परीक्षा में 400 में 168 नंबर और प्रयोगिक परीक्षा में 200 में 105 नंबर मिले थे। जबकि सहायक अध्यापक की काउंसलिंग के बाद जारी अंतिम चयन सूची में उनके शैक्षिक परीक्षा में 400 में 248 नंबर और प्रयोगिक परीक्षा में 200 में 125 नंबर दिखाए गए थे। खुलासे के बाद अब महबूब अली न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है।
कई जिलों में धांधली
सहायक अध्यापकों (उर्दू) की भर्ती में धांधली का लगातार खुलासा हो रहा है। इससे पहले लखीमपुर खीरी में भर्ती के बाद दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान दस आवेदकों की डिग्रियां फर्जी पाई गई थीं, जिसकी जांच चल रही है। वहीं, बलरामपुर में हुईं नब्बे सहायक अध्यापकों की भर्ती में पांच आवेदकों के टीईटी के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे।
खैराबाद के महबूब अली ने सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आवेदन किया था। मैरिट लिस्ट में रैंक कम होने की वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिली। मेरिट लिस्ट में उनसे कम नंबर वाले बिसवां के अलीमुद्दीन का नाम उनसे काफी ऊपर था। इस पर उन्होंने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, खैराबाद से आरटीआई के जरिए अलीमुद्दीन के आवेदन पत्र और मेरिट लिस्ट की फोटो कॉपी मांगी।
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ऊपर आ गया। हालांकि इसका असर जब दूसरे आवेदक की मेरिट पर पड़ा तो उसने आरटीआई लगा दी।
इसमें सामने आया कि भर्ती के लिए तैयार मेरिट सूची में हेराफेरी हुई है।
हेराफेरी का खुलासा
अलीमुद्दीन ने आवेदन पत्र के साथ अपनी शैक्षिक योग्यता का जो ब्योरा दिया उसके मुताबिक जामिया उर्दू अलीगढ़ से उन्होंने मोअल्लि-ए-उर्दू का प्रशिक्षण लिया, जिसमें उन्हें शैक्षिक परीक्षा में 400 में 168 नंबर और प्रयोगिक परीक्षा में 200 में 105 नंबर मिले थे। जबकि सहायक अध्यापक की काउंसलिंग के बाद जारी अंतिम चयन सूची में उनके शैक्षिक परीक्षा में 400 में 248 नंबर और प्रयोगिक परीक्षा में 200 में 125 नंबर दिखाए गए थे। खुलासे के बाद अब महबूब अली न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है।
कई जिलों में धांधली
सहायक अध्यापकों (उर्दू) की भर्ती में धांधली का लगातार खुलासा हो रहा है। इससे पहले लखीमपुर खीरी में भर्ती के बाद दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान दस आवेदकों की डिग्रियां फर्जी पाई गई थीं, जिसकी जांच चल रही है। वहीं, बलरामपुर में हुईं नब्बे सहायक अध्यापकों की भर्ती में पांच आवेदकों के टीईटी के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे।
खैराबाद के महबूब अली ने सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आवेदन किया था। मैरिट लिस्ट में रैंक कम होने की वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिली। मेरिट लिस्ट में उनसे कम नंबर वाले बिसवां के अलीमुद्दीन का नाम उनसे काफी ऊपर था। इस पर उन्होंने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, खैराबाद से आरटीआई के जरिए अलीमुद्दीन के आवेदन पत्र और मेरिट लिस्ट की फोटो कॉपी मांगी।
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