अम्बेडकर नगर।
प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता हमेशा से ही विवादों
में रही है। इन विद्यालयों में लाख जतन करने के बावजूद शिक्षा के स्तर में
कोई सुधार होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। एक तरफ जहां लोग अपने बच्चों के
भविष्य को अच्छा बनाने के लिए प्राइवेट स्कूलों में भेजना पसंद कर रहे हैं,
वहीं दूसरी तरफ परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों की कार्य प्रणाली के
कारण भी लोग इन स्कूलों में बच्चों को भेजना पसंद नहीं करते हैं। परिषदीय
स्कूलों में तैनात शिक्षकों के बारे में यह शिकायत प्रायः रहती है कि,
अधिकांश शिक्षक समय पर विद्यालय नहीं पहुंचते और जब तक मर्जी होती है
विद्यालय में रुकते हैं, जब मर्जी में आता है चले जाते हैं।
अध्यापकों
की इन शिकायतों को शिक्षा विभाग की तरफ से बहुत प्रयास किया गया। लेकिन
कोई सार्थक परिणाम नहीं आया। अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बेडकर नगर एक
ऐसा कदम उठाया है। जिसको जानकर लापरवाह अध्यापकों के होश फाख्ता हो गए
हैं। बी एस ए जे एन सिंह ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों और सभी शंकुल
प्रभारियों को पत्र जारी कर उन्हें निर्देश दिया है कि, 20 जुलाई को राज्य
स्तर पर हुई बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार अब सभी शंकुल प्रभारियों
को उनके क्षेत्र के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के मोबाइल पर फोन
करके उसी फोन से विद्यालय के अन्य अध्यापकों, शिक्षा मित्रों और प्रेरकों
से सुबह 8 बजे ही बात करनी है और विद्यालय के कुछ छात्रों से भी बात करके
इसका ब्यौरा एक रजिस्टर में लिखकर रोज खंड शिक्षा अधिकारी से सीन कराना है।
यह प्रक्रिया शंकुल प्रभारियों को दिन में दो बार करनी है। बेसिक
शिक्षाधिकारी द्वारा जारी किये गए इस पत्र से सभी परिषदीय स्कूलों में
तैनात अध्यापकों, शिक्षा मित्रों और प्रेरकों में हड़कम्प मच गया है। माना
यह जा रहा है कि, अगर इस पर ठीक ढंग से अमल किया गया तो जल्द ही परिषदीय
विद्यालयों के दिन सुधर जाएंगे।
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