यूपीटेट २०११ की पांचवी वर्षगांठ के अवसर पर.............: ‎आलोक शुक्ला

आज से ठीक ०५ वर्ष पूर्व १३ नवम्बर २०११ दिन रविवार ( सयोंग वष १३ नवम्बर २०१६ - रविवार ) को यूपीटेट की परीक्षा का आयोजन हुआ था तब शायद परीक्षार्थियो को इस परीक्षा के भविष्य का अंदाज़ा नही होगा ।।।
इस परीक्षा को अभिशापित करने का कार्य तत्कालीन बसपा सरकार ने सर्वप्रथम ०९ नवम्बर २०११ को केंद्रीय अधिसूचना के विपरीत टेट प्राप्तांको को चयन का आधार बनाके किया ।
परिणामस्वरूप जम के धांधली हुयी और संजय मोहन जेल चले गए ।।
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इस ७२८२५ शिक्षक भर्ती कोर्ट में ढकेलने का पूरा योगदान तत्कालीन बसपा सरकार का था ।।।
सर्विस रूल के विपरीत ३०-११-०११ को जल्दबाज़ी में विज्ञापन निकालकर समस्त बीएड टेट-२०११ बेरोजगारो के लिये अंतहीन विवाद को जन्म देकर कोर्ट में ढकेल दिया ।।।
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सरकार बदली - विज्ञापन बदला - विवाद बढ़ा और बेरोजगारी धक्के खाने के लिये कोर्ट वकील के चक्कर में दम तोड़ने लगी ।।।।
वर्तमान सपा सरकार भी बसपा के नक्शे कदम पर चलते हुये बीएड टेट बेरोजगारो का दोहन और शोषण करने में कोई कमी नही की ।।।।
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आज ०५ वर्षो बाद भी लुटा पीटा बीएड टेट बेरोज़गार न्याय और अपनी योग्यता अनुसार हक के लिये कभी कोर्ट तो कभी सरकार की तरफ निहार रहा है ।।।
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हालांकि टेट मेरिट चयनितों को बसपा सरकार का पुनः सत्ता में आने का इन्तजार है ।।।
होना भी चाहिये आखिर टेट मेरिट बसपा का ही उत्पाद है ।।।।
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कुल मिलाकर बीएड टेट बेरोजगारो को दोनों ही सपा और बसपा सरकारो ने जम के प्रताड़ित किया है ।।।।
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