22 फरवरी 2017 को मुकदमा का निपटना अब तय

30 Jan की सुनवाई : आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस श्री दीपक मिश्रा जी की पीठ में उत्तर प्रदेश की हाई कोर्ट से 99 हजार अवैध हो चुकी भर्ती को वैध किये जाने की मांग करने वाली याचिका की सुनवाई थी ।
पिछले सप्ताह में प्रतिवादी को नोटिस दिया जा चुका था ।
आज स्टेट ने सीनियर वकील श्री पीएन मिश्रा को उतारा ।
सबसे पहले आज दुष्यन्त दवे ने हाई कोर्ट के आर्डर पर स्थगन की मांग की जिसे कि जस्टिस श्री मिश्रा ने इंकार कर दिया क्योंकि स्थगन करने पर टीईटी मेरिट से संपन्न प्रक्रिया फंस जाती ।
अधिवक्ता आनंद नंदन ने कहा कि अब भी स्टेट 16420 पदों पर विज्ञापन निकालकर भर्ती कर रही है ।
इस पर जस्टिस श्री दीपक मिश्रा ने कहा कि आचार संहिता में क्या भर्ती होगी तो फिर नंदन ने कहा कि आवेदन लिया जा रहा है तब न्यायमूर्ति ने कहा कि State is irritating me we should call Chief Secretary .
इस पर स्टेट के वकील पीएन मिश्रा ने जबरजस्त बहस की कि पिछले तीन वर्ष से आपने मेरा मुकदमा स्वीकार किया है और मुझे भरोसा है कि मै जीत जाऊँगा क्योंकि NCTE मुझपर टीईटी वेटेज नहीं थोप सकती है।
मिनिमम क्वालिफिकेशन मैंने लागू किया है, मेरे पास संविधान के आर्टिकल 309 के तहत सर्विस रूल है उससे भर्ती करूँगा ।
वर्तमान में टीईटी मेरिट रुल में नहीं है इसलिए मैं उससे भर्ती नहीं करूँगा और मेरा मुकदमा आपके यहाँ चल रहा है इसलिए सिलेक्शन बेस में अमेंड नहीं करूँगा ।
आप तीन वर्ष मुकदमा नहीं निर्णीत करोगे तो क्या यूपी में कोई भर्ती ही नहीं होगी ?
इस पर न्यायमूर्ति ने मुकदमा CA 4347-4375/14 में कनेक्ट कर दिया जिसकी सुनवाई दिनांक 22 फरवरी 2017 को है ।
इस पर अधिवक्ता दुष्यन्त दवे ने कहा कि मुझे स्थगन नहीं दे रहे हो कि कहीं मुझे स्कूल से निकाल न दिया जाये तो जस्टिस श्री दीपक मिश्रा ने कहा कि आर्डर में मेंशन कर दे रहा हूँ कि बगैर आपको अंतिम रूप से सुने आपको निकाला नहीं जायेगा ।
इस प्रकार मुकदमा का निपटना अब तय है ।
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