तहकीकात : साहब नहीं चाहते कि 839 और अवशेष याची उनके लिये खतरा बनें

तहकीकात : आज कुंडू सर की पोस्ट को लेकर बवाल मचा हुआ है,कल मानबहादुर की पोस्ट को लेकर इतना बवाल मचा कि उन्हे पोस्ट एडिट करनी पड़ गयी थी।इन बवालों का कारण था दोनो महानुभावों का 105/90 का जिक्र करना...
दरसल होता ये है कि कभी कभी इस तरह की हरकते मूर्खता की वजह से हो जाती है और कभी कभी लोग शातिराना अन्दाज से इस तरह की हरकतों को अंजाम देते हैं।थोड़ी पड़ताल करते है कुंडू सर की पोस्ट के उस विवादित हिस्से की।कुंडू सर के सूत्र ने बताया 105/90 का जी ओ जारी हो सकता है ,लेकिन जी ओ जारी कराने में याची नेताओ को उन्होने रत्ती भर भी श्रेय नहीं दिया किन्तु क्रेटेरिया का दोष याची नेताओ के मत्थे मढ़ दिया ।
इसे कहते हैं एक तीर से दो शिकार ,याची नेता जी ओ जारी हो भी तो हीरो नही विलेन नजर आयें दूसरा 24 फर तक के याची दो वर्गों मे विभक्त हो जी ओ जारी होने से पूर्व आपस में गुत्थमगुत्था हो रायता फैला दें।
72825 में चयनित साथियो आप कुंडू साहब के इस पराक्रम के बाद तय हो जाये कि आपका इनसा बढ़ा हितैषी कोई नहीं।साहब नहीं चाहते कि 839 और अवशेष याची उनके लिये खतरा बनें,क्योंकि कोर्ट यदि याचियों को नौकरी दिलाने में बाईचांस असफल हुयी तो इनको भी बाहर का रास्ता देखना पड़ सकता है।
दो बातें याद रखिये
इस क्रेटेरिया में कई नेता भी है
दूसरा उपरोक्त क्रेटेरिया का याची लाभ से कोई सरोकार नही है,24 फरवरी तक के याचियों को जब कोर्ट ने कंसीडर करने का अंतरिम आदेस पास किया था तो उसकी शर्तें 1100 याची लाभ के समान थी न कि 72825 के सन्दर्भ में...
और भी बातें है,वो फिर कभी
नोट -लेखक का 24 फर के याची लाभ से कोई सीधा फायदा नहीं है
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