11 अप्रैल सुनवाई : जज दिपक मिश्रा चाहकर भी शिक्षा मित्रो को नहीं बचा सकता

justice दिपक मिश्रा ...next chief justice ऑफ इन्डिया
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्टार office से जुडी सूचना के अनुसार case से जुडी file जजो के पास भी 2 दिन पहले पहुच जाती हैं ..ज़िसका अध्ययन करके जज court room मे बैठते हैं और कोई वकिल गलत बहस करता हैं तो तत्काल उसका counter जज ही कर देते हैं ...
शिक्षामित्रो द्वारा पिछले दिनो जज दिपक मिश्रा के घर हजारो पत्र भेजकर दया करने की बात लिखी ..
justice दिपक मिश्रा ने खुली court मे कहा ऐसे letter हमारे घर के dustbin मे ज़ाते हैं ...मैं उन्हे पढ़ने की ज़रूरत नहीं समझता ..
शिक्षामित्रो द्वारा court room मे जज के सामने हाथ जोडकर खडे होकर रोने की स्थिती पर भी justice दिपक मिश्रा ने चेतावनी दी की एक भी शिक्षमित्र court room मे ना आये ..
दोस्तो न्याय निष्ठूर होता हैं ...जज चाहकर भी शिक्षा मित्रो को नहीं बचा सकता acording to law ...
हा सम्बिधान के art .142 से भले बचेगे पर उसके लिये टेट पास b.ed btc 83 मार्क तक को भर्ती करना होगा ..क्युकी सुप्रीम कोर्ट का जज जानता हैं उसका एक गलत आदेश कानुन बनकर अन्य case को भी प्रभावित करेगा ..
सम्बिधान का artcle 142 का आदेश ही कानुन नहीं माना जाता ..artcle 142 जज का विवेकाधिकार माना जाता हैं पर इसे प्रयोग करते समय ध्यान देना होगा की किसी के मौलिक अधिकार का हनन ना हो .
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