राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षक बनने की बनने की तैयारी में जुटे युवाओं के लिए है। विभागीय विद्यालयों में नए सिरे से सहायक अध्यापकों के पद का निर्धारण होना है। इसमें शिक्षकों के पदों का बढ़ना तय माना जा रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पद का फिर निर्धारण होना है। दो साल पहले यह प्रक्रिया शिक्षामित्रों के समायोजन के समय हुई थी, उसके बाद से प्रदेश भर में बड़ी संख्या में नए विद्यालय खुले हैं साथ ही सभी स्कूलों में नए मानकों के अनुरूप शिक्षक भी नहीं है। हालांकि पिछले वर्षो में परिषदीय स्कूलों में तमाम भर्तियां हुई हैं, फिर भी शिक्षकों के खाली पद भी बहुतायत में हैं। नई सरकार बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड स्थापना की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। माना जा रहा है कि सहायक अध्यापकों के पद निर्धारण कराना भी उसी तैयारी का हिस्सा है। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के परिपेक्ष्य में सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पद निर्धारण होना है। परिषद मुख्यालय ने आरटीई के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों के पद निर्धारण के लिए सभी जिलों को प्रोफार्मा भी भेजा है। इसमें जिला, प्राथमिक स्कूल का नाम, विकासखंड, 30 सितंबर 2016 को विद्यालय में बच्चों की संख्या (बालक, बालिका व कुल) और विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों की संख्या भरकर भेजनी है। इसमें प्राथमिक व उच्च प्राथमिक का प्रोफार्मा अलग-अलग है। परिषद ने जिलों से 25 अप्रैल तक यह रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट से शिक्षकों के पदों की तस्वीर साफ होने के साथ ही हाल में हुई भर्तियां और रिक्त पदों की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी।
दो भर्तियां अधर में अटकी : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापक व 4000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अधर में अटकी है। सूबे की सत्ता में बदलाव के बाद सारी भर्तियां रोक दी गई है। यह प्रक्रिया अब आगे कब शुरू होगी, फिलहाल स्पष्ट नहीं है। उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार से अधिक अनुदेशकों की काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति की प्रक्रिया भी रोकी गई है।’
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बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पद का फिर निर्धारण होना है। दो साल पहले यह प्रक्रिया शिक्षामित्रों के समायोजन के समय हुई थी, उसके बाद से प्रदेश भर में बड़ी संख्या में नए विद्यालय खुले हैं साथ ही सभी स्कूलों में नए मानकों के अनुरूप शिक्षक भी नहीं है। हालांकि पिछले वर्षो में परिषदीय स्कूलों में तमाम भर्तियां हुई हैं, फिर भी शिक्षकों के खाली पद भी बहुतायत में हैं। नई सरकार बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड स्थापना की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। माना जा रहा है कि सहायक अध्यापकों के पद निर्धारण कराना भी उसी तैयारी का हिस्सा है। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के परिपेक्ष्य में सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पद निर्धारण होना है। परिषद मुख्यालय ने आरटीई के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों के पद निर्धारण के लिए सभी जिलों को प्रोफार्मा भी भेजा है। इसमें जिला, प्राथमिक स्कूल का नाम, विकासखंड, 30 सितंबर 2016 को विद्यालय में बच्चों की संख्या (बालक, बालिका व कुल) और विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों की संख्या भरकर भेजनी है। इसमें प्राथमिक व उच्च प्राथमिक का प्रोफार्मा अलग-अलग है। परिषद ने जिलों से 25 अप्रैल तक यह रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट से शिक्षकों के पदों की तस्वीर साफ होने के साथ ही हाल में हुई भर्तियां और रिक्त पदों की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी।
दो भर्तियां अधर में अटकी : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापक व 4000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अधर में अटकी है। सूबे की सत्ता में बदलाव के बाद सारी भर्तियां रोक दी गई है। यह प्रक्रिया अब आगे कब शुरू होगी, फिलहाल स्पष्ट नहीं है। उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार से अधिक अनुदेशकों की काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति की प्रक्रिया भी रोकी गई है।’
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