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शिक्षामित्र मामले में अब 'क्वेश्चन ऑफ लॉ' पर होगी बहस! कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कॉलिन गोंसाल्विस को मंगलवार को बहस करने का समय दिया

अब 'क्वेश्चन ऑफ लॉ' पर होगी बहस!!
कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कॉलिन गोंसाल्विस को मंगलवार को बहस करने का समय दिया।
2 मई से आज तक हुई सुनवाई में अधिकांश समय राज्य के अधिवक्ता के अतिरिक्त राम जेठमलानी और शांति भूषण ने बहस की। जिसमे शिक्षामित्र योजना, पंचायती राज एक्ट, राज्य और पंचायत की शक्तियां, वैधानिक शक्ति, प्राकृतिक न्याय, अनुच्छेद 21, 21क, और आरटीई एक्ट के अतिरिक्त शिक्षक की योग्यता निर्धारण पर विस्तृत बहस हुई। आज भी शिक्षक की योग्यता निर्धारण और rte के सेक्शन 23(2) पर बहस हुई।
*निष्कर्ष ये कि अब तक की सुनवाई कोर्ट को शिक्षामित्रों के लिए निर्धारित नियमों और क़ानूनों पर शिक्षामित्रों का पक्ष रखा गया। कोर्ट ने आज टिप्पणी की कि अब कोर्ट की जानकारी में शिक्षकों और शिक्षामित्रों से संबंधित सभी नियम व क़ानून आ गए हैं, अब सोमवार को हम विपक्षी से उसके पक्ष सुनेंगे। इस बीच एमएससी के वकील कॉलिन गोंसाल्विस के अपनी बात रखने को कहने पर कोर्ट द्वारा उन्हें मंगलवार का समय दिया गया।*
सोमवार से कोर्ट सभी एसएलपी के क्वेश्चन ऑफ लॉ अर्थात विधायी प्रश्नों पर बहस आमंत्रित करेगी। सुनवाई के आने वाले सोमवार और मंगलवार शिक्षामित्रों का भविष्य तय करेंगे। शिक्षामित्रों की जीत मंगलवार की सुनवाई में सुनिश्चित होगी। एमएससी ग्रुप अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नही।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप, यूपी।।
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