राज्य सरकार दो माह में प्रोन्नति का करें निर्णय: हाईकोर्ट

इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने वरिष्ठता सूची के आधार पर 46 मुख्य आरक्षियों को पुलिस उपनिरीक्षक (दारोगा) पद पर प्रोन्नत किए जाने के मामले में राज्य सरकार को दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने इलाहाबाद के रामराज सिंह सहित 46 याचियों की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता विजय गौतम ने बहस की। याचीगण का कहना है कि वे यातायात पुलिस व सशस्त्र पुलिस बल में तैनात है। इनकी प्रोन्नति 1989 से 2009 तक मुख्य आरक्षी पद पर हुई है। 30 अक्टूबर 2015 के शासनादेश से सिविल पुलिस व सशस्त्र पुलिस का समायोजन कर दिया गया। 11 अगस्त 2016 को वरिष्ठता सूची जारी कर दी गई। कुल 3822 की वरिष्ठता 2013 बैच तक की बनी। इस सूची से याचियों को बाहर रखा गया। जब वे 2009 बैच के मुख्य आरक्षी है। याचीगण के बैच के कई मुख्य आरक्षियों को सूची में स्थान दिया गया है और
2193 मुख्य आरक्षियों की उपनिरीक्षक पद पर प्रोन्नति भी दे दी गई है। इसमें से ज्यादातर लोग याचीगण से सेवा में कनिष्ठ हैं। कुछ प्रोन्नत मुख्य आरक्षियों को भी याचिका में पक्षकार बनाया गया है। याची अधिवक्ता गौतम ने कहा कि उप्र उपनिरीक्षक व निरीक्षक (सिविल पुलिस) सेवा नियमावली 2015 के नियम 17(1)(ए) के तहत याचीगण उपनिरीक्षक पद पर प्रोन्नति पाने के अधिकारी है। कोर्ट ने डीजी के नियमानुसार प्रत्यावेदन को निर्णीत करने का निर्देश दिया है।राज्य सरकार दो माह में प्रोन्नति का करें निर्णय
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