कुछ सबाल जो मैने केंद्र सरकार और माननीय उच्च न्यायलय से पूछें है। जिनके जबाब का में अभी इंतजार कर रहा हूँ। आपके समक्ष प्रस्तुत हैं।: जुझारू कार्यकर्ता

कुछ सबाल जो मैने केंद्र सरकार और माननीय उच्च न्यायलय से पूछें है। जिनके जबाब का में अभी इंतजार कर रहा हूँ। आपके समक्ष प्रस्तुत हैं।
👉1-1अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन बंद करने की घोषणा से पूर्व कितने और कौन कौन से सरकारी कर्मचारी संगठनो से उक्त मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया।
👉2-क्या किसी भी योजना को सम्पूर्ण भारत में लागु करने के उपरान्त उस योजना की समीक्षा करनी होती है या नहीं , यदि होती है तो कितने बर्ष बाद।
👉3-नई पेंशन योजना लागु करने के उपरांत इस योजना की समीक्षा अब तक कितनी बार की गई और किस संगठन या समिति के द्वारा इसकी समीक्षा कराई गई। कृपया उक्त रिपोर्टों की छायाप्रति संलग्न करें।
👉4- नई पेंशन योजना के लागु होने की तिथि ( 1 अप्रैल 2004 ) से पूर्व के 10 बर्षों में नियुक्त सरकारी कर्मचारी और सरकारी सेवक भी पुरानी पेंशन के स्थान पर नई पेंशन योजना का विकल्प दे सकते हैं, के अंतर्गत ऐसे कितने सरकारी कर्मचारी व् सेवकों ने जो 1 अप्रैल 1994 के उपरांत सेवा में आये ने अपनी पुरानी पेंशन के स्थान पर नई पेंशन योजना का विकल्प दिया। सभी नाम तथा पद सहित लिस्ट देने की कृपा करें।
और यदि कोई नहीं है तो उक्त कारण की समीक्षा क्यों नहीं की गई यदि की गई तो रिपोर्ट की छायाप्रति देने का कष्ट करें।
👉5-वह सरकारी कर्मचारी और सेवक जो सभी सरकारी आदेशों का अक्षर अक्षर पालन करता है की पेंशन केवल इस कारण से बंद करदेना की सरकार पर पेन्शनर्स का भार पड़ रहा है कहाँ तक उचित है। और यदि पेंशनर्स सरकार पर भार हैं तो सभी पेंशन प्राप्त करने वाले पूर्व विद्यायक और सांसद, भी तो सरकार पर भारित होंगे उनकी पेंशन क्यों बरक़रार है उचित कारण स्पष्ट करने की कृपा करें।
👉6- कृपया सरकार स्पष्ट करे की 1 अप्रैल 2004 के बाद नियुक्त nps (tier-1) खाता धारक सेवानिवृति के समय प्राप्त वेतन से आधा वेतन पेंशन के रूप में प्राप्त कर पायेगा। जबकि वह सेवानिवृत होने के उपरांत , उक्त खाते से अपने सभी देयक प्राप्त कर चूका हो।
👉7-सरकार कृपया उस नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करे । जिसमे 1 अप्रैल 2004 के उपरांत नियुक्त सरकारी कर्मचारी और सेवकों को सेवानिवृति के उपरांत महँगाई भत्ता कितना और कब कब देने का निर्णय किया गया है।
👉8-सरकार उस नियम की भी छायाप्रति उपलब्ध कराये जिसमे ये स्पष्ट हो की उक्त महँगाई भत्ता देने का निर्णय कौन कौन करेगा और क्या वह सरकारी महँगाई भत्ते के सामान होगा।
👉9-वर्तमान में कितने ऐसे कर्मचारी संगठन हैं जो नई पेंशन योजना से खुश हैं। और यदि कोई नहीं तो अब तक इस योजना के बने रहने का क्या कारण है।
👉10- वर्तमान में कितने ऐसे सरकारी संगठन हैं जो पुरानी पेंशन की बहाली की मांग अपने मांग पत्र में कर रहे हैं। यदि बहुत हैं तो उन सभी की संयुक्त मांग को सरकारें क्यों नहीं मान रही है। ( क्या इस देश में लोकतंत्र खत्म हो चूका है यदि हाँ तो संबिधान की प्रस्तबना में परिबर्तन कर लोकतंत्र शव्द को निकाल देना चाहिए।)
👉11- लोकतंत्र के विरुद्ध लिए गए नई पेंशन नीति के इस सरकारी निर्णय के बिरुद्ध माननीय उच्च न्यायलय की क्या भूमिका है।
             साथियो यदि आप मेरे उक्त प्रश्नों से सहमत हैं तो आप भी अलग अलग RTI के माध्यम से सरकारों से ये प्रश्न पुंछ सकते हैं।
साथियो वह समय अब दूर नहीं जब सरकारों को हमारी मांगें मनाने पर विवश होना ही पड़ेगा।
C&p
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines