अमरोहा : जब शिक्षक ही अनुशासनहीनता पर उतारू हो जाए तो फिर उस स्कूल के
बच्चों से क्या उम्मीद लगाई जा सकती है। सोमवार को प्राथमिक विद्यालय
करनपुर में महिला शिक्षामित्र ने प्रधानाध्यापिका से न सिर्फ गाली-गलौज की
बल्कि उन्हें विद्यालय के कमरे में बंद भी कर दिया।
किसी तरह बच्चों ने उन्हें आजाद कराया। पीड़िता ने विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के साथ ही डिडौली कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।
विकास खंड जोया के ग्राम करनपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका जैबुन निशा ने बताया कि विद्यालय में शिक्षामित्र निकहत आरा कार्यरत है। वह बिना सूचना के ही स्कूल से गायब रहती हैं। उन्हें इस बारे में कई बार समझाया गया लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। ऐसे में एक नवंबर की उनकी अनुपस्थिति लगा दी। सोमवार को वह स्कूल पहुंची तो उपस्थिति रजिस्टर में एक दिन की अनुपस्थिति लगी देखकर बिफर पड़ीं। उनसे अभद्रता करते हुए शिक्षामित्र ने अपने चाचा उस्मान को बुला लिया।
आरोप लगाया है उस्मान के आने के बाद शिक्षामित्र ने विद्यार्थियों के सामने ही गाली-गलौज करते हुए उनसे अभद्रता की। मामले से एनपीआरसी को अवगत कराने के लिए जब वह स्कूल से निकलने को हुई तो शिक्षामित्र व उसके चाचा ने जबरन उसे विद्यालय के कमरे में बंद कर दिया। उसने शोर मचाया तो पढ़ रहे बच्चे वहां आ गए। बच्चों ने कमरा खोलकर बाहर निकाला। यह भी आरोप है कि रास्ते में भी शिक्षामित्र के परिवार के लोगों ने उसके साथ अभद्रता की।
प्रधानाध्यापिका ने इसकी शिकायत एनपीआरसी और बीईओ से की है। एनपीआरसी ने इस वाकया से बीएसए को अवगत करा दिया है। प्रधानाध्यापिका ने कोतवाली में शिक्षामित्र के खिलाफ तहरीर भी दे दी है।
प्रधानाध्यापिका के साथ शिक्षामित्र द्वारा अभद्रता की शिकायत मिली है। मामले की जांच बीईओ गंगेश्वरी अमरेश देवी और सामुदायिक सहभागिता जिला समन्वयक मदन पाल करेंगे। उन्हें 24 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
गौतम प्रसाद, बीएसए।
प्रधानाध्यापिका जैबुन निशा 15 दिन के अवकाश पर गईं थी। उपस्थिति पंजिका कमरे में बंद कर गईं। ऐसे में वह हाजिरी नहीं लगा सकी। छह नवंबर को स्कूल पहुंची तो एक नवंबर की अनुपस्थिति लगी थी। इस बारे में प्रधानाध्यापिका से पूछा गया तो वह विवाद पर उतारू हो गईं।
निकहत आरा, शिक्षामित्र।
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किसी तरह बच्चों ने उन्हें आजाद कराया। पीड़िता ने विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के साथ ही डिडौली कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।
विकास खंड जोया के ग्राम करनपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका जैबुन निशा ने बताया कि विद्यालय में शिक्षामित्र निकहत आरा कार्यरत है। वह बिना सूचना के ही स्कूल से गायब रहती हैं। उन्हें इस बारे में कई बार समझाया गया लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। ऐसे में एक नवंबर की उनकी अनुपस्थिति लगा दी। सोमवार को वह स्कूल पहुंची तो उपस्थिति रजिस्टर में एक दिन की अनुपस्थिति लगी देखकर बिफर पड़ीं। उनसे अभद्रता करते हुए शिक्षामित्र ने अपने चाचा उस्मान को बुला लिया।
आरोप लगाया है उस्मान के आने के बाद शिक्षामित्र ने विद्यार्थियों के सामने ही गाली-गलौज करते हुए उनसे अभद्रता की। मामले से एनपीआरसी को अवगत कराने के लिए जब वह स्कूल से निकलने को हुई तो शिक्षामित्र व उसके चाचा ने जबरन उसे विद्यालय के कमरे में बंद कर दिया। उसने शोर मचाया तो पढ़ रहे बच्चे वहां आ गए। बच्चों ने कमरा खोलकर बाहर निकाला। यह भी आरोप है कि रास्ते में भी शिक्षामित्र के परिवार के लोगों ने उसके साथ अभद्रता की।
प्रधानाध्यापिका ने इसकी शिकायत एनपीआरसी और बीईओ से की है। एनपीआरसी ने इस वाकया से बीएसए को अवगत करा दिया है। प्रधानाध्यापिका ने कोतवाली में शिक्षामित्र के खिलाफ तहरीर भी दे दी है।
प्रधानाध्यापिका के साथ शिक्षामित्र द्वारा अभद्रता की शिकायत मिली है। मामले की जांच बीईओ गंगेश्वरी अमरेश देवी और सामुदायिक सहभागिता जिला समन्वयक मदन पाल करेंगे। उन्हें 24 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
गौतम प्रसाद, बीएसए।
प्रधानाध्यापिका जैबुन निशा 15 दिन के अवकाश पर गईं थी। उपस्थिति पंजिका कमरे में बंद कर गईं। ऐसे में वह हाजिरी नहीं लगा सकी। छह नवंबर को स्कूल पहुंची तो एक नवंबर की अनुपस्थिति लगी थी। इस बारे में प्रधानाध्यापिका से पूछा गया तो वह विवाद पर उतारू हो गईं।
निकहत आरा, शिक्षामित्र।
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