जौनपुर. शाहगंज ब्लॉक के कन्या प्राथमिक स्कूल मिहरावा
के शिक्षामित्र चयन मे फ्र्जीवाडा सामने आया है, यह धाधंली मोतीलाल द्वारा
बीएसए से मांगी गयी आरटीआई सूचना मे खुलासा हुआ है।
वर्ष 2004 मे एससी सीट महिला के चयन मे गांव की तीन एससी महिला यशोदा गौतम, संघप्रिय, विदिशा व अनीता ने आवेदन किया था।
प्रधानाध्यापक , सचिव ग्राम शिक्षा समिति ने बनाये गये प्रस्ताव में मेरिट में हेरा फेरी व कूटरचना कर दस्तावेजों में छेड़छाड- कर सबसे अधिक अंक पाने वाली यशोदा गौतम के हाईस्कूल अंक पत्र मे 355 अंक को 255 कर दिया व दूसरे नंबंर पर आने वाली संघप्रिय विदिशा के हाईस्कूल के अंक मे 276 को 216 करके मेरिट लो कर दिया तथा तीसरे स्थान पर रहने वाली अनीता से सांठ गांठ कर सचिव ग्राम शिक्षा समिति ने शिक्षामित्र पद पर चयन कर दिया जिसके बाद से वह दस वर्षों तक लाखों रुपया मानदेय हासिल करने के बाद वर्ष 2014 मे सहायक अध्यापक पद पर समायोजित होकर तीन वर्षोतक लाखों रुपया वेतन लेकर बेसिक विभाग को चूना लगाया।
बीएसए आरपी सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जाचं शाहगंज बीईओ राजीव यादव को सौंपी है । बीईओ के अनुसार प्रथम दृष्टया प्रस्ताव मे हेरा फेरी पकड़ी गयी है तथा नियुक्ति में जालसाजी की गई है, सचिव प्रधान समेत सभी पक्षों को बीआरसी कार्यालय मे 5 व 28 नवमंबर को जबाब के लिये साक्ष्य समेत बुलाया गया था। लेकिन यशोदा गौतम जो प्रथम पर थी उसे छोड़ कोई आया नहीं। एबीएस ने बताया कि, मामला गंभीर है लेकिन किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जायेगा, शीघ्र ही जांच रिपोट बीएसए को सौंप दी जाएगी ।
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आधार कार्ड बनाने में अवैध वसूली
सरकारी व गैर सरकारी आवश्यक कार्यों में प्रयोग किए जाने वाला आधार कार्ड को बनवाना दिन प्रतिदिन मंहगा होता जा रहा है। जिससे लोग खासे परेशान हैं। यह सब कुछ उस समय से और भी अधिक बढ़ गया है, जब से बैंकों ने आधार कार्ड के लिए जोर देना शुरू कर दिया अनेक केन्द्र आधार कार्ड बनाने का कार्य करते हैं, लेकिन लोगों का आरोप हैं कि आधार कार्ड बनाने या फिर संशोधन करने के लिए ये लोग पांच सौ रुपये तक वसूल लेते हैं। जल्द से जल्द आधार कार्ड उपलब्ध कराने के नाम पर अवैध वसूली की जाती है। अगर कोई विरोध करता है तो कुछ कम ज्यादा करके दो सौ तीन सौ रुपये तक वसूल लिए जाते हैं। अगर कोई इतने रुपये ना दे तो उसका आधार कार्ड बनाने से मना कर दिया जाता है। दुकानदारों की मनमानी से लोग खासे परेशान हैं। इस संबंध में अधिकारियों को कहना है कि अगर ऐसा किया जा रहा है तो यह गलत है। वह इसकी जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
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