संकट में फंसे शिक्षामित्रों में अब आरोप प्रत्यारोप लगने लगे हैं। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के संरक्षक प्रकाश चंद्र निवासी हुसैनपुर कोतवाली लोनार ने जिलाध्यक्ष सहित तीन पदाधिकारियों पर समायोजित शिक्षामित्रों से अवैध वसूली और शोषण करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच कराकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
शिकायती पत्र में प्रकाश चंद्र ने आरोप लगाया कि जिले के शिक्षामित्रों को गुमराह करके समायोजन बहाल कराने के नाम पर जिलाध्यक्ष मनीराम राजपूत, राम सिंह आय व्यय निरीक्षक और ब्लाक अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा द्वारा प्रति शिक्षामित्र 20-20 हजार रुपये के हिसाब से भारी धनराशि की वसूली की गई है। साथ ही उनके शैक्षिक प्रमाण प् ात्रों एवं पहचान पत्रों की छायाप्रतियां भी जमा कराई गई हैं। 1जिन शिक्षामित्रों ने पूरे रुपये न जमा कर 10 से 15 हजार रुपये जमा किए हैं उनसे शेष रुपये बाद में देने की बात कही गई। प्रकाश चंद्र का आरोप है कि इस मामले की शिकायत 29 अक्टूबर को प्रांतीय कमेटी द्वारा लखनऊ में आयोजित बैठक में भी लिखित रूप से की थी। इस बात से कई पदाधिकारी उन पर आग बबूला हो गए और अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए देख लेने की धमकियां दीं। इसकी भी शिकायत 31 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक को डाक से प्रेषित शिकायती पत्र में की थी। उन्होंने बताया कि प्रांतीय कमेटी ने भी प्रत्येक शिक्षामित्र से 20-20 हजार रुपये वसूल करने का कोई आदेश नहीं दिया था। जिलाध्यक्ष ने आरोप को गलत बताया उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष मनीराम राजपूत ने आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया। उन्होंने बताया कि मुकदमें के लिए ही चंदा जमा कराया गया था। लेकिन जो आरोप लगा रहे हैं उनसे कोई मतलब नहीं है। उन्होंने बताया कि आरोप पूरी तरह से फर्जी हैं। जो आरोप लगा रहे हैं वह काफी दिनों से बर्खास्त शिक्षामित्र हैं
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उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच कराकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
शिकायती पत्र में प्रकाश चंद्र ने आरोप लगाया कि जिले के शिक्षामित्रों को गुमराह करके समायोजन बहाल कराने के नाम पर जिलाध्यक्ष मनीराम राजपूत, राम सिंह आय व्यय निरीक्षक और ब्लाक अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा द्वारा प्रति शिक्षामित्र 20-20 हजार रुपये के हिसाब से भारी धनराशि की वसूली की गई है। साथ ही उनके शैक्षिक प्रमाण प् ात्रों एवं पहचान पत्रों की छायाप्रतियां भी जमा कराई गई हैं। 1जिन शिक्षामित्रों ने पूरे रुपये न जमा कर 10 से 15 हजार रुपये जमा किए हैं उनसे शेष रुपये बाद में देने की बात कही गई। प्रकाश चंद्र का आरोप है कि इस मामले की शिकायत 29 अक्टूबर को प्रांतीय कमेटी द्वारा लखनऊ में आयोजित बैठक में भी लिखित रूप से की थी। इस बात से कई पदाधिकारी उन पर आग बबूला हो गए और अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए देख लेने की धमकियां दीं। इसकी भी शिकायत 31 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक को डाक से प्रेषित शिकायती पत्र में की थी। उन्होंने बताया कि प्रांतीय कमेटी ने भी प्रत्येक शिक्षामित्र से 20-20 हजार रुपये वसूल करने का कोई आदेश नहीं दिया था। जिलाध्यक्ष ने आरोप को गलत बताया उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष मनीराम राजपूत ने आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया। उन्होंने बताया कि मुकदमें के लिए ही चंदा जमा कराया गया था। लेकिन जो आरोप लगा रहे हैं उनसे कोई मतलब नहीं है। उन्होंने बताया कि आरोप पूरी तरह से फर्जी हैं। जो आरोप लगा रहे हैं वह काफी दिनों से बर्खास्त शिक्षामित्र हैं
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