अंबेडकरनगर : टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया लगातार डायट के
मकड़जाल में उलझती जा रही है। कट ऑफ मेरिट को लेकर अंतिम निर्णय नहीं होने
की दशा में नियुक्ति पत्र जारी होने तथा सेवा ग्रहण करने पर फिलहाल रोक लगा
दी गई है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की ओर से जारी तीसरी नवीन सूची में खामियां उजागर होने पर जिलाधिकारी विवेक ने जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। प्रारंभिक दौर में जांच के दौरान सौ अभ्यर्थियों को सूची में शामिल नहीं किए जाने का मामला पकड़ में आया है। ऐसे में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए प्रशासन की तलवार लटक गई है।
गौरतलब है कि गत 19 जनवरी को टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती के लिए नियुक्ति पत्र जारी होते ही बेसिक शिक्षा विभाग में बवंडर खड़ा हो गया। चयन सूची से गायब अधिकतम मेरिट वाले अभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन देते हुए मेरिट की शुचिता पर सवाल खड़ा कर दिया।
आनन-फानन में बेसिक शिक्षा अधिकारी दल सिंगार यादव ने डायट प्राचार्य को अवगत कराते हुए नियुक्ति पत्र वितरण पर रोक लगा दी। यही नहीं गलत मेरिट पर नियुक्ति पत्र हासिल कर चुके अभ्यर्थियों ने आदेश वापस लिए जाने के साथ ही समस्त अभ्यर्थियों के सेवा ग्रहण करने पर भी रोक लगा दी गई। इसके बाद डायट की ओर से 20 जनवरी को दूसरी सूची सौंपी गई। चयन कमेटी की ओर से जांच के दौरान इसमें भी खामियां सामने आयीं। मामले में जिलाधिकारी विवेक ने हस्तक्षेप करते हुए चयन कमेटी को नवीन सूची तैयार करने का निर्देश दिया। इसके बाद डायट प्राचार्य, बीएसए व एसडीएम समेत चयन कमेटी तीन दिनों तक काउंसिलिंग के अभिलेखों को खंगालती रही। गत शनिवार की शाम तीसरी चयन सूची तैयार कर अधिकारियों ने इसके पुख्ता होने की जानकारी दी। इसे जिलाधिकारी के समक्ष रखने के बाद बीएसए कार्यालय पर चस्पा कर दिया गया।
हालांकि यह सूची भी गलत निकल गई। करीब 23 अभ्यर्थियों ने चयन सूची में गड़बड़ी की शिकायत दर्ज कराते हुए प्रत्यावेदन दिया है। इसमें मेरिट के अलावा विज्ञान तथा कला वर्ग में भी परिर्वतन होने की खामी पकड़ी गई है। मामला संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी विवेक ने चयन सूची पर स्पष्ट निर्णय नहीं होने की दशा में और खामियां होने पर अंदेशा जताया है। डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर की अध्यक्षता में भीटी के उप जिलाधिकारी संतोष कुमार वैश्य तथा वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक) प्रदीप कुमार मिश्र की जांच कमेटी गठित की है। जांच कमेटी ने डायट में काउंसिलिंग के दौरान लापरवाही बरते जाने की आख्या दी है। इसमें बताया गया कि काउंसिलिंग की सूची पर जिम्मेदार के हस्ताक्षर नहीं हैं। डायट की ओर से काउंसिलिंग में 2525 अभ्यर्थियों के शामिल होने का दावा किया जा रहा था। जबकि जांच कमेटी ने 2626 अभ्यर्थियों के शामिल होने की अभिलेखी पुष्टि की है। ऐसे में सौ अभ्यर्थियों को डायट की लापरवाही से पहले ही सूची से बाहर कर दिया गया। उक्त में ही कुछ अभ्यर्थी चयन सूची में शामिल होने का दावा भी कर रहे हैं। जिनका नाम सूची से गायब है। अभिलेखों के नहीं मिलने की दशा में अनुमान लगाया जा रहा है कि अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ सकती है। डीएम ने बताया कि बुधवार तक जांच कमेटी से रिपोर्ट मांग गई है। इसके बाद अंतिम निर्णय होगा। बताया गया कि काउंसिलिंग तथा चयन में गड़बड़ी की जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। शासन को इस बाबत पत्र लिखा जाएगा।
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जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की ओर से जारी तीसरी नवीन सूची में खामियां उजागर होने पर जिलाधिकारी विवेक ने जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। प्रारंभिक दौर में जांच के दौरान सौ अभ्यर्थियों को सूची में शामिल नहीं किए जाने का मामला पकड़ में आया है। ऐसे में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए प्रशासन की तलवार लटक गई है।
गौरतलब है कि गत 19 जनवरी को टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती के लिए नियुक्ति पत्र जारी होते ही बेसिक शिक्षा विभाग में बवंडर खड़ा हो गया। चयन सूची से गायब अधिकतम मेरिट वाले अभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन देते हुए मेरिट की शुचिता पर सवाल खड़ा कर दिया।
आनन-फानन में बेसिक शिक्षा अधिकारी दल सिंगार यादव ने डायट प्राचार्य को अवगत कराते हुए नियुक्ति पत्र वितरण पर रोक लगा दी। यही नहीं गलत मेरिट पर नियुक्ति पत्र हासिल कर चुके अभ्यर्थियों ने आदेश वापस लिए जाने के साथ ही समस्त अभ्यर्थियों के सेवा ग्रहण करने पर भी रोक लगा दी गई। इसके बाद डायट की ओर से 20 जनवरी को दूसरी सूची सौंपी गई। चयन कमेटी की ओर से जांच के दौरान इसमें भी खामियां सामने आयीं। मामले में जिलाधिकारी विवेक ने हस्तक्षेप करते हुए चयन कमेटी को नवीन सूची तैयार करने का निर्देश दिया। इसके बाद डायट प्राचार्य, बीएसए व एसडीएम समेत चयन कमेटी तीन दिनों तक काउंसिलिंग के अभिलेखों को खंगालती रही। गत शनिवार की शाम तीसरी चयन सूची तैयार कर अधिकारियों ने इसके पुख्ता होने की जानकारी दी। इसे जिलाधिकारी के समक्ष रखने के बाद बीएसए कार्यालय पर चस्पा कर दिया गया।
हालांकि यह सूची भी गलत निकल गई। करीब 23 अभ्यर्थियों ने चयन सूची में गड़बड़ी की शिकायत दर्ज कराते हुए प्रत्यावेदन दिया है। इसमें मेरिट के अलावा विज्ञान तथा कला वर्ग में भी परिर्वतन होने की खामी पकड़ी गई है। मामला संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी विवेक ने चयन सूची पर स्पष्ट निर्णय नहीं होने की दशा में और खामियां होने पर अंदेशा जताया है। डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर की अध्यक्षता में भीटी के उप जिलाधिकारी संतोष कुमार वैश्य तथा वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक) प्रदीप कुमार मिश्र की जांच कमेटी गठित की है। जांच कमेटी ने डायट में काउंसिलिंग के दौरान लापरवाही बरते जाने की आख्या दी है। इसमें बताया गया कि काउंसिलिंग की सूची पर जिम्मेदार के हस्ताक्षर नहीं हैं। डायट की ओर से काउंसिलिंग में 2525 अभ्यर्थियों के शामिल होने का दावा किया जा रहा था। जबकि जांच कमेटी ने 2626 अभ्यर्थियों के शामिल होने की अभिलेखी पुष्टि की है। ऐसे में सौ अभ्यर्थियों को डायट की लापरवाही से पहले ही सूची से बाहर कर दिया गया। उक्त में ही कुछ अभ्यर्थी चयन सूची में शामिल होने का दावा भी कर रहे हैं। जिनका नाम सूची से गायब है। अभिलेखों के नहीं मिलने की दशा में अनुमान लगाया जा रहा है कि अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ सकती है। डीएम ने बताया कि बुधवार तक जांच कमेटी से रिपोर्ट मांग गई है। इसके बाद अंतिम निर्णय होगा। बताया गया कि काउंसिलिंग तथा चयन में गड़बड़ी की जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। शासन को इस बाबत पत्र लिखा जाएगा।
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