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नवीन परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को प्रदेश शासन ने दी सौगात

कुर्सी में बैठेगा अब ‘छोटू’
नवीन परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को प्रदेश शासन ने दी सौगात
टीएलएम सामग्री से छात्रों के लिए करनी होगी व्यवस्था
परियोजना निदेशक के फर्नीचर व्यवस्था के आदेश जारी
अब तो बदहाल हो चुकी है जूनियर विद्यालयों की डेस्क

हरदोई। नवीन परिषदीय विद्यालय के विद्यार्थी भी अब निजी विद्यालयों के साथ कुर्सी पर बैठ कर पढ़ते नजर आएंगे। नवीन विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था के लिए परियोजना निदेशक की ओर से दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे, इससे परिषदीय विद्यालयोें का स्तर बढ़ेगा।
ज्ञात हो कि परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों के बैठने के लिए प्लास्टिक की टाट पट्टी मुहैया कराई जाती है। इसके साथ ही कुछ जूनियर हाईस्कूलों में बालिकाओं के लिए सीटें मुहैया कराई गई।
जनपद में कुल 3858 विद्यालय संचालित है। इनमें 2833 प्राथमिक व 1025 जूनियर हाईस्कूल है। विगत तीन वर्षों से कोई नवीन विद्यालय नहीं खोला गया, पर अबकी जिले में नवीन विद्यालयों का प्राविधान किया गया है। नवीन विद्यालयों में टीएलएम सामग्री खरीदने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। जिसमें टीचरों के लिए कुर्सी, चार्ट, खेल का सामान, अलमारी, साबुन, नेल कटर आदि चीजें शामिल हैं, पर अबकी राज्य परियोजना निदेशक ने नवीन विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए भी फर्नीचर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
इसके तहत प्राथमिक स्कूलों को टीएलएम के तहत मिलने वाली 20 हजार प्रति प्राथमिक विद्यालय की धनराशि से विद्यार्थियों के लिए कुर्सी मेज की व्यवस्था की जाएगी। वहीं जूनियर विद्यालयों में मिलने वाली 50 हजार की धनराशि में से विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर मुहैया कराया जाए।
नवीन विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर की व्यवस्था होने से विद्यार्थियों को निजी विद्यालयों की भांति शिक्षा ग्रहण करते हुए आगामी शिक्षा सत्र में देखा जा सकेगा। विद्यालयों में टीएलएम सामग्री के लिए फर्नीचर की व्यवस्था की जा रही है, पर इन विद्यालयों में सामग्री की सुरक्षा व रख रखाव में दिक्कतें आएंगी, क्योंकि अधिकतर नवीन विद्यालयों के लिए गांव के बाहर की जगह उपलब्ध कराई जा रही है। इससे वहां पर आए दिन चोरी की घटनाएं होती रहती हैं।
इसके अलावा फर्नीचर के रखरखाव का भी संकट होगा। उधर, परिषदीय विद्यालयों में विगत वर्षों में जूनियर हाईस्कूल की बालिकाओं के लिए फर्नीचर की व्यवस्था कराई गई थी। जिसमें भारी मात्रा में धनराशि व्यय की गई थी, पर वहां पर डेस्कों का रख रखाव न होने से वह बदहाल हो चुकी है। इससे बालिकाओं की डेस्क सिर्फ शो पीस ही नजर आती है।
टीएलएम राशि मेें खेल
नहीं हो सकेगा
हरदोई। नवीन स्कूलों में टीएलएम सामग्री खरीदने में जमकर खेल होता है। स्कूलों में टीएलएम सामग्री के नाम पर धनराशि व्यय हो जाती है, पर स्कूल में कुछ भी नजर नहीं आता था। टीएलएम सामग्री से फर्नीचर खरीदने के निर्देश से कम से कम स्कूलों में फर्नीचर तो दिखाई देगा।
विद्यार्थियों में बढ़ेगा आत्मविश्वास भी
हरदोई। परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थी जब निजी विद्यालयों की भांति कुर्सी मेज पर बैठकर पढ़ने का मौका मिलेगा तो उनमें आत्म विश्वास बढ़ेगा और उनका स्कूल में निजी स्कूल जैसा माहौल मिल सकेगा।
इस बाबत अभी उनको परियोजना कार्यालय से कोई निर्देश नहीं मिले है। अगर परियोजना से निर्देश जारी होते हैं तो उनका कड़ाई से पालन कराया जाएगा। उनका प्रयास है कि विद्यार्थियों को स्कूल में बेहतर सुविधा मिले।’ डा. बृजेश मिश्र, बीएसए




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