यहां तो फेल हो गया सर्व शिक्षा अभियान
मैनपुरी : शिक्षा विभाग की लापरवाही से जिले में सर्व शिक्षा अभियान फेल हो गया। एक महीने तक अभिभावकों को जागरूक कर बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने की विभागीय कवायद काम न आई। हाल देखिए, नए शिक्षा सत्र का पूरा एक माह बीत गया और स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने की बजाय लगातार गिरती जा रही है।
पहली बार अप्रैल से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत की गई है। शासन ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए थे कि वे पूरे मार्च अभियान के तहत गांव-गांव प्रचार-प्रसार कराएं। सार्वजनिक गोष्ठियां कर लोगों को जागरूक करें कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें।
विभाग की महीनेभर की कवायद का हाल यह है कि 37 दिन बीतने के बाद भी स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ सकी है। प्राथमिक विद्यालय चौथियाना के प्रधानाध्यापक ब्रजेश कुमार का कहना है कि गत वर्ष विद्यालय में 156 विद्यार्थी पंजीकृत थे, मगर इस साल 112 ही बचे हैं।
कुछ ऐसा ही हाल पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौथियाना का है। प्रधानाध्यापिका रंजना मिश्रा का कहना है कि गत वर्ष 75 विद्यार्थी विद्यालय में पंजीकृत थे, मगर इस साल मात्र 56 विद्यार्थी ही उपस्थित हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवी रोड की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रीता राठौर का कहना है कि विद्यालय में गत वर्ष पंजीकृत 59 विद्यार्थियों की अपेक्षा इस वर्ष मात्र 43 विद्यार्थी ही बचे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि अभिभावक ही अपने बच्चों को पढ़ाने में रुचि नहीं लेते हैं। कई बार कहने के बावजूद कोई भी अभिभावक न तो स्कूल आते हैं और न ही कभी प्रगति के बारे में चर्चा करते हैं।
अधिकारी कहिन
'इस वर्ष सर्व शिक्षा अभियान के तहत कोई भी धनराशि नहीं आई है। हमने पूरे प्रयास किए हैं। मगर, खेतों में फसल कटाई का काम होने की वजह से अधिकांश अभिभावकों से वार्ता ही नहीं हो सकी। परिणामत: ग्रामीण अभिभावक बच्चों को स्कूल ही नहीं भेज रहे हैं। लेकिन जुलाई में इस बार निश्चित ही छात्र संख्या में बढ़ोतरी हो जाएगी।'
प्रदीप कुमार वर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मैनपुरी।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
मैनपुरी : शिक्षा विभाग की लापरवाही से जिले में सर्व शिक्षा अभियान फेल हो गया। एक महीने तक अभिभावकों को जागरूक कर बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने की विभागीय कवायद काम न आई। हाल देखिए, नए शिक्षा सत्र का पूरा एक माह बीत गया और स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने की बजाय लगातार गिरती जा रही है।
पहली बार अप्रैल से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत की गई है। शासन ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए थे कि वे पूरे मार्च अभियान के तहत गांव-गांव प्रचार-प्रसार कराएं। सार्वजनिक गोष्ठियां कर लोगों को जागरूक करें कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें।
विभाग की महीनेभर की कवायद का हाल यह है कि 37 दिन बीतने के बाद भी स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ सकी है। प्राथमिक विद्यालय चौथियाना के प्रधानाध्यापक ब्रजेश कुमार का कहना है कि गत वर्ष विद्यालय में 156 विद्यार्थी पंजीकृत थे, मगर इस साल 112 ही बचे हैं।
कुछ ऐसा ही हाल पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौथियाना का है। प्रधानाध्यापिका रंजना मिश्रा का कहना है कि गत वर्ष 75 विद्यार्थी विद्यालय में पंजीकृत थे, मगर इस साल मात्र 56 विद्यार्थी ही उपस्थित हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवी रोड की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रीता राठौर का कहना है कि विद्यालय में गत वर्ष पंजीकृत 59 विद्यार्थियों की अपेक्षा इस वर्ष मात्र 43 विद्यार्थी ही बचे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि अभिभावक ही अपने बच्चों को पढ़ाने में रुचि नहीं लेते हैं। कई बार कहने के बावजूद कोई भी अभिभावक न तो स्कूल आते हैं और न ही कभी प्रगति के बारे में चर्चा करते हैं।
अधिकारी कहिन
'इस वर्ष सर्व शिक्षा अभियान के तहत कोई भी धनराशि नहीं आई है। हमने पूरे प्रयास किए हैं। मगर, खेतों में फसल कटाई का काम होने की वजह से अधिकांश अभिभावकों से वार्ता ही नहीं हो सकी। परिणामत: ग्रामीण अभिभावक बच्चों को स्कूल ही नहीं भेज रहे हैं। लेकिन जुलाई में इस बार निश्चित ही छात्र संख्या में बढ़ोतरी हो जाएगी।'
प्रदीप कुमार वर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मैनपुरी।
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