चयनित सुझावों के आधार पर तैयार होगा पढ़ाई का पैटर्न
आवासीय विद्यालयों में पढ़ेंगे मजदूरों के बच्चे
25 सर्वश्रेष्ठ सुझावों को दिया जाएगा पुरस्कार
लखनऊ । राजकीय व सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए अब शिक्षकों से आइडिया लेकर पढ़ाई कराई जाएगी। इसमें से 25 सर्वश्रेष्ठ सुझावों का चयन कर पुरस्कृत किया जाएगा। इसके बाद इसी आधार पर पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए अरबिंदो सोसायटी की मदद ली जाएगी।
इस कार्यक्रम को जीरो इंवेस्टमेंट इंप्रूवमेंट इन एजुकेशन इनिशियेटिव (जेडआईआईईआई) नाम दिया गया है।
प्रदेश में यूपी बोर्ड के राजकीय व सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में पढ़ाई की स्थिति काफी खराब है। एक समय था जब राजकीय इंटर कॉलेजों में दाखिला पाने के लिए मारामारी रहती थी, लेकिन आज अभिभावक इन स्कूलों में बच्चों को भेजने से कतरा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह खराब शिक्षण व्यवस्था को माना जा रहा है। अरबिंदो सोसायटी ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को एक प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया है कि राजकीय व सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में शिक्षकों से ही आइडिया लेकर बच्चों को पढ़ाया जाए। शिक्षकों को आइडिया भेजते समय छात्रों की रुचि का ध्यान रखना होगा। शिक्षकों से जिला विद्यालय निरीक्षक आइडिया प्राप्त कर इसे निदेशालय भेजेंगे। इसके लिए निदेशालय स्तर पर एक कमेटी बनाई जाएगी और वह 25 सर्वश्रेष्ठ सुझावों का चयन करेगी। सर्वश्रेष्ठ आइडिया देने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही पुरस्कृत सुझावों के आधार पर पढ़ाई का पैटर्न तैयार किया जाएगा।
अक्षय पात्र देगी लखनऊ में सस्ता भोजन
शाहिद मंजूर ने बताया कि श्रमिकों को दोपहर में सस्ता भोजन देने की योजना भी शीघ्र शुरू हो जाएगी। पहले इसे लखनऊ में प्रारंभ किया जाएगा और फिर दूसरे औद्योगिक शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा। लखनऊ में श्रमिकों को सस्ता भोजन देने के लिए अक्षय पात्र संस्था से करार किया गया है। दो-तीन दिन में तय हो जाएगा कि यह संस्था कब से श्रमिकों को सस्ता भोजन देना प्रारंभ करेगी। उन्हें केवल 10 रुपये में भोजन मिलेगा। इस पर आने वाला अतिरिक्त खर्च श्रम विभाग वहन करेगा।
शिक्षकों से जिला विद्यालय निरीक्षक आइडिया प्राप्त कर निदेशालय भेजेंगे
लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार अब मजदूरों के बच्चों को आवासीय विद्यालयों में पढ़ाएगी। उनके लिए एक अगस्त से प्रदेश में 24 विद्यालय खुलेंगे। इनमें श्रमिकों के बच्चों को कक्षा एक से आठवीं तक शिक्षा के साथ ही भोजन, यूनिफॉर्म, किताबें व खेल सुविधाएं भी मुफ्त में दी जाएंगी। इस योजना की शुरुआत एक अगस्त को कन्नौज से होगी।
प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ महीनों में श्रमिकों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। ऐसी ही एक योजना उनके बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की है। इसका शुभारंभ एक अगस्त को होगा।
श्रम मंत्री शाहिद मंजूर ने बताया कि पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के लिए एक अगस्त से 24 स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। 12 स्कूल लड़कियों और 12 लड़कों के लिए होंगे। इनमें छह से 14 साल तक के बच्चों को कक्षा एक से आठवीं तक की शिक्षा दी जाएगी। इन विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षक और स्टाफ रहेगा। हर विद्यालय में सौ बच्चों के लिए नाश्ता, खाना, पुस्तक, ड्रेस और खेल के सामान की निशुल्क व्यवस्था रहेगी। ये स्कूल कानपुर, कन्नौज, मुरादाबाद, इटावा, फीरोजाबाद, मेरठ, आजमगढ़, गाजियाबाद, बहराइच, आगरा, भदोही और ललितपुर में प्रारंभ किए जाएंगे।
श्रम मंत्री ने बताया कि 12 जिलों में लड़कों व लड़कियों का एक-एक स्कूल चलाया जाएगा। आगे चलकर दूसरे जिलों में भी विद्यालय खोले जाएंगे। इन विद्यालयों के संचालन की जिम्मेदारी महिला समाख्या को दी गई है। लड़के और लड़कियों के स्कूल अलग-अलग होंगे। इसके लिए महिला समाख्या को प्रति विद्यालय सालाना 89 लाख रुपये दिए जाएंगे। इनमें बच्चों को व्यावसायिक और रोजगारपरक शिक्षा भी दी जाएगी।` फिलहाल भवन की व्यवस्था महिला समाख्या करेगी। बाद में अपने भवन बनाए जाएंगे। कई जिलों में भवनों के लिए भूमि की व्यवस्था हो गई है। इन विद्यालयों के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों का चयन कर लिया गया है। उनमें बिजली कनेक्शन के साथ ही जनरेटर की व्यवस्था भी रहेगी।
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आवासीय विद्यालयों में पढ़ेंगे मजदूरों के बच्चे
25 सर्वश्रेष्ठ सुझावों को दिया जाएगा पुरस्कार
लखनऊ । राजकीय व सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए अब शिक्षकों से आइडिया लेकर पढ़ाई कराई जाएगी। इसमें से 25 सर्वश्रेष्ठ सुझावों का चयन कर पुरस्कृत किया जाएगा। इसके बाद इसी आधार पर पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए अरबिंदो सोसायटी की मदद ली जाएगी।
इस कार्यक्रम को जीरो इंवेस्टमेंट इंप्रूवमेंट इन एजुकेशन इनिशियेटिव (जेडआईआईईआई) नाम दिया गया है।
प्रदेश में यूपी बोर्ड के राजकीय व सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में पढ़ाई की स्थिति काफी खराब है। एक समय था जब राजकीय इंटर कॉलेजों में दाखिला पाने के लिए मारामारी रहती थी, लेकिन आज अभिभावक इन स्कूलों में बच्चों को भेजने से कतरा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह खराब शिक्षण व्यवस्था को माना जा रहा है। अरबिंदो सोसायटी ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को एक प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया है कि राजकीय व सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में शिक्षकों से ही आइडिया लेकर बच्चों को पढ़ाया जाए। शिक्षकों को आइडिया भेजते समय छात्रों की रुचि का ध्यान रखना होगा। शिक्षकों से जिला विद्यालय निरीक्षक आइडिया प्राप्त कर इसे निदेशालय भेजेंगे। इसके लिए निदेशालय स्तर पर एक कमेटी बनाई जाएगी और वह 25 सर्वश्रेष्ठ सुझावों का चयन करेगी। सर्वश्रेष्ठ आइडिया देने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही पुरस्कृत सुझावों के आधार पर पढ़ाई का पैटर्न तैयार किया जाएगा।
अक्षय पात्र देगी लखनऊ में सस्ता भोजन
शाहिद मंजूर ने बताया कि श्रमिकों को दोपहर में सस्ता भोजन देने की योजना भी शीघ्र शुरू हो जाएगी। पहले इसे लखनऊ में प्रारंभ किया जाएगा और फिर दूसरे औद्योगिक शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा। लखनऊ में श्रमिकों को सस्ता भोजन देने के लिए अक्षय पात्र संस्था से करार किया गया है। दो-तीन दिन में तय हो जाएगा कि यह संस्था कब से श्रमिकों को सस्ता भोजन देना प्रारंभ करेगी। उन्हें केवल 10 रुपये में भोजन मिलेगा। इस पर आने वाला अतिरिक्त खर्च श्रम विभाग वहन करेगा।
शिक्षकों से जिला विद्यालय निरीक्षक आइडिया प्राप्त कर निदेशालय भेजेंगे
लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार अब मजदूरों के बच्चों को आवासीय विद्यालयों में पढ़ाएगी। उनके लिए एक अगस्त से प्रदेश में 24 विद्यालय खुलेंगे। इनमें श्रमिकों के बच्चों को कक्षा एक से आठवीं तक शिक्षा के साथ ही भोजन, यूनिफॉर्म, किताबें व खेल सुविधाएं भी मुफ्त में दी जाएंगी। इस योजना की शुरुआत एक अगस्त को कन्नौज से होगी।
प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ महीनों में श्रमिकों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। ऐसी ही एक योजना उनके बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की है। इसका शुभारंभ एक अगस्त को होगा।
श्रम मंत्री शाहिद मंजूर ने बताया कि पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के लिए एक अगस्त से 24 स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। 12 स्कूल लड़कियों और 12 लड़कों के लिए होंगे। इनमें छह से 14 साल तक के बच्चों को कक्षा एक से आठवीं तक की शिक्षा दी जाएगी। इन विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षक और स्टाफ रहेगा। हर विद्यालय में सौ बच्चों के लिए नाश्ता, खाना, पुस्तक, ड्रेस और खेल के सामान की निशुल्क व्यवस्था रहेगी। ये स्कूल कानपुर, कन्नौज, मुरादाबाद, इटावा, फीरोजाबाद, मेरठ, आजमगढ़, गाजियाबाद, बहराइच, आगरा, भदोही और ललितपुर में प्रारंभ किए जाएंगे।
श्रम मंत्री ने बताया कि 12 जिलों में लड़कों व लड़कियों का एक-एक स्कूल चलाया जाएगा। आगे चलकर दूसरे जिलों में भी विद्यालय खोले जाएंगे। इन विद्यालयों के संचालन की जिम्मेदारी महिला समाख्या को दी गई है। लड़के और लड़कियों के स्कूल अलग-अलग होंगे। इसके लिए महिला समाख्या को प्रति विद्यालय सालाना 89 लाख रुपये दिए जाएंगे। इनमें बच्चों को व्यावसायिक और रोजगारपरक शिक्षा भी दी जाएगी।` फिलहाल भवन की व्यवस्था महिला समाख्या करेगी। बाद में अपने भवन बनाए जाएंगे। कई जिलों में भवनों के लिए भूमि की व्यवस्था हो गई है। इन विद्यालयों के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों का चयन कर लिया गया है। उनमें बिजली कनेक्शन के साथ ही जनरेटर की व्यवस्था भी रहेगी।
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