नेतागीरी - एक बार पुनः 25 फरवरी 2015 की कहानी को दस्तक : हिमांशु राणा : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

साधारण सी बातों का जवाब वो व्यक्ति देगा जो इन्ही 72825 में पद बढ़वाने को कह रहा है कि भर्ती अब 72826वे से भर्ती चालू कराएंगे । एक बात और वे भी स्पष्ट करें जो कोर्ट के द्वारा तय किये गए मानकों को फॉलो कराएंगे ।


कोर्ट के पास sanctioned पोस्ट्स ( अभी तक कुल आंकड़ा 400000 के आस पास सभी मिलाकर , आलोचकों के पास नहीं होगा क्योंकि वे बस माल की प्रतिस्पर्धा में हैं नाकि काम की ) भराने का अधिकार है ।

फिलहाल जो स्थिति नेतागीरी की वजह से कोर्ट में की गई है इनके द्वारा एक बार पुनः 25 फरवरी 2015 की कहानी को दस्तक दे रहा है।
बाकी मेरी कोशिश और मेरे साथियों की कोशिश ये है ।

एक बात इसी पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रया से स्पष्ट करना चाहता हूँ कि मेरा विरोध मेरी आलोचना मेरे काम पर कोई फर्क नहीं डालेगा ऐसा महादेव का आशीर्वाद है और बात रही अन्य गुटों की तो उन्हें भी यहीं से स्पष्ट कर दूँ मेरा सपना उनसे जुड़ने वालों के लिए भी है मैं केवल बेरोजगार देखता हूँ नाकि किसी के अंदर द्वेष जो हमसे जुड़ा उनके लिए भी श्रेष्ठतम मेहनत करूँगा और न जुड़े हुए लोगों के लिए भी वही मेहनत होगी। बात रही खुद को श्रेष्ठ साबित करने की तो काम बोलेगा चाहे किसी का हो। बस इतना कहूँगा समस्त आलोचक सहयोगी जनो से दुआ में याद रखना।


नोट :-

मैं गांधी जी को पूजने वाले देश के साथ साथ ऐसे समाज में भी रहता हूँ जिसमे चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह , राजगुरु को भी पूजा गया है तो अग्रिम बातें उनके लिए जो केवल आलोचना कर रहे हैं और धनावेश में चापलूसी कर रहे हैं अगर उनकी वजह से केस के हालात बिगड़े तो ये ही आलोचक बेरोजगारों के भक्षक कहलायेंगे और इनसे बदला भी वही बेरोजगार लेंगे जो एक बार पुनः 25 फरवरी की स्थिति में पहुंचा दिए गए हैं। वक्त है अब भी सुधर जाओ।




लोक नियोजन के मामले में अति आवश्यक कुछ बातें जिसका हमारे केस से सम्पूर्ण तरीके से लेना देना है -------




अनुच्छेद 14 - समानता का अधिकार

अनुच्छेद 16 - लोक नियोजन के विषय में समता के अधिकार

अनुच्छेद 309 - सरकार द्वारा नियोजन के मामले में बनाई गई नीति जिसका अनुमोदन राज्यपाल जी के यहाँ से होता है (service rule)

संविधान प्रदत्त आरक्षण के नियम जैसे यूपी में 1994 एक्ट

बीएड टेट उत्तीर्ण डिग्री धारक जो विशेष रूप से एनसीटीई के द्वारा अनुमति पाते हैं ऐसे संविधान में स्थापित अभ्यर्थियों के अवरोध को कैसे पार करेंगे जो कि वाकई पात्र हैं ?




विभिन्न प्रकार के गुट उपरोक्त उल्लेखित और अति आवश्यक प्रावधानों पर प्रकाश डालकर अपने सहयोगियो को रणनीति बताएं अगर जवाब नहीं है तो बेरोजगारों को किसी का विरोध दिखाकर मूर्ख न बनाएं क्योंकि विरोध जो करता है वह असहाय होता है और जिसका विरोध होता है वो और भी सशक्त होता जाता है।
धन्यवाद

आपका

हिमांशु राणा

नोट :- इस पोस्ट को कुपोषित और नवजात बच्चों को और ऐसे अधिवक्ताओं को भी जिन्होंने लॉ की डिग्री मौज के लिए ली है न पढ़ाएं वरना वे एसएम की तरह उपरोक्त उल्लेखित भारतीय संविधान के नियमों को बदलने की कोशिश करेंगे और मुझे डर है कहीं उनका दिल न दहल जाए।

हमारी मीटिंग में पहुंचकर इन समस्याओं का निवारण भी लें और विरोधियों के प्रश्न जरूर लाएं या उन्हें भी लेकर आएं ।

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