1-याची क्यों बनें?
उत्तर- sm को हटाने के लिए जज साहब को 1.7 लाख शिक्षको की अवस्यक्ता पड़ेगी इस लिए विकल्प के तौर पर सभी बीएड टेट पास को याची बनना चाहिए।
2- याचियों को ही लाभ क्यों जज साहब general आर्डर करके सभी को लाभ क्यों नही दें रहे?
उत्तर- general आर्डर करने पर आरक्षण रूपी तकनिकी कमी आ जायेगी इसलिए जज साहब general आर्डर करने के बजाये सिर्फ याचियों को लाभ दे रहे है।
3-जब सभी याचियों को जॉब देनी है तो जज साहब ने सरकार को सिर्फ योग्य अभ्यर्थियों की लिस्ट बनाकर कोर्ट में लाने को क्यों कहा?
उत्तर- टेट 2011 में भयंकर फर्जीबाड़ा हुआ था तो याचियों के वेश में ऐसे फर्जी जॉब पाना चाहेंगे। इसीलिए सरकार को निर्देश दिए है कि सिर्फ योग्य लोगो की लिस्ट बना कर लाये। अयोग्य के चयन की स्थिति में सरकार दोषी होगी।
4- याचियों को तदर्थ नियुक्ति क्यों?
उत्तर- याचियों को नियुक्ति देने में एक और तकनिकी कमी है बो है criteria अर्थात याचियों की नियुक्ति में न टेट मेरिट है और न अकादमिक मेरिट और न ही ओल्ड ऐड न ही न्यू ऐड। तो इस तकनिकी कमी को तदर्थ के रूप में ख़त्म कर दिया।
5-तदर्थ क्या है?
उत्तर- तदर्थ का मतलब है अस्थाई अर्थात जब तक योग्य अभ्यर्थी नही मिल जाता तब तक अस्थाई तौर पर जॉब।
तो आप लोगो को बता दूँ उत्तर प्रदेश की हर भर्ती अस्थाई है। जब तक की फाइनल आदेश नही होता। अर्थात याचियों सहित अभी तक चयनित 60 हजार भी अस्थाई है। और तदर्थ का वेतन इनके सामान होता है।
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ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
उत्तर- sm को हटाने के लिए जज साहब को 1.7 लाख शिक्षको की अवस्यक्ता पड़ेगी इस लिए विकल्प के तौर पर सभी बीएड टेट पास को याची बनना चाहिए।
2- याचियों को ही लाभ क्यों जज साहब general आर्डर करके सभी को लाभ क्यों नही दें रहे?
उत्तर- general आर्डर करने पर आरक्षण रूपी तकनिकी कमी आ जायेगी इसलिए जज साहब general आर्डर करने के बजाये सिर्फ याचियों को लाभ दे रहे है।
3-जब सभी याचियों को जॉब देनी है तो जज साहब ने सरकार को सिर्फ योग्य अभ्यर्थियों की लिस्ट बनाकर कोर्ट में लाने को क्यों कहा?
उत्तर- टेट 2011 में भयंकर फर्जीबाड़ा हुआ था तो याचियों के वेश में ऐसे फर्जी जॉब पाना चाहेंगे। इसीलिए सरकार को निर्देश दिए है कि सिर्फ योग्य लोगो की लिस्ट बना कर लाये। अयोग्य के चयन की स्थिति में सरकार दोषी होगी।
4- याचियों को तदर्थ नियुक्ति क्यों?
उत्तर- याचियों को नियुक्ति देने में एक और तकनिकी कमी है बो है criteria अर्थात याचियों की नियुक्ति में न टेट मेरिट है और न अकादमिक मेरिट और न ही ओल्ड ऐड न ही न्यू ऐड। तो इस तकनिकी कमी को तदर्थ के रूप में ख़त्म कर दिया।
5-तदर्थ क्या है?
उत्तर- तदर्थ का मतलब है अस्थाई अर्थात जब तक योग्य अभ्यर्थी नही मिल जाता तब तक अस्थाई तौर पर जॉब।
तो आप लोगो को बता दूँ उत्तर प्रदेश की हर भर्ती अस्थाई है। जब तक की फाइनल आदेश नही होता। अर्थात याचियों सहित अभी तक चयनित 60 हजार भी अस्थाई है। और तदर्थ का वेतन इनके सामान होता है।
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