राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : जिस तरह किसी भी खेल के शुरू होने के बाद उसके
नियम नहीं बदले जाते ठीक उसी तरह एक ही भर्ती में दो तरह के मानक लागू करना
युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना है। कम से कम 15 हजार शिक्षकों की होने
जा रही भर्ती में दो तरह के मानक सामने आए हैं।
इससे युवा परेशान हैं और बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से विसंगति को दूर करने का अनुरोध किया गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती होनी है। इसके लिए नौ दिसंबर 2014 को शासनादेश जारी हुआ था। परिषद ने तीन बार इसके लिए आवेदन मांगे और एक बार काउंसिलिंग भी कराई गई है। अब फिर से काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होनी है। इसमें बीएलएड धारकों को भी मौका दिया गया है। युवाओं का कहना है कि बीएलएड प्रशिक्षुओं की दस्तक से ही भर्ती में दो मानक हो गए हैं। चयन नियमावली के तहत बीटीसी प्रशिक्षुओं के गुणवत्ता अंक का निर्धारण प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के आधार पर होना है वहीं बीएलएड धारक के गुणवत्ता अंक का निर्धारण प्रतिशत अंकों के आधार पर होगा। इससे जहां बीटीसी प्रशिक्षु अधिकतम 24 अंक पा सकते हैं वहीं बीएलएड प्रशिक्षु के अंक इससे अधिक भी हो सकते हैं।
जिला चयन के संदर्भ में यह भी नियम है कि बीटीसी प्रशिक्षु प्रथम काउंसिलिंग अपने प्रशिक्षण प्राप्त जिले में ही कराने के लिए बाध्य हैं, जबकि बीएलएड प्रशिक्षु प्रदेश के किसी भी जिले में काउंसिलिंग कराने के लिए स्वतंत्र हैं। इससे भर्ती में एकरूपता नहीं रह गई है। युवाओं ने परिषद सचिव से शुक्रवार को कहा है कि बीएलएड की तरह ही बीटीसी प्रशिक्षुओं के गुणवत्ता अंकों का निर्धारण भी प्रतिशत के आधार पर कर दिया जाए तो चयन सही तरीके से हो सकेगा।
परिषदीय स्कूलों में 15 हजार शिक्षक भर्ती की सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने शुक्रवार को भेज दिया है। युवा लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि बड़ी संख्या में आवेदन लिए गए हैं तो सीटें भी बढ़ाई जाए। इसके लिए नवसृजित 16448 सीटों को इस भर्ती में जोड़ा जाए। युवाओं ने लंबे समय तक यहां अनशन-प्रदर्शन किया था। आखिरकार परिषद ने शिक्षामंत्री, बेसिक शिक्षा सचिव एवं शिक्षा निदेशक बेसिक को प्रस्ताव भेज दिया है।
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इससे युवा परेशान हैं और बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से विसंगति को दूर करने का अनुरोध किया गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती होनी है। इसके लिए नौ दिसंबर 2014 को शासनादेश जारी हुआ था। परिषद ने तीन बार इसके लिए आवेदन मांगे और एक बार काउंसिलिंग भी कराई गई है। अब फिर से काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होनी है। इसमें बीएलएड धारकों को भी मौका दिया गया है। युवाओं का कहना है कि बीएलएड प्रशिक्षुओं की दस्तक से ही भर्ती में दो मानक हो गए हैं। चयन नियमावली के तहत बीटीसी प्रशिक्षुओं के गुणवत्ता अंक का निर्धारण प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के आधार पर होना है वहीं बीएलएड धारक के गुणवत्ता अंक का निर्धारण प्रतिशत अंकों के आधार पर होगा। इससे जहां बीटीसी प्रशिक्षु अधिकतम 24 अंक पा सकते हैं वहीं बीएलएड प्रशिक्षु के अंक इससे अधिक भी हो सकते हैं।
जिला चयन के संदर्भ में यह भी नियम है कि बीटीसी प्रशिक्षु प्रथम काउंसिलिंग अपने प्रशिक्षण प्राप्त जिले में ही कराने के लिए बाध्य हैं, जबकि बीएलएड प्रशिक्षु प्रदेश के किसी भी जिले में काउंसिलिंग कराने के लिए स्वतंत्र हैं। इससे भर्ती में एकरूपता नहीं रह गई है। युवाओं ने परिषद सचिव से शुक्रवार को कहा है कि बीएलएड की तरह ही बीटीसी प्रशिक्षुओं के गुणवत्ता अंकों का निर्धारण भी प्रतिशत के आधार पर कर दिया जाए तो चयन सही तरीके से हो सकेगा।
परिषदीय स्कूलों में 15 हजार शिक्षक भर्ती की सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने शुक्रवार को भेज दिया है। युवा लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि बड़ी संख्या में आवेदन लिए गए हैं तो सीटें भी बढ़ाई जाए। इसके लिए नवसृजित 16448 सीटों को इस भर्ती में जोड़ा जाए। युवाओं ने लंबे समय तक यहां अनशन-प्रदर्शन किया था। आखिरकार परिषद ने शिक्षामंत्री, बेसिक शिक्षा सचिव एवं शिक्षा निदेशक बेसिक को प्रस्ताव भेज दिया है।
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