परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अंशकालिक अनुदेशकों और कस्तूरबा गांधी
बालिका विद्यालयों के पार्ट टाइम शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने के राज्य
सरकार के इरादे पर केंद्र ने पानी फेर दिया है। केंद्र सरकार ने सर्व
शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत अंशकालिक अनुदेशकों और केजीबीवी के पार्ट
टाइम शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने के
राज्य सरकार के प्रस्ताव पर कैंची चला दी है।
साथ ही, एसएसए के तहत चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश में नये स्कूलों और आवासीय विद्यालयों के निर्माण के लिए धनराशि देने से भी इन्कार कर दिया है। यह कहते हुए कि राज्य सरकार पहले मौजूदा स्कूलों की भौगोलिक सूचना प्रणाली के तहत मैपिंग कराये।
राज्य सरकार ने एसएसए के तहत चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र को 22613.76 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना भेजी थी। शुक्रवार को नई दिल्ली में एसएसए के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में कार्ययोजना में काट-छांट कर तकरीबन 19 हजार करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें से लगभग 16 हजार करोड़ रुपये शिक्षकों व शिक्षामित्रों के वेतन/मानदेय पर खर्च होंगे। राज्य सरकार ने वार्षिक कार्ययोजना के तहत परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय 7000 रुपये से बढ़ाकर 15000 प्रति माह करने का प्रस्ताव शामिल किया था।
वहीं केजीबीवी के पार्ट टाइम शिक्षकों का मासिक मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये करने का प्रस्ताव था। पीएबी ने दोनों प्रस्ताव नामंजूर कर दिये। प्रदेश के उच्च प्राथमिक स्कूलों में अंशकालिक अनुदेशकों के कुल 41307 पदों में से 33397 पर फिलहाल अनुदेशक तैनात हैं। प्रदेश के 746 केजीबीवी में लगभग कुल 2900 अंशकालिक शिक्षक तैनात हैं। पीएबी की बैठक में परिषदीय स्कूलों में 716 अतिरिक्त क्लासरूम और पेयजल से वंचित 2310 विद्यालयों में हैंडपंप लगाने का प्रस्ताव मंजूर कर दिया गया। इनोवेशन योजनाओं के तहत हर जिले के लिए 50 लाख रुपये की धनराशि मंजूर की गई है।
माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 500 करोड़ की योजना मंजूर
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत वर्ष 2016-17 के लिए उप्र की खातिर लगभग 500 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना केंद्र सरकार ने मंजूर की है। शुक्रवार को नई दिल्ली में आरएमएसए के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में प्रदेश में नौवीं और दसवीं की छात्रओं के लिए 87 नये बालिका छात्रवास स्वीकृत किये गए। 30 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अतिरिक्त क्लासरूम, कंप्यूटर रूम, प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि की सुविधाएं विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इनके अलावा 100 और राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में हाईस्कूल स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा के दो कोर्स संचालित करने का प्रस्ताव अनुमोदित हुआ। पिछले साल स्वीकृत 258 राजकीय हाईस्कूलों के लिए जो धनराशि नहीं मिल पायी थी, पीएबी ने उसे भी स्वीकृत कर दिया है।
मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव पर केंद्र ने चलायी कैंची
नये स्कूलों का निर्माण स्वीकृत करने से इन्कार
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साथ ही, एसएसए के तहत चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश में नये स्कूलों और आवासीय विद्यालयों के निर्माण के लिए धनराशि देने से भी इन्कार कर दिया है। यह कहते हुए कि राज्य सरकार पहले मौजूदा स्कूलों की भौगोलिक सूचना प्रणाली के तहत मैपिंग कराये।
राज्य सरकार ने एसएसए के तहत चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र को 22613.76 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना भेजी थी। शुक्रवार को नई दिल्ली में एसएसए के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में कार्ययोजना में काट-छांट कर तकरीबन 19 हजार करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें से लगभग 16 हजार करोड़ रुपये शिक्षकों व शिक्षामित्रों के वेतन/मानदेय पर खर्च होंगे। राज्य सरकार ने वार्षिक कार्ययोजना के तहत परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय 7000 रुपये से बढ़ाकर 15000 प्रति माह करने का प्रस्ताव शामिल किया था।
वहीं केजीबीवी के पार्ट टाइम शिक्षकों का मासिक मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये करने का प्रस्ताव था। पीएबी ने दोनों प्रस्ताव नामंजूर कर दिये। प्रदेश के उच्च प्राथमिक स्कूलों में अंशकालिक अनुदेशकों के कुल 41307 पदों में से 33397 पर फिलहाल अनुदेशक तैनात हैं। प्रदेश के 746 केजीबीवी में लगभग कुल 2900 अंशकालिक शिक्षक तैनात हैं। पीएबी की बैठक में परिषदीय स्कूलों में 716 अतिरिक्त क्लासरूम और पेयजल से वंचित 2310 विद्यालयों में हैंडपंप लगाने का प्रस्ताव मंजूर कर दिया गया। इनोवेशन योजनाओं के तहत हर जिले के लिए 50 लाख रुपये की धनराशि मंजूर की गई है।
माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 500 करोड़ की योजना मंजूर
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत वर्ष 2016-17 के लिए उप्र की खातिर लगभग 500 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना केंद्र सरकार ने मंजूर की है। शुक्रवार को नई दिल्ली में आरएमएसए के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में प्रदेश में नौवीं और दसवीं की छात्रओं के लिए 87 नये बालिका छात्रवास स्वीकृत किये गए। 30 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अतिरिक्त क्लासरूम, कंप्यूटर रूम, प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि की सुविधाएं विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इनके अलावा 100 और राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में हाईस्कूल स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा के दो कोर्स संचालित करने का प्रस्ताव अनुमोदित हुआ। पिछले साल स्वीकृत 258 राजकीय हाईस्कूलों के लिए जो धनराशि नहीं मिल पायी थी, पीएबी ने उसे भी स्वीकृत कर दिया है।
मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव पर केंद्र ने चलायी कैंची
नये स्कूलों का निर्माण स्वीकृत करने से इन्कार
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