नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के स्कूलों में पिछले छह साल से पढ़ा रहे दो
अतिथि शिक्षकों प्रवीण तोबड़िया और शोएब राणा को नौकरी से निकाले जाने का
मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के इस कदम के
खिलाफ अतिथि शिक्षकों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है।
उनका आरोप है कि कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना ही उन्हें निकाला गया, जो नियमों के खिलाफ है और उन्हें सिर्फ अतिथि शिक्षकों के हक की लड़ाई लड़ने की सजा दी जा रही है। 1ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने बताया कि वह पिछले छह साल से बदरपुर स्थित स्कूल में पढ़ा रहे थे। 18 अप्रैल को उन्हें एकाएक नौकरी से निकाल दिया गया। उनका आरोप है कि उन्हें अतिथि शिक्षकों की लड़ाई जारी रखने और दलित शिक्षक होने की सजा मिली है। उनका आरोप है कि इस कार्रवाई के दायरे में 13 शिक्षक थे, जिन्हें निकाला जाना था लेकिन कार्रवाई सिर्फ उन्हीं के खिलाफ हुई। इसी तरह से जाफराबाद स्थित सरकारी स्कूल के एक अन्य शिक्षक शोएब राणा पर भी ऐसी ही कार्रवाई की गई है। शोएब के मुताबिक, उन्हें ड्यूटी में लापरवाही बरतने, छात्रों, कर्मचारियों और स्टॉफ के साथ ठीक व्यवहार न करने के आरोप में निकाला गया है।राब्यू , नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के स्कूलों में पिछले छह साल से पढ़ा रहे दो अतिथि शिक्षकों प्रवीण तोबड़िया और शोएब राणा को नौकरी से निकाले जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के इस कदम के खिलाफ अतिथि शिक्षकों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। उनका आरोप है कि कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना ही उन्हें निकाला गया, जो नियमों के खिलाफ है और उन्हें सिर्फ अतिथि शिक्षकों के हक की लड़ाई लड़ने की सजा दी जा रही है।
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने बताया कि वह पिछले छह साल से बदरपुर स्थित स्कूल में पढ़ा रहे थे। 18 अप्रैल को उन्हें एकाएक नौकरी से निकाल दिया गया। उनका आरोप है कि उन्हें अतिथि शिक्षकों की लड़ाई जारी रखने और दलित शिक्षक होने की सजा मिली है। उनका आरोप है कि इस कार्रवाई के दायरे में 13 शिक्षक थे, जिन्हें निकाला जाना था लेकिन कार्रवाई सिर्फ उन्हीं के खिलाफ हुई। इसी तरह से जाफराबाद स्थित सरकारी स्कूल के एक अन्य शिक्षक शोएब राणा पर भी ऐसी ही कार्रवाई की गई है। शोएब के मुताबिक, उन्हें ड्यूटी में लापरवाही बरतने, छात्रों, कर्मचारियों और स्टॉफ के साथ ठीक व्यवहार न करने के आरोप में निकाला गया है।
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उनका आरोप है कि कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना ही उन्हें निकाला गया, जो नियमों के खिलाफ है और उन्हें सिर्फ अतिथि शिक्षकों के हक की लड़ाई लड़ने की सजा दी जा रही है। 1ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने बताया कि वह पिछले छह साल से बदरपुर स्थित स्कूल में पढ़ा रहे थे। 18 अप्रैल को उन्हें एकाएक नौकरी से निकाल दिया गया। उनका आरोप है कि उन्हें अतिथि शिक्षकों की लड़ाई जारी रखने और दलित शिक्षक होने की सजा मिली है। उनका आरोप है कि इस कार्रवाई के दायरे में 13 शिक्षक थे, जिन्हें निकाला जाना था लेकिन कार्रवाई सिर्फ उन्हीं के खिलाफ हुई। इसी तरह से जाफराबाद स्थित सरकारी स्कूल के एक अन्य शिक्षक शोएब राणा पर भी ऐसी ही कार्रवाई की गई है। शोएब के मुताबिक, उन्हें ड्यूटी में लापरवाही बरतने, छात्रों, कर्मचारियों और स्टॉफ के साथ ठीक व्यवहार न करने के आरोप में निकाला गया है।राब्यू , नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के स्कूलों में पिछले छह साल से पढ़ा रहे दो अतिथि शिक्षकों प्रवीण तोबड़िया और शोएब राणा को नौकरी से निकाले जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के इस कदम के खिलाफ अतिथि शिक्षकों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। उनका आरोप है कि कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना ही उन्हें निकाला गया, जो नियमों के खिलाफ है और उन्हें सिर्फ अतिथि शिक्षकों के हक की लड़ाई लड़ने की सजा दी जा रही है।
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने बताया कि वह पिछले छह साल से बदरपुर स्थित स्कूल में पढ़ा रहे थे। 18 अप्रैल को उन्हें एकाएक नौकरी से निकाल दिया गया। उनका आरोप है कि उन्हें अतिथि शिक्षकों की लड़ाई जारी रखने और दलित शिक्षक होने की सजा मिली है। उनका आरोप है कि इस कार्रवाई के दायरे में 13 शिक्षक थे, जिन्हें निकाला जाना था लेकिन कार्रवाई सिर्फ उन्हीं के खिलाफ हुई। इसी तरह से जाफराबाद स्थित सरकारी स्कूल के एक अन्य शिक्षक शोएब राणा पर भी ऐसी ही कार्रवाई की गई है। शोएब के मुताबिक, उन्हें ड्यूटी में लापरवाही बरतने, छात्रों, कर्मचारियों और स्टॉफ के साथ ठीक व्यवहार न करने के आरोप में निकाला गया है।
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