राज्य ब्यूरो, लखनऊ : राज्य कर्मचारियों का मकान किराया भत्ता (एचआरए) बढ़ाने के मामले में सरकार सहमत तो हो गई है, लेकिन कर्मचारियों की पूरी मांग नहीं मानी गयी है। मौजूदा एचआरए में 20 फीसद वृद्धि का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में लाने की तैयारी है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अमल की शुरुआत को भी कैबिनेट बैठक का इंतजार है।
अगले माह से हो सकती राज्यकर्मियों के मकान किराए भत्ते में 20 फीसद वृद्धि
सातवें वेतन आयोग पर अमल को भी कैबिनेट बैठक का इंतजार
राज्य कर्मचारी लंबे समय से एचआरए में वृद्धि के साथ इसे ग्रेड पे से जोड़ने की मांग कर रहे थे। तर्क था कि इससे वेतन के अनुरूप एचआरए बढ़ सकेगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने एचआरए बढ़ाने संबंधी मांग पर तो सहमति जताई है, किंतु ग्रेड पे से संबद्ध करने की मांग अस्वीकार कर दी है। प्रमुख सचिव (वित्त) राहुल भटनागर ने बताया कि सभी कर्मचारियों को उनके मौजूदा मकान किराया भत्ता में सीधे-सीधे 20 फीसद वृद्धि का लाभ देने का प्रस्ताव किया गया है। भविष्य में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों की स्वीकार्यता की स्थिति में इसकी समीक्षा की जाएगी। सातवें वेतन आयोग में ग्रेड पे समाप्त कर मूल वेतन में जोड़ते हुए नए आधार सृजित किये गए हैं, इसलिए भी एचआरए को ग्रेड पे से जोड़ना मुख्य सचिव समिति को बहुत औचित्यपूर्ण नहीं लगा। इस बीच सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए समीक्षा समिति बनाने संबंधी प्रस्ताव भी वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है। इसे सैद्धांतिक सहमति के बाद अब कैबिनेट के समक्ष लाने की तैयारी है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री के स्तर पर समीक्षा समिति के अध्यक्ष का नाम घोषित किया जाएगा। उनके साथ वित्त विभाग के अधिकारियों की टीम केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार सिफारिशों के आलोक में फैसला करेगी। माना जा रहा है कि समीक्षा समिति से तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा जाएगा, ताकि हर हाल में इसी साल कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जा सके।
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सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अमल की शुरुआत को भी कैबिनेट बैठक का इंतजार है।
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सातवें वेतन आयोग पर अमल को भी कैबिनेट बैठक का इंतजार
राज्य कर्मचारी लंबे समय से एचआरए में वृद्धि के साथ इसे ग्रेड पे से जोड़ने की मांग कर रहे थे। तर्क था कि इससे वेतन के अनुरूप एचआरए बढ़ सकेगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने एचआरए बढ़ाने संबंधी मांग पर तो सहमति जताई है, किंतु ग्रेड पे से संबद्ध करने की मांग अस्वीकार कर दी है। प्रमुख सचिव (वित्त) राहुल भटनागर ने बताया कि सभी कर्मचारियों को उनके मौजूदा मकान किराया भत्ता में सीधे-सीधे 20 फीसद वृद्धि का लाभ देने का प्रस्ताव किया गया है। भविष्य में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों की स्वीकार्यता की स्थिति में इसकी समीक्षा की जाएगी। सातवें वेतन आयोग में ग्रेड पे समाप्त कर मूल वेतन में जोड़ते हुए नए आधार सृजित किये गए हैं, इसलिए भी एचआरए को ग्रेड पे से जोड़ना मुख्य सचिव समिति को बहुत औचित्यपूर्ण नहीं लगा। इस बीच सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए समीक्षा समिति बनाने संबंधी प्रस्ताव भी वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है। इसे सैद्धांतिक सहमति के बाद अब कैबिनेट के समक्ष लाने की तैयारी है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री के स्तर पर समीक्षा समिति के अध्यक्ष का नाम घोषित किया जाएगा। उनके साथ वित्त विभाग के अधिकारियों की टीम केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार सिफारिशों के आलोक में फैसला करेगी। माना जा रहा है कि समीक्षा समिति से तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा जाएगा, ताकि हर हाल में इसी साल कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जा सके।
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