लखनऊ : दो महीने से अधिक तैयारी करने के बाद और निर्धारित तारीख से चार दिन
पहले केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा हड़ताल वापस लिए जाने से राज्य
कर्मचारियों के आंदोलन को बड़ा झटका लगा है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अलग-अलग गुटों ने कहीं न कहीं केंद्रीय कर्मचारियों के साथ जोड़कर आंदोलन की तैयारी कर रखी थी, लेकिन अब मांग पूरी होना तो दूर, बिना आश्वासन के उन्हें आंदोलन स्थगित करना पड़ रहा है। हालांकि संगठन फिर से नई तैयारी में जुटे हैं।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के हरिकिशोर तिवारी गुट ने 11 जुलाई को रेलवे व अन्य केंद्रीय कर्मचारियों के साथ ही हड़ताल पर जाने का निर्णय किया था। रेलवे संगठन के पदाधिकारियों और तिवारी गुट के पदाधिकारियों की कई बार बैठकें हुईं, पदयात्र निकाली गई और चारबाग स्टेशन परिसर में संयुक्त सभा भी की गई। अब रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल वापस होने से उन्हें भी आंदोलन स्थगित करना पड़ा है। चूंकि कर्मचारी नेता आह्वान कर चुके थे, इसलिए अब 11 जुलाई को हड़ताल के बजाए बैठक बुलाई गई है।
इस बैठक में 13 जुलाई को प्रदेशव्यापी धरना देने की तैयारी होगी। इसी दिन धरने के दौरान हड़ताल की तारीख तय की जा सकती है।1राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के एसपी तिवारी गुट ने भी केंद्रीय कर्मचारियों के साथ आंदोलन की तैयारी कर ली थी। चूंकि राज्य कर्मचारियों के गुटों के बीच प्रतिद्वंद्विता रहती है, इस वजह से हरिकिशोर तिवारी गुट के केंद्रीय कर्मचारियों के साथ जुड़ने के बाद एसपी तिवारी गुट ने केंद्रीय कर्मचारियों के साथ आंदोलन का गठजोड़ तो नहीं किया, लेकिन आंदोलन के लिए तारीख वही तय की जो केंद्रीय कर्मचारियों और राज्य कर्मचारियों के हरिकिशोर तिवारी गुट ने की थी।
11 जुलाई को इस गुट ने सामूहिक अवकाश की योजना बनाई थी और तय हुआ था कि हड़ताल होने की दशा में वे भी केंद्रीय कर्मचारियों और हरिकिशोर तिवारी गुट के साथ जुड़ जाएंगे।1अब सामूहिक अवकाश का यह कार्यक्रम भी निरस्त हो गया। इस गुट ने 17 जुलाई को कार्यकारिणी बैठक बुलाई है। इस बैठक में दो सितंबर को प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार की घोषणा करने की तैयारी की जा रही है। उधर कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने भी 14 जुलाई को जवाहर भवन में धरना देकर जीपीओ तक जुलूस निकाल कर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की तैयारी की है।
रेलवे नेताओं को ठहराया जिम्मेदार : पूरी तैयारी होने के बाद राज्य कर्मचारियों की हड़ताल निरस्त होने के लिए कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी रेलवे नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। संगठन पदाधिकारियों का शुक्रवार को कहना था कि हड़ताल की तैयारी से केंद्र सरकार पर दबाव पड़ रहा था, लेकिन ऐन वक्त पर कदम पीछे खींचने से झटका लगा है।1स्थानीय निकाय व सफाई कर्मचारी भी नहीं करेंगे हड़ताल : स्थानीय निकाय एवं सफाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा भी राज्य सरकार से मांगों के संबंध में मिले सकारात्मक आश्वासन के बाद आंदोलन और हड़ताल से खुद को अलग रखेगा। मांगों के संबंध में नगर विकास सचिव एसपी सिंह से वार्ता के बाद मोर्चे के शशि कुमार मिश्र ने बताया कि बातचीत सकारात्मक रही है। ऐसे में आंदोलन और हड़ताल का औचित्य नहीं रह गया है। इस संबंध में शनिवार को मोर्चे के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है।
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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अलग-अलग गुटों ने कहीं न कहीं केंद्रीय कर्मचारियों के साथ जोड़कर आंदोलन की तैयारी कर रखी थी, लेकिन अब मांग पूरी होना तो दूर, बिना आश्वासन के उन्हें आंदोलन स्थगित करना पड़ रहा है। हालांकि संगठन फिर से नई तैयारी में जुटे हैं।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के हरिकिशोर तिवारी गुट ने 11 जुलाई को रेलवे व अन्य केंद्रीय कर्मचारियों के साथ ही हड़ताल पर जाने का निर्णय किया था। रेलवे संगठन के पदाधिकारियों और तिवारी गुट के पदाधिकारियों की कई बार बैठकें हुईं, पदयात्र निकाली गई और चारबाग स्टेशन परिसर में संयुक्त सभा भी की गई। अब रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल वापस होने से उन्हें भी आंदोलन स्थगित करना पड़ा है। चूंकि कर्मचारी नेता आह्वान कर चुके थे, इसलिए अब 11 जुलाई को हड़ताल के बजाए बैठक बुलाई गई है।
इस बैठक में 13 जुलाई को प्रदेशव्यापी धरना देने की तैयारी होगी। इसी दिन धरने के दौरान हड़ताल की तारीख तय की जा सकती है।1राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के एसपी तिवारी गुट ने भी केंद्रीय कर्मचारियों के साथ आंदोलन की तैयारी कर ली थी। चूंकि राज्य कर्मचारियों के गुटों के बीच प्रतिद्वंद्विता रहती है, इस वजह से हरिकिशोर तिवारी गुट के केंद्रीय कर्मचारियों के साथ जुड़ने के बाद एसपी तिवारी गुट ने केंद्रीय कर्मचारियों के साथ आंदोलन का गठजोड़ तो नहीं किया, लेकिन आंदोलन के लिए तारीख वही तय की जो केंद्रीय कर्मचारियों और राज्य कर्मचारियों के हरिकिशोर तिवारी गुट ने की थी।
11 जुलाई को इस गुट ने सामूहिक अवकाश की योजना बनाई थी और तय हुआ था कि हड़ताल होने की दशा में वे भी केंद्रीय कर्मचारियों और हरिकिशोर तिवारी गुट के साथ जुड़ जाएंगे।1अब सामूहिक अवकाश का यह कार्यक्रम भी निरस्त हो गया। इस गुट ने 17 जुलाई को कार्यकारिणी बैठक बुलाई है। इस बैठक में दो सितंबर को प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार की घोषणा करने की तैयारी की जा रही है। उधर कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने भी 14 जुलाई को जवाहर भवन में धरना देकर जीपीओ तक जुलूस निकाल कर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की तैयारी की है।
रेलवे नेताओं को ठहराया जिम्मेदार : पूरी तैयारी होने के बाद राज्य कर्मचारियों की हड़ताल निरस्त होने के लिए कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी रेलवे नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। संगठन पदाधिकारियों का शुक्रवार को कहना था कि हड़ताल की तैयारी से केंद्र सरकार पर दबाव पड़ रहा था, लेकिन ऐन वक्त पर कदम पीछे खींचने से झटका लगा है।1स्थानीय निकाय व सफाई कर्मचारी भी नहीं करेंगे हड़ताल : स्थानीय निकाय एवं सफाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा भी राज्य सरकार से मांगों के संबंध में मिले सकारात्मक आश्वासन के बाद आंदोलन और हड़ताल से खुद को अलग रखेगा। मांगों के संबंध में नगर विकास सचिव एसपी सिंह से वार्ता के बाद मोर्चे के शशि कुमार मिश्र ने बताया कि बातचीत सकारात्मक रही है। ऐसे में आंदोलन और हड़ताल का औचित्य नहीं रह गया है। इस संबंध में शनिवार को मोर्चे के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है।
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