राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक कालेजों को योग्य
शिक्षक एवं प्रधानाचार्य देने के लिए मंथन जारी है। माध्यमिक शिक्षा सेवा
चयन बोर्ड इस ओर गंभीर है। तैयारी है कि परीक्षा और साक्षात्कार का पैटर्न
ऐसा लागू किया जाए जिसमें गड़बड़ी और धांधली होने की गुंजाइश न रहे।
कॉपियां सादी छोड़ने वाले अभ्यर्थियों पर शिकंजा कस दिया गया है, अब तैयारी है कि जब तक समुचित प्रश्नों का जवाब न दिया जाए उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ही न हो सके। वहीं साक्षात्कार में कोडिंग के बजाए ऐसा तरीका लागू करने की तैयारी है जिसमें अभ्यर्थी की पहचान न उजागर हो। 1चयन बोर्ड सहायता प्राप्त कालेजों के लिए इधर कई वर्षो से शिक्षकों का चयन नहीं कर पाया है। पहले जिन शिक्षकों और इधर प्रधानाचार्यो का इम्तिहान व इंटरव्यू हुआ उसमें परीक्षा का मखौल ही उड़ा है। जुगाड़ से नंबर पाने व गुपचुप तरीके से साक्षात्कार में सेटिंग करके तमाम को तैनाती मिली है। बड़ी संख्या में ऐसे भी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होते रहे हैं जो उत्तरपुस्तिकाएं सादी छोड़कर चले आते थे, ताकि वे सेटिंग के जरिए उम्दा अंक प्राप्त करके शिक्षक बन सकें। इधर उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग में सादी कॉपियों का मामला उजागर हो गया। इससे चौकन्ने चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2011 की परीक्षा में यह निर्देश दिए कि जो उत्तर पुस्तिकाएं सादी होंगी उन्हें परीक्षा कक्ष में ही चिन्हित कर लिया जाए, ताकि वे पहले ही मूल्यांकन से अलग हो जाएं। यह निर्देश सार्वजनिक होने पर युवाओं ने कुछ सवालों का जवाब देने का रास्ता अख्तियार किया। चयन बोर्ड ऐसी तैयारी में है कि यदि उत्तरपुस्तिका में समुचित प्रश्नों का जवाब न दिया गया हो तो उसे भी मूल्यांकन से बाहर किया जाए।1यह निर्देश लागू करने पर सुधार होने की उम्मीद है। यही नहीं अभ्यर्थी की पहचान छिपाने के लिए इस बार 2013 के साक्षात्कार में कोडिंग सिस्टम लागू किया। साथ ही एवरेज मार्किंग देने के भी निर्देश हुए, लेकिन कोडिंग सिस्टम से भी अभ्यर्थी की पहचान छिप नहीं सकी। 1असल में अभ्यर्थी को संबंधित कोड पहले ही बताया गया, इससे यदि उसने बोर्ड में किसी के जरिए सेटिंग कर रखी है तो उसी कोड को शिक्षकों को बता दिया। इससे वह अपने मकसद में सफल हो गया। हालांकि बहुत अधिक या बहुत कम अंक देने पर जरूर लगाम लग गई है। तैयारी है कि आगे से साक्षात्कार में रैंडम बोर्ड आवंटित हो, ताकि कोडिंग सिस्टम होने पर विशेषज्ञ अभ्यर्थी को जान नहीं सकेंगे। 1इसी तरह उत्तर पुस्तिकाओं में भी कुछ नए कॉलम ईजाद करने की दिशा में काम चल रहा है। इससे परीक्षा पूरे पारदर्शी ढंग से हो सकेगी और गड़बड़ी के आसार बहुत कम होंगे। चयन बोर्ड अध्यक्ष हीरालाल गुप्त कहते हैं कि भर्तियां आईने की तरह साफ होंगी। अभ्यर्थी की हर जिज्ञासा का जवाब बोर्ड देगा और परीक्षा और साक्षात्कार में चूक का कोई मौका नहीं देंगे। 2011 की लिखित परीक्षा से तमाम अनुभव हुए हैं वह 2016 की परीक्षा में दोहराने नहीं पाएंगे।
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कॉपियां सादी छोड़ने वाले अभ्यर्थियों पर शिकंजा कस दिया गया है, अब तैयारी है कि जब तक समुचित प्रश्नों का जवाब न दिया जाए उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ही न हो सके। वहीं साक्षात्कार में कोडिंग के बजाए ऐसा तरीका लागू करने की तैयारी है जिसमें अभ्यर्थी की पहचान न उजागर हो। 1चयन बोर्ड सहायता प्राप्त कालेजों के लिए इधर कई वर्षो से शिक्षकों का चयन नहीं कर पाया है। पहले जिन शिक्षकों और इधर प्रधानाचार्यो का इम्तिहान व इंटरव्यू हुआ उसमें परीक्षा का मखौल ही उड़ा है। जुगाड़ से नंबर पाने व गुपचुप तरीके से साक्षात्कार में सेटिंग करके तमाम को तैनाती मिली है। बड़ी संख्या में ऐसे भी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होते रहे हैं जो उत्तरपुस्तिकाएं सादी छोड़कर चले आते थे, ताकि वे सेटिंग के जरिए उम्दा अंक प्राप्त करके शिक्षक बन सकें। इधर उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग में सादी कॉपियों का मामला उजागर हो गया। इससे चौकन्ने चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2011 की परीक्षा में यह निर्देश दिए कि जो उत्तर पुस्तिकाएं सादी होंगी उन्हें परीक्षा कक्ष में ही चिन्हित कर लिया जाए, ताकि वे पहले ही मूल्यांकन से अलग हो जाएं। यह निर्देश सार्वजनिक होने पर युवाओं ने कुछ सवालों का जवाब देने का रास्ता अख्तियार किया। चयन बोर्ड ऐसी तैयारी में है कि यदि उत्तरपुस्तिका में समुचित प्रश्नों का जवाब न दिया गया हो तो उसे भी मूल्यांकन से बाहर किया जाए।1यह निर्देश लागू करने पर सुधार होने की उम्मीद है। यही नहीं अभ्यर्थी की पहचान छिपाने के लिए इस बार 2013 के साक्षात्कार में कोडिंग सिस्टम लागू किया। साथ ही एवरेज मार्किंग देने के भी निर्देश हुए, लेकिन कोडिंग सिस्टम से भी अभ्यर्थी की पहचान छिप नहीं सकी। 1असल में अभ्यर्थी को संबंधित कोड पहले ही बताया गया, इससे यदि उसने बोर्ड में किसी के जरिए सेटिंग कर रखी है तो उसी कोड को शिक्षकों को बता दिया। इससे वह अपने मकसद में सफल हो गया। हालांकि बहुत अधिक या बहुत कम अंक देने पर जरूर लगाम लग गई है। तैयारी है कि आगे से साक्षात्कार में रैंडम बोर्ड आवंटित हो, ताकि कोडिंग सिस्टम होने पर विशेषज्ञ अभ्यर्थी को जान नहीं सकेंगे। 1इसी तरह उत्तर पुस्तिकाओं में भी कुछ नए कॉलम ईजाद करने की दिशा में काम चल रहा है। इससे परीक्षा पूरे पारदर्शी ढंग से हो सकेगी और गड़बड़ी के आसार बहुत कम होंगे। चयन बोर्ड अध्यक्ष हीरालाल गुप्त कहते हैं कि भर्तियां आईने की तरह साफ होंगी। अभ्यर्थी की हर जिज्ञासा का जवाब बोर्ड देगा और परीक्षा और साक्षात्कार में चूक का कोई मौका नहीं देंगे। 2011 की लिखित परीक्षा से तमाम अनुभव हुए हैं वह 2016 की परीक्षा में दोहराने नहीं पाएंगे।
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