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शिक्षक संगठनों ने एसएमएस व्यवस्था का किया बहिष्कार

हाजिरी का एसएमएस न भेजने पर वेतन काटने के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ व उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है।
आरोप लगाया कि कई शिक्षकों ने एसएमएस भेजा है। इसके बावजूद उनका वेतन काट दिया गया है। एक स्वर में एसएमएस भेजने की व्यवस्था बंद करने की मांग की है। 20 अक्तूबर से एसएमएस व्यवस्था का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सूरज सिंह यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एलबी सिंह के नेतृत्व में शिक्षक बीएसए दफ्तर पहुंचे और आक्रोश जताया। बीएसए के न मिलने पर कार्यालय स्टाफ को ज्ञापन सौंपा। कहा है कि पहले दिन 683, जबकि दूसरे दिन 723 शिक्षकों का हाजिरी एसएमएस न भेजने पर एक दिन का वेतन काटने का आदेश पारित किया गया है, जबकि इनमें से बहुत से शिक्षकों ने एसएमएस किया है।

उनके मोबाइल डाटा में ब्यौरा सुरक्षित है। यह भी देखा जा रहा है कि कुछ सेवानिवृत्त शिक्षकों के नाम व कुछ विद्यालय व शिक्षकों के नाम सूची में दो बार दर्ज हैं। स्थानांतरण होने वाले टीचरों का नाम भी सूची में दर्ज है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि कई बार नेटवर्क न होने के कारण एसएमएस भेजने की व्यवस्था बाधित रहती है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि संगठन ने निर्णय लिया है कि तीन दिन में बीएसए अपने आदेश पर पुनर्विचार करते हुए वेतन कटौती के आदेश को निरस्त करें। अन्यथा जनपद के शिक्षक आंदोलन करेंगे। तब तक एसएमएस का बहिष्कार करेंगे।

उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह राजावत, कोषाध्यक्ष राहत अली, महामंत्री संजय सचान का कहना है कि शासनादेश व उच्च न्यायालय के आदेश हैं कि किसी भी शिक्षक का वेतन बिना उसका पक्ष जाने न काटा जाए, लेकिन उल्लंघन हो रहा है। शिक्षक नियम विरुद्ध एसएमएस व्यवस्था का बहिष्कार करते हैं। यह तानाशाही पूर्ण व निंदनीय कार्रवाई है।
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