मार्कशीट के फर्जीवाड़े ने बिगाड़ा एलटी ग्रेड भर्ती का स्वरूप

जागरण संवाददाता, कानपुर : राजकीय विद्यालयों में शैक्षणिक माहौल बेहतर करने के लिए एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) भर्ती को लेकर शिक्षा विभाग के अफसर जितना गंभीर थे। भर्ती के दौैरान मार्कशीट के फर्जीवाड़े देखकर उनके होश उड़ गए।
कानपुर मंडल में पिछले दो सालों के अंदर फर्जी मार्कशीट की वजह से 38 सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां निरस्त हुईं। इससे पूरे महकमे में हड़कंप मच गया। अफसरों ने प्रक्रिया में बदलाव की बात कही थी। मेरिट का स्तर मंडल के बजाय प्रदेश स्तर पर कर दिया गया लेकिन फर्जीवाड़ा जारी है।
विभागीय जानकारों की मानें तो प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार न होने से ऐसी स्थिति सामने आ रही है जबकि अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्तियां माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड लिखित परीक्षा और साक्षात्कार से करता है लेकिन राजकीय विद्यालयों के साथ आखिर सरकार ने ऐसी उपेक्षा क्यों की। इसका जवाब देने के लिए कोई अफसर तैयार नहीं। हां, यह जरूर है कि इस एलटी ग्रेड भर्ती ने विभाग की जो फजीहत कराई, उसे समेट पाना आसान नहीं होगा। अफसरों का कहना है कि प्रक्रिया को वर्ष 2016 में पूरा हो जाना था लेकिन इन झंझावतों की वजह से यह प्रक्रिया अब तक लटकी पड़ी है।
एक नजर प्रक्रिया पर:
प्रक्रिया की शुरूआत: सितंबर 2014
कानपुर मंडल में कुल पद: 371
फर्जी नियुक्तियों के मामले: 38
ज्वाइनिंग दी गयी: 72

कुल आवेदन आए: 1,82,000
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