शिक्षामित्र विवाद : उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के चयन हेतु प्रथम शासनादेश दिनांक 26.05.1999 को जारी हुआ था । यह योजना युवाओं की प्राथमिक शिक्षा में भागीदार हेतु थी ।
BSA इलाहाबाद ने काउंटर लगाया कि शिक्षामित्रों का चयन बेसिक शिक्षा नियमावली से नहीं हुआ है , इनका चयन मात्र संविदा कर्मी के रूप में 11 महीने के लिए हुआ है अतः आरक्षण की बात लागू नहीं होगी ।
इस प्रकार विजय राज भाई शिक्षामित्र नहीं बन सके । RTE एक्ट लागू होने के बाद शिक्षामित्र योजना बंद कर दी गयी ।
इस प्रकार शिक्षामित्र अध्यापक नहीं थे मगर दिनांक 4 जनवरी 2011 को उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी दिखाकर शिक्षामित्रों को कार्यरत शिक्षक बताकर NCTE से सरकार ने शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण हेतु इजाजत मांगी तथा दिनांक 14 जनवरी 2011 को इजाजत मिल गयी ।
जबकि दिनांक 23 अगस्त 2010 को भारत सरकार के राजपत्र से बीएड वालों को नियुक्ति की छूट मिल गयी थी मगर राज्य सरकार ने बीएड बेरोजगारों की अनदेखी कर दी ।
यदि सरकार ने शिक्षामित्रों की बजाय बीएड पर दांव लगाया होता तो उसके लिए अधिक श्रेयष्कर होता ।
प्रशिक्षण के विरुद्ध बीएड वाले हाई कोर्ट गये और स्थगन मिल गया परंतु खंडपीठ ने यह कहकर स्थगन हटा दिया कि यदि ये कार्यरत शिक्षक नहीं होंगे तो इनका प्रशिक्षण याचिका के अंतिम निर्णय के आधीन रहेगा अर्थात निरस्त होगा ।
प्रशिक्षण के बाद वर्ष 2014 एवं 2015 में दो चरणों में लगभग 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ। समायोजन के लिए राज्य सरकार ने राज्य के बाल शिक्षा अधिकार कानून 2011 में प्रथम संशोधन करके शिक्षामित्रों को बगैर टीइटी के ही नियुक्त करने का नियम बनाया और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में 19वां संशोधन करके रूल 16 में उप क्लॉज़ जोड़ा और रूल 8 में शिक्षामित्र योग्यता को स्थान दिया । बीएड और बीटीसी बेरोजगारों ने समायोजन को चुनौती दी । इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ० DY चंद्रचूड ने दोनों संशोधन रद्द कर दिया और शिक्षामित्रों को संविदाकर्मी बताकर उनका समायोजन निरस्त कर दिया ।
चीफ जस्टिस ने स्पष्ट किया कि यूपी बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 से इनका कोई सम्बन्ध नहीं है ।
शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण मामला NCTE पर छोड़ दिया ।
जब सुनवायी चल रही थी तो विजय राज भाई ने कहा कि राहुल भाई इलाहाबाद BSA का काउंटर चीफ साहब को दिखाया जाये तो मैंने कहा कि आप धैर्य रखें दुनिया का सर्वोच्च विद्वान के यहाँ सुनवाई हो रही है, अंत में सत्य खोज लेंगे ।
अंततः चीफ साहब ने संविदाकर्मी बताकर ही समायोजन निरस्त किया ।
ऑनलाइन वर्क में मैं थोड़ा कमजोर हूँ इसलिए श्याम देव मिश्र द्वारा खोजी गयी उमादेवी की नजीर को राजेश राव से मैंने मुकदमे में जिस तरह लिखाया था , चीफ साहब ने उसी शब्दों में आर्डर में उसे लिखाया है ।
शिक्षामित्र/सरकार सुप्रीम कोर्ट गये जहाँ पर उनको दिनांक 7.12.2015 को बीएड के 1100 याचियों को नियुक्ति देने की शर्त पर स्थगन मिला ।
मामला अभी पेंडिंग है । मुकदमे की मेरिट के अनुसार दो प्रश्न निर्मित होते हैं ।
1. जब शिक्षामित्र संविदाकर्मी थे तो फिर इनको प्रशिक्षण क्यों दिया गया क्योंकि वह प्रशिक्षण मात्र कार्यरत शिक्षक को ही दिया जा सकता है ?
2. जब इनका प्रशिक्षण अभी तक निरस्त नहीं है तो फिर ये कार्यरत शिक्षक क्यों नहीं थे और इनका समायोजन क्यों निरस्त हो?
शिक्षामित्र संविदाकर्मी थे लेकिन तथ्य छिपाकर उनको प्रशिक्षण दिया गया है अतः इनका प्रशिक्षण अवैध है । इनका प्रशिक्षण अवैध नहीं घोषित होता है शिक्षामित्र स्वयं को कार्यरत शिक्षक के आधार पर ही प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक बताएँगे । यदि ये कार्यरत शिक्षक थे तो इनको प्रशिक्षण के बाद फिर पुनः नियुक्ति की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
इस प्रकार शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण बचे चाहे न बचे परंतु समायोजन निरस्त होगा क्योंकि RTE एक्ट के बाद इनकी बगैर टीईटी नियुक्ति सम्भव नहीं है अतः समायोजन निरस्त होगा । इस प्रकार मुकदमे की मेरिट के तहत शिक्षामित्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट से कोई भी राहत की खबर नहीं है ।
इनका प्रयास सिर्फ मुकदमे से भागना कब तक सफल रहेगा यह सर्वोच्च अदालत और इनकी किस्मत पर निर्भर है । अगली पोस्ट में बीएड की 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती विवाद, याची राहत एवं नये विज्ञापन पर मुकदमे की मेरिट के अनुसार तर्क रखूँगा । कोर्ट क्या करती है यह कोर्ट जानें । - राहुल पांडेय
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : बीएड याचियों की उलटी गिनती शुरू, सुनवाई के कुछ ही दिन शेष!
- 7 अप्रैल को पुनः सभी केसों पर सुनवाई : गाजी इमाम आला , मयंक तिवारी , गणेश दीक्षित , हिमांशु राणा , अमित सिंह
- 7 अप्रैल को पुनः होगी सुप्रीम कोर्ट में सभी केसों पर सुनवाई : गाजी इमाम आला
- मयंक तिवारी : सुप्रीम कोर्ट में योजित याचिका CA4347-4375/2014 पर सुनवाई की अगली तारीख 7 अप्रैल 2017 निर्धारित
- शिक्षक भर्ती को लेकर समस्त विवादों की सुनवाई की तारीख आगामी 7 अप्रैल 2017 को : उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ
BSA इलाहाबाद ने काउंटर लगाया कि शिक्षामित्रों का चयन बेसिक शिक्षा नियमावली से नहीं हुआ है , इनका चयन मात्र संविदा कर्मी के रूप में 11 महीने के लिए हुआ है अतः आरक्षण की बात लागू नहीं होगी ।
इस प्रकार विजय राज भाई शिक्षामित्र नहीं बन सके । RTE एक्ट लागू होने के बाद शिक्षामित्र योजना बंद कर दी गयी ।
इस प्रकार शिक्षामित्र अध्यापक नहीं थे मगर दिनांक 4 जनवरी 2011 को उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी दिखाकर शिक्षामित्रों को कार्यरत शिक्षक बताकर NCTE से सरकार ने शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण हेतु इजाजत मांगी तथा दिनांक 14 जनवरी 2011 को इजाजत मिल गयी ।
जबकि दिनांक 23 अगस्त 2010 को भारत सरकार के राजपत्र से बीएड वालों को नियुक्ति की छूट मिल गयी थी मगर राज्य सरकार ने बीएड बेरोजगारों की अनदेखी कर दी ।
यदि सरकार ने शिक्षामित्रों की बजाय बीएड पर दांव लगाया होता तो उसके लिए अधिक श्रेयष्कर होता ।
प्रशिक्षण के विरुद्ध बीएड वाले हाई कोर्ट गये और स्थगन मिल गया परंतु खंडपीठ ने यह कहकर स्थगन हटा दिया कि यदि ये कार्यरत शिक्षक नहीं होंगे तो इनका प्रशिक्षण याचिका के अंतिम निर्णय के आधीन रहेगा अर्थात निरस्त होगा ।
प्रशिक्षण के बाद वर्ष 2014 एवं 2015 में दो चरणों में लगभग 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ। समायोजन के लिए राज्य सरकार ने राज्य के बाल शिक्षा अधिकार कानून 2011 में प्रथम संशोधन करके शिक्षामित्रों को बगैर टीइटी के ही नियुक्त करने का नियम बनाया और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में 19वां संशोधन करके रूल 16 में उप क्लॉज़ जोड़ा और रूल 8 में शिक्षामित्र योग्यता को स्थान दिया । बीएड और बीटीसी बेरोजगारों ने समायोजन को चुनौती दी । इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ० DY चंद्रचूड ने दोनों संशोधन रद्द कर दिया और शिक्षामित्रों को संविदाकर्मी बताकर उनका समायोजन निरस्त कर दिया ।
चीफ जस्टिस ने स्पष्ट किया कि यूपी बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 से इनका कोई सम्बन्ध नहीं है ।
शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण मामला NCTE पर छोड़ दिया ।
जब सुनवायी चल रही थी तो विजय राज भाई ने कहा कि राहुल भाई इलाहाबाद BSA का काउंटर चीफ साहब को दिखाया जाये तो मैंने कहा कि आप धैर्य रखें दुनिया का सर्वोच्च विद्वान के यहाँ सुनवाई हो रही है, अंत में सत्य खोज लेंगे ।
अंततः चीफ साहब ने संविदाकर्मी बताकर ही समायोजन निरस्त किया ।
ऑनलाइन वर्क में मैं थोड़ा कमजोर हूँ इसलिए श्याम देव मिश्र द्वारा खोजी गयी उमादेवी की नजीर को राजेश राव से मैंने मुकदमे में जिस तरह लिखाया था , चीफ साहब ने उसी शब्दों में आर्डर में उसे लिखाया है ।
शिक्षामित्र/सरकार सुप्रीम कोर्ट गये जहाँ पर उनको दिनांक 7.12.2015 को बीएड के 1100 याचियों को नियुक्ति देने की शर्त पर स्थगन मिला ।
मामला अभी पेंडिंग है । मुकदमे की मेरिट के अनुसार दो प्रश्न निर्मित होते हैं ।
1. जब शिक्षामित्र संविदाकर्मी थे तो फिर इनको प्रशिक्षण क्यों दिया गया क्योंकि वह प्रशिक्षण मात्र कार्यरत शिक्षक को ही दिया जा सकता है ?
2. जब इनका प्रशिक्षण अभी तक निरस्त नहीं है तो फिर ये कार्यरत शिक्षक क्यों नहीं थे और इनका समायोजन क्यों निरस्त हो?
शिक्षामित्र संविदाकर्मी थे लेकिन तथ्य छिपाकर उनको प्रशिक्षण दिया गया है अतः इनका प्रशिक्षण अवैध है । इनका प्रशिक्षण अवैध नहीं घोषित होता है शिक्षामित्र स्वयं को कार्यरत शिक्षक के आधार पर ही प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक बताएँगे । यदि ये कार्यरत शिक्षक थे तो इनको प्रशिक्षण के बाद फिर पुनः नियुक्ति की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
इस प्रकार शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण बचे चाहे न बचे परंतु समायोजन निरस्त होगा क्योंकि RTE एक्ट के बाद इनकी बगैर टीईटी नियुक्ति सम्भव नहीं है अतः समायोजन निरस्त होगा । इस प्रकार मुकदमे की मेरिट के तहत शिक्षामित्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट से कोई भी राहत की खबर नहीं है ।
इनका प्रयास सिर्फ मुकदमे से भागना कब तक सफल रहेगा यह सर्वोच्च अदालत और इनकी किस्मत पर निर्भर है । अगली पोस्ट में बीएड की 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती विवाद, याची राहत एवं नये विज्ञापन पर मुकदमे की मेरिट के अनुसार तर्क रखूँगा । कोर्ट क्या करती है यह कोर्ट जानें । - राहुल पांडेय
- 12460 सहायक अध्यापकों की काउंसलिंग एवं नियुक्ति तिथियों सहित आदेश जारी : क्लिक कर आदेश देखें
- 72825 भर्ती : हमने सरकार को 300 करोड़ रुपया नए ऐड पर दिए है तो हम पूरी 72825 नये ऐड से पद लेंगे
- UPTET बिग ब्रेकिंग न्यूज़ :-सिविल अपील की लिस्टिंग या सुनवाई डेट 07 अप्रैल 2017
- Breaking : ब्रेकिंग न्यूज़ : नई तारीख 7 अप्रेल निर्धारित , हो जाओ तैयार
- UPTET : कुछ ऐसे प्रशन जिन पर sc को आदेश देने से पहले विचार करना होगा
- UPTET : New ऐड क्यों सही है उसके reason : ऐसे ही बहुत से पॉइंट है जो new ऐड के फेवर में है.............
- UPTET : अगली सुनवाई की डेट 7 अप्रैल , sm के वकीलों ने ली डेट
- उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्तर 1,74,776 पद रिक्त : मानव संसाधन विकास मंत्रालय
- CTET Exam 2017: परीक्षा की तारीख में हुआ बदलाव, जानिए- क्या है आधिकारिक अपडेट
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines