55 लाख सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, 7वें वेतन आयोग में बदलाव को कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट ने 7वें पे-कमिशन (7thCPC) की सिफारिशों में सुधार के लिए लाए गए प्रपोजल को मंजूरी दे दी है। इससे गवर्नमेंट इम्प्लॉई और पेंशनर को फायदा होगा। इसमें होने वाले सुधारों का फायदा 1 जनवरी 2016 से दिया जाएगा।
बता दें कि कुछ दिनों पहले अशोक लवासा की अगुवाई वाली समिति ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अपनी समीक्षा रिपोर्ट सौंपी थी। सातवें वेतन आयोग ने कुल 196 भत्तों में से 52 को खत्म करने और 36 अन्य भत्तों को बड़े भत्तों में शामिल करने का सुझाव दिया था।
वहीं पुरानी व्यवस्था के अनुसार, यदि कोई सैन्यकर्मी सेवा के दौरान 100 फीसदी विकलांग हो जाता है तो उसे अंतिम वेतन के बराबर विकलांगता पेंशन मिलती है। इसके अलावा वह अंतिम वेतन के 50 फीसदी के बराबर सामान्य पेंशन का भी हकदार होता है। लेकिन सातवें वेतन आयोग ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया। इसके लिए तीन स्लैब बना दिए गए। इनमें 100 फीसदी विकलांगता होने पर अफसरों (रैंक 10 से ऊपर) के लिए 27 हजार, सूबेदार मेजर तक (रैंक 6 से 9) के लिए 17 हजार रुपये प्रतिमाह और उससे नीचे के पांच रैंकों के लिए 12 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया।
इससे सेवा के दौरान विकलांग होने वाले सैन्य कर्मियों को नुकसान था। मसलन, पांच साल की सेवा के बाद एक सैनिक का वेतन करीब 28-29 हजार के बीच बनता है। सौ फीसदी विकलांग होने पर वह प्रतिमाह इतनी ही पेंशन का हकदार बनता है। लेकिन नए नियम के अनुसार उसे सिर्फ 12 हजार रुपये प्रतिमाह की विकलांगता पेंशन मिलेगी। इसी प्रकार युद्ध में सौ फीसदी विकलांग होने वाले कर्नल का वेतन यदि 80 हजार है तो नए नियम के हिसाब से उसे सिर्फ 27 हजार विकलांगता पेंशन मिलेगी। जबकि पहले यह 80 हजार बनती थी।
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