सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्र समायोजन केस के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु: जिनसे मिला जीवन दान

*==> 3 मई के लिए जीवन दान देने का कार्य किया प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने अब अन्य संगठन एवं टीमों द्वारा श्रेय लेने की मची होड़ |*
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*सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्र समायोजन  केस के कुछ  महत्वपूर्ण बिंदु ---------------|*

*1-*उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा मित्रों के समायोजन को बचाने के लिए पूरी तरह से मजबूत प्रयास किया जा रहा है उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सीनियर अधिवक्ता आर वेंकटरमणी जी को लाया गया है जो की सर्विस मैटर के सीनियर अधिवक्ता है |
*2-* शिक्षामित्र समायोजन केस में अतिरिक्त महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश श्री अजय कुमार मिश्रा जी को समायोजन संबंधी केस में नियुक्त किया गया है लेकिन साथियों अजय कुमार मिश्रा जी के लिए शिक्षामित्र केस की पूरी जानकारी नहीं है एवं इस जानकारी के अभाव में कोर्ट में रहकर किसी तरह का कमेंट करना शिक्षामित्रों के लिए घातक हो सकता है 2 तारीख के लिए होने वाली सुनवाई में यही हुआ की कोर्ट की तरफ से पूछे गए कुछ सवालों के जवाब श्री अजय कुमार मिश्रा जी नहीं दे पाए जिस कारण कोर्ट द्वारा कुछ तल्ख टिप्पणियां शिक्षामित्रों पर की गई जिसे कि एक अखबार द्वारा काफी बढ़ा-चढ़ाकर निकाला गया | साथियों अच्छा यही होगा वह महाधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में ना पहुंचे एवं यदि पहुंचे तो पूरी तैयारी के साथ पहुंचे जिससे प्रदेश सरकार की ओर से जिस उद्देश्य से उनको नियुक्त किया गया है वह उद्देश्य पूरा हो | सरकार की ओर से जब एक सीनियर अधिवक्ता रमणी जी का चयन किया गया है जिन्हें केस की पूरी जानकारी है बेहतर यही होगा कि वह उन्हीं को बोलने दें |
*3-* कल 3 मई 2017 के लिए सर्व प्रथम राम जेठमलानी जी ने बोलना शुरु किया एवं कोर्ट को गलत दिशा पंचायती राज की तरफ लेकर चले गए जिसका कि वहां पर कोई औचित्य नहीं था कुछ देर बहस करने के बाद श्री राम जेठमलानी जी कोर्ट से बाहर चले गए | जो भी साथी कोर्ट में मौजूद रहे या आप के केस को देखने के लिए बहुत सारे अन्य अधिवक्ता द्वारा कोर्ट के अंदर मौजूद रहने पर उन सभी के द्वारा स्पष्ट किया गया कि यदि शिक्षामित्रों को बचाने का किसी ने कार्य किया है तो वह श्री शांति भूषण जी है उन्होंने 11:00 AM बजे से लेकर लंच बाद 3:25 PM तक कोर्ट समाप्त होने तक बहस की एक एक बिंदु के लिए बारीकी से कोर्ट को समझाया | उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बगैर शिक्षामित्रों को नोटिस जारी किए हाई कोर्ट इलाहाबाद के द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर देना एक गलत फैसला है इसको रद्द किया जाए |
*4 -* शुक्रवार 5 मई के लिये शिक्षामित्र केस की सुनवाई शाम 2:00 बजे से 4:00 बजे तक होगी | अगर शुक्रवार को सुनवाई पूरी नहीं होती है तो सोमवार एवं मंगलवार के लिए भी 2:00 बजे से 4:00 बजे तक कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन केस सुना जाएगा | कोर्ट द्वारा स्पष्ट किया गया है कि अब शिक्षामित्र केस के लिए हमारे द्वारा मात्र 6 घंटे दिए जाएंगे एवं मंगलवार को ही इस पर निर्णय लिया जाएगा |
*5-  जज साहब द्वारा उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की ओर से बहस कर रहे सीनियर अधिवक्ता श्री शांति भूषण जी से  बहस के दौरान एसोसिएशन में कार्यरत पदाधिकारियों की जानकारी मांगी लेकिन जब हमारे अधिवक्ता द्वारा सूची उपलब्ध कराने की बात कही तब कोर्ट ने मना कर दिया |*
*अब आज कुछ संगठन या अन्य टीम द्वारा शिक्षा मित्रों को गुमराह कर पैसा ऐंठने की एक स्कीम बनाई जा रही है कि कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों की सूची मांगी गई है एवं उनसे फॉर्म भरवा लिया जाए इस तरह की कोई गतिविधि कोर्ट के द्वारा संचालित नहीं है आपसे अनुरोध है किसी के बहकावे में नाम है आज यदि आपकी नौकरी कोई बचा सकता है तो वह उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ है जो अधिक जानकारी लेना चाहे वह सुप्रीम कोर्ट परिसर में आकर अन्य अधिवक्ता जो कि आपके कोर्ट केस के लिए सुनने को वहां पहुंचते हैं जिनकी संख्या सैकड़ों में होती है वह स्पष्ट रुप से बता देंगे कि उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की ओर से जो वकील खड़े किए गए हैं वही 3 मई के लिए आप का समायोजन बचाने में सक्षम हुए हैं इसलिए किसी के बहकावे मे न आयें है सिर्फ उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ को ही सहयोग करें | अन्यथा किसी तरह की कोई अनहोनी होती है उसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे अपनी आंखें खोलें एवं सही दिशा में अपना सहयोग करें |* धन्यवाद !
आपका
*कौशल कुमार सिंह,*
           प्रदेश मंत्री
*उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ |*
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