32022 अनुदेशक भर्ती के पदों को पारित हुए एक साल बीतने को, लेकिन अब तक कोई लिखित कार्रवाई नहीं, मिला सिर्फ आश्वासन: धीरेन्द्र यादव (प्रदेश अध्यक्ष)

आप सभी संघर्षशील साथियो को आपके भाई धीरेन्द्र यादव का प्यार भरा नमस्कार।।।
साथियो जैसा की आप सभी को पता है की सरकार और अधिकारियो की निरंकुशता को देखते हुए अगली रणनीत पे चर्चा हेतू आप सभी को आमन्त्रित किया गया था उसमे जितने भी लोग अपनी जिम्मेदारी का निर्बहन करते हुए प्रतिभाग किये है संघठन की तरफ से मैं उनका धन्यबाद देता हूँ।।।

कल की मीटिंग की शुरुवात की गयी और एक एक करके सभी उपस्थित लोगो से राय ली गयी।।

इसके पूर्व आप सभी को और उपस्थित लोगो को पूर्ण जानकारी से अवगत कराया गया।।

जो अधिकारियो से बार्ता के दौरान बात कही गयी।।

भर्ती न करने का अधिकारियो का तर्क है की सरकार के पास बजट नही है प्रत्येक दिन विद्यलयों में बच्चों की संख्या कम हो जा रही है बेसिक स्कूल की दशा ठीक नही है तो सबसे पहले उनकी दशा में सुधार किया जायेगा न की भर्ती पे कोई विचार किया जायेगा और
और स्पस्ट रूप से मना किया गया की अभी बेसिक में कोई भर्ती नही करेगे।।

बेसिक शिक्षा मंत्री तो स्पस्ट रूप से मना कर दी की हमारे हाथ में कुछ नही है।।

इसके इतर कुछ और बाते थी जिसपे गहनता से विचार करने की जरूरत थी।।

जैसा की 8 सितम्बर को कैविनेट में 32022 पद को पारित किया गया था और अगस्त का महीना चल रहा है यानि की 1 साल हो रहा है।

इस मुद्दे पे सचिवालय के कुछ अधिकारियो और  जानकर लोगो से बात की गई तो उनके द्वारा ये बताया गया की यदि 1साल तक कोई बजट यूज़ में नही आता या उसपे कोई कार्यवाही नही होती तो उसे पेंडिंग में डाल दिया जाता है जबकि बजट पास होने और 1 साल तक सुरक्षित होने के बाद भी अधिकारी बजट का बहाना बना रहे है और यदि 1 साल बीत जाता है तो उनके पास लिखित में जबाब देने का एक आधार बन जायेगा।।।

मीटिंग में उपस्थित सभी लोगो से रॉय ली गयी जिसमे उपस्थित 99% लोगो ने यही कहा की पहले हमे कोर्ट चलना चाहिए उसके बाद अन्य कोई निर्णय लेना चाहिए सामूहिक रूप से सभी के द्वारा एक ही बात करने की वजह से संघटन ने विचार किया।।

कोर्ट जाने का विचार मज़बूरी में क्यों बनाना पड़ा।।

1-भर्ती को कैविनेट से पास हुए 1 साल पूरा होने को है इसके बाद सरकार बजट का बहाना बनाने में लिखित रूप में आधार पा जायेगी अभी सरकार के पास लिखित रूप में बहाना बनाने का कोई आधार नही है।।

2- जैसा की अधिकारी बार बार ये कह रहे है की हम भर्ती को निरस्त करने की तैयारी में है और स्पस्ट जबाब दे रहे है।।

यदि कोर्ट में मामला चला जायेगा तो इसे निरस्त नही कर पायेगे।।

3- यदि सरकार चाहे तो और चाह भी रही है  तो किसी भी वक्त कैविनेट से निरस्त कर सकती है उसके बाद कोर्ट से भी मजबूत आधार खत्म हो जायेगा।।

क्योंकि उसका कारण है की ये भर्ती सम्बिदा की है और पूर्ण रूप से राज्य सरकार के अधीन भी है।।

दूसरी बात RTE एक्ट के नियम से भी बिल्कुल अलग है निरस्त करने के लिए RTE एक्ट का हवाला दे सकती है।।।

कोर्ट जाने का संगठन का सिर्फ एक मकसद है की पहले भर्ती को सुरक्षित कर लिया जाय।।

इसके संदर्भ पे गहनता से विचार किया गया और एक सप्ताह तक कुछ अधिकारी वकीलो से इसकी पूरी जानकारी जुटाने की कोसिस की गयी।।।

तो सबके द्वारा यही सुझाव दिया गया की यदि सरकार की ऐसी मन्सा है तो सरकार के कोई कदम उठाने के पहले आप सभी को खुद अपना भविष्य सुरक्षित करना होगा।।
क्योंकि अभी लिखित रूप में कोई कार्यवाही नही हुई है और 1 साल पूरा होने का इंतजार किया जा रहा है।।

कोर्ट जाने का जो मुख्य कारण है वो ये है की कैविनेट के द्वारा / सचिव के द्वारा इसे पारित किया गया है जिसमे वित्त विभाग/कार्मिक विभाग/न्याय विभाग और खेल विभाग के द्वारा इसे शनसुति प्रदान की गयी है और जब तक सरकार लिखित में या कैविनेट से कोई कार्यवाही नही करती तब तक ये शासनादेश पूर्ण रूप से उसी तरह प्रभावी है जैसे वो है और मजबूरी में सरकार को GO के तहत ही जबाब दाखिल करना होगा उसमे कोई बहाना नही कर पायेगी।।

और यदि भर्ती को निरस्त करने का कोई प्रस्ताव लाती है तो उसी दिन से ये शासनादेश प्रभाव विहीन हो जायेगा और जिस बात को आधार बना के निरस्त करेगी उस हिसाब से अपना जबाब दाखिल करेगी जो कोर्ट से लड़ना किसी चुनौती से कम नही होगा।।।

संघठन का ये मानना कदापि नही है की धरना प्रदर्शन आमरण अनसन विधान सभा या मुख्यमंत्री आवास घेरने या किसी भी तरह के संघर्ष से पीछे हटना लेकिन सबका यही मत है सरकार की मन्सा के अनुरूप सर्व प्रथम 32022 को सुरक्षित कर लिया जाय उसके बाद ही और कदम उठाया जाय अन्यथा की दशा में यही होगा की कुछ भी हम सभी करेगे और अस्वासन का थोडा सा इंतजार करना होगा उस इंतजार में ऐसा न हो की सब कुछ हाथ से निकल जाय और कोर्ट का मजबूत आधार खत्म हो जाय।।

उदाहरण के रूप में 12460 भर्ती को निरस्त करने की तैयारी की बात मंत्री जी के मुह से आप लोग खुद सुन सके है लेकिन सिर्फ इसलिए कुछ नही कर पा रहे है की कोर्ट में लंबित है।।।

और 2 बार सरकार से जबाब माँगा जा चुका है लेकिन जबाब देने का कोई आधार सरकार के पास नही है।।।

जानकारी के लिए बता दे रुकी हुई लगभग जो भर्ती शुरू हुई है वो अभी तक कोर्ट से ही शुरू हुई है।।।

एक जानकारी और दे दे रहे है हमने पूरी तरह से जानकारी कर ली है और कोर्ट के बारे में इस लिए सबकी सलाह मान ली क्योंकि शासन स्तर से किसी भर्ती पे रोक नही लगी है और न ही लिखित रूप में कोई चाज और समीक्षा चल रही है अभी बिना किसी आधार पे मौखिक रूप से फोन पे संयुक्त सचिव को कहा है।।।

और उसने रोका नही है बल्कि कुछ समय के लिए स्थगित किया है।।

वकील का कहना है किसी भी चीज को स्थगित करने की एक सीमा होती है और स्थगित करने का कारण स्पस्ट होना चाहिए।।।

ये बात अगर हम लोग अधिकारी से पूछेगे और पूछ भी रहे है तो बिना तार्किक और गैर जिम्मेदाराना जबाब दे रहे है लेकिन कोर्ट में ऐसा नही कर सकते उनको जबाब दाखिल ही करना होगा।।।।

कोर्ट जाने का सिर्फ एक ही मकसद है की इस भर्ती को बचाया जा सके।।।

और ऐसी स्थिति आ गयी है की मजबूरन कार्यपालिका और न्याय पालिका की लड़ाई एक साथ लड़नी पड़ रही है और ऐसा सभी कर रहे है सिर्फ एकलौते हम आप नही।।

रिट दाखिल करने के बाद तुरन्त विधान सभा घेराव की डेट घोषित की जायेगी।।
और प्रदेश स्तर पे जागरूकता अभियान और पूरी दमदारी के साथ किया जायेगा।।
अब कुछ लोगो का इसपे भी सवाल होगा तो उनके लिए सिर्फ इतना ही बताना चाहूँगा दोनों लड़ाई सिर्फ रोक हटवाने की होगी न की कुछ और।।।

कुछ लोगो को इस विचार और निर्णय पे आपत्ति हो सकती है।।

लेकिन मेरी उनको एक सलाह है गुमराह होने और किसी को करने के पहले एक बार वो खुद से जा के अधिकारी और मंत्री से मिले उनको सारी हकीकत खुद समझ में आ जायेगी और यदि वहा तक नही पहुँच पाते या पहुचने में कोई समस्या हो रही है वो मुझसे सम्पर्क करे हम खुद वहा पंहुचा देगे और अपने स्तर से सारी जानकारी कर ले।।

बाकि जो लोग संघटन या मुझपे भरोषा करते है उनको एक कटु सत्य बात बताना चाहूँगा।।

इस लड़ाई की शुरुवात मैंने उस वक्त की थी जब आप न मुझे जानते तक नही थे और जिसका कोई नियम कानून नही था इस संघर्ष के दौरान बहुत बिषम परिस्थियां हमारे सामने आयी लेकिन हमने कभी हार नही मानी और आज यहाँ तक पंहुचा दिया।।

और आज अगर कोई निर्णय लिया जा रहा है तो बी पी एड के वजूद और सभी के भविष्य को ध्यान में रखके लिया जा रहा है।।

मैं सिर्फ इतना ही भरोषा दिला सकता हूँ।।
सब कुछ मेरे हाथ में तो नही है की एक निश्चित समय में पूरा करवा दूँ।।

लेकिन आप की उम्मीद टूटने नही दूँगा ये मैं वादा करता हूँ।।

सन्देश बहुत लम्बा हो रहा है और देर से दे पाने का कारण आज छुट्टी थी और कुछ साथी बाहर से आये थे उनके साथ बहुत सारे वकीलो से विचार विमर्श करना था जिसकी वजह से टाइम नही मिल पाया।।

बाकि कुछ और जानकारी कल की पोस्ट में।।

आपके संघर्षो का साथी।।
आपका भाई।।
धीरेन्द्र यादव (प्रदेश अध्यक्ष)
बी पी एड संघर्ष मोर्चा।।
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