प्रस्तावित 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती मे जनपद वार पदों के विवरण को लेकर सुबह से कोहराम मचा हुआ है । 1,37,000 शिक्षा मित्रों एक अवैध समायोजन से रिक्त हुए पदों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार भर्तियाँ होनी है ।
सरकार द्वारा 30 नवंबर 2017 को पत्र जारी करते हुए बताया गया की उत्तर प्रदेश मे समायोजित शिक्षा मित्रों की संख्या 1,21,063 है । इसका विवरण पोस्ट मे संलग्न किया जा रहा है । उक्त विवरण के आधार पर जनपदवार रिक्तियों को अनुमान लगाया जा सकता है ।
कुछ जनपद जिनमे हमेशा से कम सीट आती रही है उन जनपदों मे समायोजन रद्द होने के बाद भी कम सीट आएंगी क्योंकि शासन द्वारा अंतरजनपदीय तबादलों की तैयारी की जा रही है । इन तबादलों मे लखनऊ , कानपुर नगर , मेरठ , गाजियाबाद , गौतमबुद्ध नगर आदि जनपदों की अधिक डिमांड रहती है । अंतरजनपदीय तबादलों से सारी सीट भर जाती है इसलिए सीधी भर्ती मे इन जनपदों के अभ्यर्थियों को 10 या 5 सीट दे दी जाती है । जिला वरीयता के अवैध नियम के चलते इन जनपदों के अभ्यर्थी नौकरी से वंचित रह जाते हैं ।
कम सीट वाले जनपद के अभ्यर्थी सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश शासन , निदेशक व सचिव कार्यालय पर दबाव बनाकर जिला वरीयता के अवैध नियम हो हटवाने का प्रयास करें । अंतरजनपदीय तबादलों के लिए यदि नीति जारी होती है तो बी टी सी ट्रेनी वेलफ़ेयर असोसियेशन द्वारा उसका विरोध किया जाएगा क्यूकी अवैध समायोजन से रिक्त हुए पदों को तबादलों से भरना असंवैधानिक है । अंतरजनपदीय तबादलों का लाभ नौकरी पाये बी टी सी अभ्यर्थियों को नही मिलने जा रहा है क्योंकि समय सीमा 5 वर्ष तय की गयी है ।
अभी समय है कम सीट वाले जनपद के अभ्यर्थी यदि अभी प्रयास कर लें तो कुछ भला हो सकता है अन्यथा की दशा मे अपनी किस्मत को कोसने के लिए आपका पूरा जीवन पड़ा हुआ है ।
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सरकार द्वारा 30 नवंबर 2017 को पत्र जारी करते हुए बताया गया की उत्तर प्रदेश मे समायोजित शिक्षा मित्रों की संख्या 1,21,063 है । इसका विवरण पोस्ट मे संलग्न किया जा रहा है । उक्त विवरण के आधार पर जनपदवार रिक्तियों को अनुमान लगाया जा सकता है ।
कुछ जनपद जिनमे हमेशा से कम सीट आती रही है उन जनपदों मे समायोजन रद्द होने के बाद भी कम सीट आएंगी क्योंकि शासन द्वारा अंतरजनपदीय तबादलों की तैयारी की जा रही है । इन तबादलों मे लखनऊ , कानपुर नगर , मेरठ , गाजियाबाद , गौतमबुद्ध नगर आदि जनपदों की अधिक डिमांड रहती है । अंतरजनपदीय तबादलों से सारी सीट भर जाती है इसलिए सीधी भर्ती मे इन जनपदों के अभ्यर्थियों को 10 या 5 सीट दे दी जाती है । जिला वरीयता के अवैध नियम के चलते इन जनपदों के अभ्यर्थी नौकरी से वंचित रह जाते हैं ।
कम सीट वाले जनपद के अभ्यर्थी सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश शासन , निदेशक व सचिव कार्यालय पर दबाव बनाकर जिला वरीयता के अवैध नियम हो हटवाने का प्रयास करें । अंतरजनपदीय तबादलों के लिए यदि नीति जारी होती है तो बी टी सी ट्रेनी वेलफ़ेयर असोसियेशन द्वारा उसका विरोध किया जाएगा क्यूकी अवैध समायोजन से रिक्त हुए पदों को तबादलों से भरना असंवैधानिक है । अंतरजनपदीय तबादलों का लाभ नौकरी पाये बी टी सी अभ्यर्थियों को नही मिलने जा रहा है क्योंकि समय सीमा 5 वर्ष तय की गयी है ।
अभी समय है कम सीट वाले जनपद के अभ्यर्थी यदि अभी प्रयास कर लें तो कुछ भला हो सकता है अन्यथा की दशा मे अपनी किस्मत को कोसने के लिए आपका पूरा जीवन पड़ा हुआ है ।
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