एकीकृत नीति से राज्यों में मजबूत होगा स्कूली शिक्षा का ढांचा

नई दिल्ली : बिखरी हुई स्कूली शिक्षा को एकीकृत करने का काम शुरू हो गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा बच्चों को मिलेगा, जिन्हें अब नर्सरी से 12वीं तक एक जैसी शिक्षा मिलेगी।
अभी स्कूली शिक्षा अलग-अलग स्तरों में बंटी हुई है। ऐसे में इसकी निगरानी से पाठ्यक्रम तक तैयार करने का जिम्मा प्रत्येक स्तर पर अलग-अलग हाथों में होता है। 1स्कूली शिक्षा को एकीकृत करने की घोषणा सरकार ने बजट में की थी। इस पहल के तहत स्कूली शिक्षा का हिस्सा नर्सरी भी होगा। अभी यह किसी का हिस्सा नहीं था। नर्सरी से 12वीं तक स्कूली शिक्षा के संचालन की अब एक नीति होगी। अभी इसका संचालन शिक्षा का अधिकार (आरटीई), सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान जैसी अलग-अलग योजनाओं के तहत होता है। ऐसे में पूरी स्कूली शिक्षा के बीच कोई तालमेल नहीं बन पा रहा है। इसका असर स्कूली शिक्षा के अलग-अलग स्तरों पर दिखाई देता था। इसके चलते पांचवी से निकलने के बाद बच्चों के ड्राप आउट का प्रतिशत बढ़ जाता था।

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