इलाहाबाद :आखिरकार परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के अंतर जिला तबादलों की घड़ी आ गई। सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम सचिवालय एनेक्सी स्थित अपने कार्यालय में ऑनलाइन तबादलों का शुभारंभ करेंगे।
यह तबादले अफसरों की अनसुनी, लेटलतीफ कार्यशैली की नजीर बन गए हैं, क्योंकि ठीक एक वर्ष पहले 13 जून, 2017 को इसका शासनादेश हुआ और अब उसी तारीख को तबादला आदेश जारी करने का मुहूर्त तय हो सका है। इस दौरान कई बार नियम बदले, दो बार शिक्षकों से आवेदन लिए गए। अंतर जिला तबादले के लिए करीब 37 हजार शिक्षकों ने दावेदारी की है, लेकिन इसका लाभ मुट्ठी भर शिक्षकों को ही मिलने के आसार हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों का अंतर जिला तबादले का शासनादेश भले ही जून 2017 में हुआ लेकिन, तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया छह माह बाद 16 जनवरी से शुरू हुई। इसमें वही शिक्षक आवेदन कर सकते थे, जिन्होंने पांच वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो। पहले चरण में करीब 15 हजार शिक्षकों ने दावेदारी की थी। इस आदेश के विरुद्ध महिला शिक्षक हाईकोर्ट पहुंची, कोर्ट ने इन शिक्षिकाओं को राहत देते हुए निर्देश दिया कि पति के निवास स्थान या फिर ससुराल वाले जिले में जाने वाली महिला शिक्षिकाओं को पांच वर्ष की सेवा से छूट दी जाए।
शासन ने इस मामले में सिर्फ याचियों को राहत देने का निर्देश दिया। अन्य शिक्षिकाओं ने फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तब सभी महिला शिक्षिकाओं को यह लाभ देने का आदेश हुआ। इस पर काउंसिलिंग रोक दी गई। नौ फरवरी से महिला शिक्षिकाओं से आवेदन लेने के लिए फिर वेबसाइट खोली गई और 15 फरवरी तक आवेदन लिए गए। इसकी काउंसिलिंग और अभिलेखों के सत्यापन की प्रक्रिया महीनों तक चली, कई बार समय सीमा बढ़ाई गई। पिछले दिनों तबादले की वेबसाइट डिजिटल लॉक करने के लिए भी तीन बार समय सीमा बढ़ी और 11 जून को यह प्रक्रिया जैसे-तैसे पूरी हो सकी है।
काउंसिलिंग के बाद 7767 शिक्षकों के आवेदन निरस्त
परिषद के 37602 शिक्षकों ने अंतर जिला तबादले के लिए आवेदन किया था। उनमें से 7767 शिक्षकों के आवेदन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने काउंसिलिंग के बाद निरस्त कर दिए। अब केवल 29835 शिक्षक ही दावेदार बचे हैं। इसमें 25086 महिला शिक्षक व 4749 पुरुष शिक्षक हैं।
47 हजार से अधिक रिक्त पदों को मांगा था आवेदन
परिषद के प्रदेश भर के जिलों में प्राथमिक स्कूलों में 40766 व उच्च प्राथमिक में 6719 शिक्षकों सहित कुल 47485 शिक्षकों के पद खाली थे। इसमें उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद पर आवेदन नहीं किया जा सकता था।
गंभीर रूप से बीमार पुरुष शिक्षकों का प्रकरण कोर्ट में
इन तबादलों के लिए उन पुरुष शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है, जो गंभीर रूप से बीमार हैं। कोर्ट ने सरकार को इनका संज्ञान लेने का निर्देश दिया लेकिन, अब तक अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। ऐसे याचियों की संख्या सैकड़ों में बताई जा रही है।
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