अलीगढ़ : बेसिक शिक्षा परिषद के ग्रामीण इलाकों के विद्यालयों में तैनात
शिक्षक व शिक्षिकाएं अब आसानी से अपना तबादला नेताजी से जुगाड़ कर नहीं करा
सकेंगे। शासन ने स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं कि यदि शिक्षकों द्वारा
अपने तबादले में जनप्रतिनिधियों की सिफारिश ली जाए तो तबादला नहीं होगा।
हाथरस जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक
विद्यालयों की संख्या 1513 है। इन विद्यालयों में करीब चार हजार शिक्षक व
शिक्षिकाएं एक लाख नौ हजार विद्यार्थियों को शिक्षा देते है। अधिकतर शिक्षक
व शिक्षिकाएं अपने घर के निकट व सड़क किनारे वाले विद्यालयों में नौकरी
करना पंसद करते हैं। इसके लिए वो अपनी जुगाड़ बैठाने में कोई कसर नहीं
छोड़ते। जनप्रतिनिधियों के जरिए सिफारिश कराकर अफसरों पर दबाब बनाते हैं,
लेकिन अब शिक्षकों को अपनी मनमानी वाले विद्यालय में तबादला कराने के लिए
अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़ेगी। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षा निदेशक ने जिला
बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि बेसिक शिक्षा
विभाग के अंतर्गत कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों का
स्थानातंरण वार्षिक स्थानांतरण नीति के अधीन किया जाता है। अनुभव किया गया
है कि स्थानांतरण कराने व निरस्त कराने में राजनैतिक या अन्य बाह्य प्रभाव
का का उपयोग किया जाता है। कोई भी सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा से संबंधित
मामलों के विषय में अपने हितों की वृद्धि करने के मकसद कोई भी दबाव नहीं
डलवाएगा। जल्द ही जिला स्तर पर स्थानांतरण व समायोजन होने हैं। इसको देखते
हुए उच्च अधिकारियों ने निर्देश जारी किए हैं। खास बात यह है कि शासन से
मिले निर्देश के बाद शिक्षको में खलबली मच गई है।
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