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शासनादेश पर शिक्षामित्रों ने योगी का जताया आभार

हाथरस– आदर्श समायोजित शिक्षक (शिक्षामित्र) वेलफेयर एसोसियेशन के माण्डलिक मंत्री व जिलाध्यक्ष ब्रजेश वशिष्ठ ने उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संगठन की बहुप्रतीक्षित मांग पर निर्णय लिये जाने को देर आये, दुरूस्त आये की संज्ञा देते हुए शिक्षामित्रों को आंशिक राहत देते हुए इस निर्णय पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है और संतोष व्यक्त किया है।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में उ.प्र. सरकार ने 1 अगस्त 2017 से समायोजन रद्द करते हुए शिक्षामित्रों का मानदेय 11 माह के लिए 10 हजार रूपये प्रतिमाह कर दिया था किन्तु समायोजित शिक्षामित्र जो कि 70 से 80 किमी की दूरी एक तरफ की तय करते थे। उन्हें आवागमन में ही ग्रामीण क्षेत्रों के सूदूर क्षेत्रों में काफी पैसा पेट्रोल में खर्च करना पडता था और काफी परेशानी उठानी पड रही थी। बहुत अच्छा होता कि उ.प्र. सरकार तभी निर्णय ले लेती।
जिलाध्यक्ष ब्रजेश वशिष्ठ ने बताया कि संगठन ने ऐसे शिक्षामित्रों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए मूल विद्यालयों में विकल्प के आधार पर वापिसी की मांग को शासन के समक्ष कई बार रखा था जिसके फलस्वरूप 20 जून 2018 को शिक्षा निदेशक ने संगठन के मांग पत्र के अनुरूप उक्त मांग का प्रस्ताव उ.प्र. शासन को विचारार्थ भेजा था जिस पर मुख्यमंत्री ने निर्णय लेकर शिक्षामित्रों को फौरी तौर पर आंशिक रूप से राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा उ.प्र. के मुख्यमंत्री 1.70 लाख शिक्षामित्रों व उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित/संरक्षित करने के सम्बंध में भी यथाशीघ्र निर्णय लेकर शिक्षामित्रों के साथ विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा के घोषणापत्र में किये गये वायदों को पूर्ण करके अपनी कथनी व करनी को एक मानते हुए आदर्श प्रस्तुत करें जिससे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा पत्रकार वार्ता में किये गये वायदे व प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वाराणसी में सितम्बर 2015 में जनसभा के दौरान शिक्षामित्रों से किये गये वायदे पूर्ण हो सके।

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