इलाहाबाद : उप्र न्यायिक सेवा (सिविल जज जूनियर डिवीजन) यानी पीसीएस-जे
2018, में प्रारंभिक परीक्षा से पहले पदों के बढ़ने की संभावना है। पहले
शासन से उप्र लोक सेवा आयोग यानि यूपीपीएससी के पास पदों के लिए अधियाचन
(भर्ती प्रस्ताव) आया था जिसको बढ़ाकर अब कर दिया गया है।
और भी रिक्तियां
होने के संकेत मिलने पर यूपीपीएससी ने भर्तियों का विज्ञापन देर से जारी
करने का निर्णय लिया है। 1प्रदेश की निचली अदालतों में जजों के रिक्त पदों
पर भर्तियां यूपीपीएससी कराता है। 2017-18 में भर्ती यूपीपीएससी कराए या
फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट, इस पसोपेश में परीक्षा नहीं हो सकी थीं। लेकिन,
इलाहाबाद हाईकोर्ट का प्रस्ताव प्रदेश शासन ने नामंजूर कर जिम्मेदारी आखिर
यूपीपीएससी को ही सौंपी। इस पर करीब ढाई महीने पहले पदों का अधियाचन देकर
यूपीपीएससी से परीक्षा की तैयारियां शुरू कराने को कहा गया। जुलाई में इसका
विज्ञापन जारी होना था लेकिन, शासन से 56 रिक्तियों का और अधियाचन भेज
दिया गया। कुल पद हो जाने के बाद यूपीपीएससी ने विज्ञापन जारी करने की
तैयारी की तो पदों में और वृद्धि के संकेत मिल गए। आसार जताए जा रहे हैं कि
प्रदेश की निचली अदालतों में जजों की भारी कमी और पिछले सत्र में
पीसीएस-जे की परीक्षा न हो पाने के चलते इस बार करीब 450 पदों के लिए भर्ती
कराई जा सकती है।1यूपीपीएससी के सचिव जगदीश का कहना है कि प्रारंभिक
परीक्षा तक पदों के बढ़ने की संभावना बराबर बनी रहेगी। फिलहाल रिक्त पद
प्राप्त हो चुके हैं। इसमें और वृद्धि होनी है इसलिए विज्ञापन जारी करने
में देर हो रही है। कहा कि विज्ञापन जारी करने के बाद भी रिक्त पद स्वीकार
किए जा सकते हैं।
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