ज्ञानपुर। प्राथमिक विद्यालयों में सितंबर से नियुक्त जिले के 167 शिक्षकों
को चार माह बाद भी वेतन नहीं मिल सका। इससे उन्हें आर्थिक परेशानी से
जूझना पड़ रहा है। अब तक चुप बैठे शिक्षक वेतन के लिए सुर तेज करने लगे
हैं। उनका कहना है कि वाराणसी में तीन सत्यापन के बाद वेतन जारी हो गया,
जबकि जिले में ऐसा नहीं हो रहा है।
सितंबर 2018 में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 41 हजार 500 शिक्षकों की भर्ती कराई गई। इनमें 167 शिक्षकों की जिले में नियुक्ति हुई, लेकिन सत्यापन लंबित होने से उनका वेतन जारी नहीं हो सका है। ऐसे में शिक्षकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। परेशान शिक्षक बीआरसी से लेकर जिला मुख्यालय का चक्कर काट रहे हैं। सूत्रों की मानें तो शासन की तरफ से अक्तूबर में सत्यापन कार्य में तेजी लाकर शीघ्र वेतन जारी करने का फरमान जारी किया गया, लेकिन अभी तक अभिलेखों का सत्यापन नहीं हो सका। विभाग के अनुसार विभिन्न बोर्ड और विश्वविद्यालयों के अभिलेखों को सत्यापन कराने के लिए भेजा गया है। इसमें हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक, परास्नातक, बीएड, टेट, बीटीसी आदि के प्रमाणपत्रों का सत्यापन होना है। संबंधित बोर्ड या विश्वविद्यालय से सत्यापन होने के बाद ही वेतन जारी होगा। शासन की ओर से निर्देश है कि बिना प्रमाणपत्रों के सत्यापन के वेतन न जारी किया जाए। नए शिक्षकों का वेतन जारी न होने से शिक्षक संघ ने भी नाराजगी जताई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार ने कहा कि चार सत्यापन के बाद ही वेतन जारी करने का शासनादेश है। चार सत्यापन पूर्ण होने पर ही वेतन जारी हो सकेगा। वाराणसी में तीन सत्यापन की बात पर कहा कि उन्हें उसके बारे में मालूम नहीं है।
सितंबर 2018 में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 41 हजार 500 शिक्षकों की भर्ती कराई गई। इनमें 167 शिक्षकों की जिले में नियुक्ति हुई, लेकिन सत्यापन लंबित होने से उनका वेतन जारी नहीं हो सका है। ऐसे में शिक्षकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। परेशान शिक्षक बीआरसी से लेकर जिला मुख्यालय का चक्कर काट रहे हैं। सूत्रों की मानें तो शासन की तरफ से अक्तूबर में सत्यापन कार्य में तेजी लाकर शीघ्र वेतन जारी करने का फरमान जारी किया गया, लेकिन अभी तक अभिलेखों का सत्यापन नहीं हो सका। विभाग के अनुसार विभिन्न बोर्ड और विश्वविद्यालयों के अभिलेखों को सत्यापन कराने के लिए भेजा गया है। इसमें हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक, परास्नातक, बीएड, टेट, बीटीसी आदि के प्रमाणपत्रों का सत्यापन होना है। संबंधित बोर्ड या विश्वविद्यालय से सत्यापन होने के बाद ही वेतन जारी होगा। शासन की ओर से निर्देश है कि बिना प्रमाणपत्रों के सत्यापन के वेतन न जारी किया जाए। नए शिक्षकों का वेतन जारी न होने से शिक्षक संघ ने भी नाराजगी जताई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार ने कहा कि चार सत्यापन के बाद ही वेतन जारी करने का शासनादेश है। चार सत्यापन पूर्ण होने पर ही वेतन जारी हो सकेगा। वाराणसी में तीन सत्यापन की बात पर कहा कि उन्हें उसके बारे में मालूम नहीं है।