मैनपुरी। बीएड की फर्जी डिग्री हासिल कर शिक्षक बनने वाले 81 शिक्षकों की
नौकरी अब और अधिक नहीं चल सकेगी। एसआईटी की कार्रवाई के बाद अब शासन ने भी
बीएसए को 30 जनवरी तक इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश जारी
किए हैं।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के नाम से शिक्षा सत्र 2008 से 2012 तक बड़ी संख्या में फर्जी बीएड की डिग्री जारी की गईं। इसकी शासन ने एसआईटी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच के दौरान एसआईटी ने प्रदेश भर में चार हजार से अधिक बीएड डिग्री धारक वे लोग पाए जो बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर नौकरी कर रहे थे।
एसआईटी की टीम नवंबर 2017 में जिले में पहुंची और डायट भोगांव से वर्ष 2008
से 2016 तक डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की बीएड डिग्री हासिल
कर शिक्षक बनने वाले लोगों की जांच की। जांच के बाद पाया गया कि जिले में
81 शिक्षकों के अभिलेख फर्जी हैं। इसके बाद एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को
सौंपी। शासन ने बेसिक शिक्षाधिकारी को इन शिक्षकों की सूची सीडी के माध्यम
से सौंपी। बीएसए विजय प्रताप सिंह ने कई बार डॉ. भीमराव आंबेडकर
विश्वविद्यालय से इन शिक्षकों के अभिलेखों के बारे में जानकारी मांगी,
लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब शासन ने एसआईटी द्वारा उपलब्ध कराई गई सीडी
फिर से बीएसए को भेजी है। सीडी में शामिल सभी शिक्षकों को शासन ने 30 जनवरी
तक चिह्नित कर सेवा समाप्ति करने के निर्देश दिए हैं।
दो बार जारी किए जा चुके हैं नोटिस
फर्जी बीएड डिग्री धारक शिक्षकों की जांच वर्ष 2017 में शुरू हुई थी। वर्ष 2018 में एसआईटी ने इन शिक्षकों को फर्जी घोषित करते हुए सीडी सचिव बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से बीएसए को भेजी थी। जिले में 81 शिक्षक इस सीडी में भेजी गई सूची में शामिल थे। इन शिक्षकों को वर्ष 2018 में दो बार सेवा समाप्ति के नोटिस जारी किए गए। अब इनकी सेवा समाप्ति की तैयारी अंतिम दौर में है। 30 जनवरी से पहले कभी भी इनको सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया जाएगा।
जिले में 31 शिक्षकों की सेवाएं हो चुकी हैं समाप्त
पूर्व बीएसए रामकरन यादव की जांच में भी जिले में 31 शिक्षक फर्जी पाए गए थे। बीएसए को प्रदेश में की गई 29 हजार शिक्षक भर्ती के तहत कार्यरत 2093 में से आठ, 10 हजार शिक्षक भर्ती 2014 में जिले में कार्यरत 119 में से 13 तथा 10 हजार 800 शिक्षक भर्ती के तहत जिले में कार्यरत 111 में से 10 शिक्षक फर्जी मिले थे। पूर्व बीएसए रामकरन यादव ने इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करते हुए थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी के लिए निर्देश प्राप्त हुए हैं। किसी प्रकार की गलती न हो जाए इसके लिए विभाग से भेजी गई सीडी की जांच की जा रही है। जांच पूरी होते ही निर्धारित समय में सभी फर्जी शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के नाम से शिक्षा सत्र 2008 से 2012 तक बड़ी संख्या में फर्जी बीएड की डिग्री जारी की गईं। इसकी शासन ने एसआईटी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच के दौरान एसआईटी ने प्रदेश भर में चार हजार से अधिक बीएड डिग्री धारक वे लोग पाए जो बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर नौकरी कर रहे थे।
दो बार जारी किए जा चुके हैं नोटिस
फर्जी बीएड डिग्री धारक शिक्षकों की जांच वर्ष 2017 में शुरू हुई थी। वर्ष 2018 में एसआईटी ने इन शिक्षकों को फर्जी घोषित करते हुए सीडी सचिव बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से बीएसए को भेजी थी। जिले में 81 शिक्षक इस सीडी में भेजी गई सूची में शामिल थे। इन शिक्षकों को वर्ष 2018 में दो बार सेवा समाप्ति के नोटिस जारी किए गए। अब इनकी सेवा समाप्ति की तैयारी अंतिम दौर में है। 30 जनवरी से पहले कभी भी इनको सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया जाएगा।
जिले में 31 शिक्षकों की सेवाएं हो चुकी हैं समाप्त
पूर्व बीएसए रामकरन यादव की जांच में भी जिले में 31 शिक्षक फर्जी पाए गए थे। बीएसए को प्रदेश में की गई 29 हजार शिक्षक भर्ती के तहत कार्यरत 2093 में से आठ, 10 हजार शिक्षक भर्ती 2014 में जिले में कार्यरत 119 में से 13 तथा 10 हजार 800 शिक्षक भर्ती के तहत जिले में कार्यरत 111 में से 10 शिक्षक फर्जी मिले थे। पूर्व बीएसए रामकरन यादव ने इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करते हुए थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी के लिए निर्देश प्राप्त हुए हैं। किसी प्रकार की गलती न हो जाए इसके लिए विभाग से भेजी गई सीडी की जांच की जा रही है। जांच पूरी होते ही निर्धारित समय में सभी फर्जी शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए