केवी ने शिक्षक भर्ती का रिजल्ट घोषित करने को चुनाव आयोग से मांगी अनुमति, जल्द विद्यालयों को मिलेंगे नए शिक्षक

केवी ने शिक्षक भर्ती का रिजल्ट घोषित करने को चुनाव आयोग से मांगी अनुमति, जल्द विद्यालयों को मिलेंगे नए शिक्षक
primary ka master, primary ka master current news, primarykamaster, basic siksha news, basic shiksha news, upbasiceduparishad, uptet
Originally published by https://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/

नई दिल्ली : देश भर के सरकारी स्कूल मौजूदा समय में जहां शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं, वहीं केंद्रीय विद्यालयों में नये शैक्षणिक सत्र से शिक्षकों की एक भी वेकैंसी नहीं रहेगी। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने अपने स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े सभी आठ हजार पदों पर भर्ती का काम पूरा कर लिया है। सिर्फ इनमें से छह हजार पदों के परिणाम घोषित होने बाकी हैं। विद्यालय सगंठन ने इसे लेकर चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है। माना जा रहा है कि नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले इसकी भी अनुमति मिल जाएगी।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय की देखरेख में संचालित होने वाले इन स्कूलों की संख्या मौजूदा समय में देश भर में करीब 1200 है। इन विद्यालयों की स्थापना सेना और अर्धसैनिक बल में पदस्थ जवानों के बच्चों के साथ केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए की गई है। मौजूदा समय में ऐसे स्कूल देश के लगभग सभी जिलों में हैं। शैक्षणिक गुणवत्ता के लिहाज से इन स्कूलों की काफी अहमियत है। बावजूद इसके पिछले कुछ सालों से यह स्कूल शिक्षकों की भारी कमी का सामना कर रहे थे। संविदा शिक्षकों के जरिए स्कूलों का संचालन हो रहा था। हालांकि सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल में इसे भरने का फैसला लिया।


स्कूलों की गुणवत्ता को सुधारने में जुटी सरकार का वैसे भी शिक्षकों की कमी को खत्म करने और इनके इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने पर पूरा जोर रहा है। इसके लिए राज्यों को कई बार निर्देश भी दिए गए। हालांकि यह असर सिर्फ केंद्रीय विद्यालय तक ही सीमित है, क्योंकि इन स्कूलों का संचालन केंद्र के अधीन था। राज्यों में मौजूद सरकारी स्कूलों की स्थिति अभी भी जस की तस है। वजह राज्यों का रवैया है। इसके चलते इन स्कूलों में शिक्षकों की अभी भी बड़े पैमाने पर पद खाली पड़े हुए है। सरकार की ओर से पिछले सत्र में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में मौजूद सरकारी स्कूलों में मौजूदा समय में शिक्षकों के करीब दस लाख पद खाली पड़े है। इनमें से हजारों स्कूल ऐसे हैं, जो एक ही शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं।