अशासकीय महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 47 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 पदों की भर्ती उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग (यूपीएचईएससी) पूरी नहीं करवा पा रहा है। इस भर्ती को रफ्तार ढाई साल बाद भी नहीं मिल सकी है। यूपीएचईएससी के सामने सबसे बड़ी चुनौती 12 जनवरी को हुई तीसरे चरण की लिखित परीक्षा पर आए संकट को खत्म करने की है।
इस परीक्षा में प्रदेश भर के 17196 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था लेकिन, परीक्षा में 9989 अभ्यर्थी ही शामिल हुए थे। छह विषयों के लिए तीसरे चरण में हुई परीक्षा का प्रश्नपत्र आउट होने के गंभीर आरोप लगने पर न्यायिक जांच शुरू करा दी गई थी। अप्रैल माह आधा बीतने के बाद भी न्यायिक जांच रिपोर्ट पर पर्दा पड़ा है। जबकि इससे प्रदेश के 9989 अभ्यर्थियों का भविष्य सीधे जुड़ा है क्योंकि न्यायिक जांच समिति को जो साक्ष्य दिए जा चुके हैं, उनके आधार पर परीक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। जबकि यूपीएचईएससी से इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब भी नहीं मिल रहा है। अभ्यर्थियों की तकलीफ यह है कि आवेदन ढाई साल पहले किया गया था और भर्ती की तस्वीर अब भी धुंधली ही है। परीक्षा संस्था उन्हें लगातार टरका रही है। चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते विरोध प्रदर्शन से भी परहेज है। ऐसे में अभ्यर्थी यूपीएचईएससी के अधिकारियों से सीधी बात का ही एकमात्र रास्ता तलाश रहे हैं।
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