पीसीएस जे परीक्षा 2018 के बाद सिविल जजों की भर्ती मई तक होना मुश्किल

प्रयागराज : पीसीएस जे परीक्षा 2018 को पूरी कराने में उप्र लोक सेवा आयोग यानी यूपीपीएससी ने जिस तरह से रफ्तार पकड़ी थी वह गति अब मंद पड़ गई है। मुख्य परीक्षा का परिणाम अब तक न आने से आगे की प्रक्रिया समय से पूरी होने के आसार काफी कम हो गए हैं। 610 जजों का चयन मई तक हो पाना इसलिए मुश्किल होगा क्योंकि पदों की संख्या पहले की भर्तियों से तीन गुना अधिक है और यूपीपीएससी के पास बोर्ड भी सीमित हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय का भी इस बात पर जोर है कि जजों की नई भर्ती जल्द हो। कोर्ट के रुख को देखते हुए यूपीपीएससी ने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा कराने में काफी तेजी दिखाई। 16 दिसंबर को प्रारंभिक परीक्षा और 30, 31 जनवरी व एक फरवरी को मुख्य परीक्षा करा ली गई। कोर्ट में हलफनामा देकर यूपीपीएससी की ओर से बताई गई समय सारिणी के अनुसार 20 मई तक अंतिम परिणाम घोषित करने और 19 जून तक चयनितों को नियुक्ति पत्र देने की तारीख तय की गई है। मुख्य परीक्षा भी यूपीपीएससी ने 15 फरवरी को निर्धारित की थी लेकिन, इसे 15 दिन पहले ही करा दिए जाने से अभ्यर्थियों का अनुमान था कि मार्च में मुख्य परीक्षा का परिणाम भी आ जाएगा। लेकिन, परिणाम अभी लंबित है। हालांकि यूपीपीएससी की ओर से इसके लिए दो अप्रैल की तारीख निश्चित की गई है जिससे कुछ उम्मीदें अभी कायम हैं। परीक्षा प्रक्रिया की गति धीमी पड़ने से मई तक इसके पूरी होने के आसार भी कम हो गए हैं। मुख्य परीक्षा का परिणाम यदि दो तीन दिनों में आ भी जाए तो साक्षात्कार के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी करवाने और 610 पदों के सापेक्ष तीन गुना यानी 1830 से अधिक अभ्यर्थियों के साक्षात्कार ही पूरे करने में कम से कम डेढ़ माह का समय लगने का अनुमान है।

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